उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीते 17 जून को कहा था कि कोरोना संक्रमण की फ़र्ज़ी टेस्ट रिपोर्ट जारी होने का मामला उनसे पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुआ था. कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन किया गया था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ के दौरान कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार को प्रतिदिन 50,000 नमूनों की जांच कराने का निर्देश दिया था, जिसके लिए ज़िला स्वास्थ्य विभाग ने एक कंपनी के ज़रिये कुछ निजी लैबों को ज़िम्मा सौंपा था. आरोप हैं कि इन्होंने फ़र्ज़ी निगेटिव कोविड जांच रिपोर्ट जारी कीं.
कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन किया गया था. एक शख़्स ने आईसीएमआर से शिकायत की है कि इस दौरान उन्हें हरिद्वार से कोविड सैंपल लिए जाने का मैसेज आया जबकि वे पंजाब में थे. उनका आरोप है कि फ़र्ज़ी टेस्ट के लिए उनके मोबाइल नंबर और आधार का दुरुपयोग किया गया.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर और आईसीयू उपकरणों का ऑडिट कराया जाए ताकि पता चल सके कि कितने वेंटिलेटर और उपकरण इस्तेमाल नहीं हुए और इसकी क्या वजह है. अदालत ने सरकार से कोविड जांच में कथित अनियमितताओं पर भी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी उन वीडियो के आधार पर की, जिसमें ये देखा जा सकता है कि चार धामों में से दो- बद्रीनाथ और केदानाथ में बड़ी संख्या में साधू/पुजारी कोरोना नियमों को उल्लंघन करते हुए घूम रहे हैं. इसके साथ ही अदालत ने राज्य के दूरदराज़ के इलाकों में रह रहे लोगों की चिकित्सकीय ज़रूरतों पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र की खिंचाई करते हुए कहा कि वह पर्वतीय प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है.
तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार को हाईकोर्ट ने आगामी चारधाम यात्रा के लिए जल्द मानक परिचालन प्रक्रिया जारी करने का निर्देश दिया है. राज्य में कुंभ मेला भी चल रहा है, जिसे लेकर संक्रमण के मामलों के बढ़ने की बार-बार आशंका जताई गई है.
इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा का कहना था कि कोरोना महामारी के बीच इस सालाना उत्सव को रद्द नहीं किया जा सकता. मंगलवार को ज़िला प्रशासन की बैठक में उत्सव के दो बड़े आयोजकों ने इसे केवल अनुष्ठान तक सीमित रखने पर सहमति दी है, जहां दर्शकों को प्रवेश नहीं मिलेगा.
उत्तराखंड में तेज़ी से बढ़ रहे संक्रमण के मामलों के बीच हरिद्वार में पतंजलि योग ग्राम में 20, पतंजलि योगपीठ में 10 और आचार्यकुलम में नौ लोगों की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है. इससे पहले पिछले सप्ताह योगपीठ में पांच लोग कोरोना संक्रमित मिले थे.
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घोषणा की थी कि कुंभ मेला में हिस्सा लेकर राज्य लौटने वाले लोगों को अपने शहरों एवं गांवों में जाने से पहले कोविड-19 की जांच करवानी होगी.
यह सालाना धार्मिक आयोजन मध्य त्रिशूर के वडाक्कुनाथम मंदिर में होता है और इसमें शिरकत करने वालों की संख्या के संदर्भ में यह केरल का सबसे बड़ा हिंदू त्योहार है. केरल में विपक्षी कांग्रेस, भाजपा और मंदिर समिति ने इसे रद्द करने का कड़ा विरोध किया है. बीते साल राष्ट्रीय लॉकडाउन के चलते इसे रद्द किया गया था.
दिल्ली, ओडिशा और मध्य प्रदेश सरकारों ने हरिद्वार में चल रहे कुंभ से लौट रहे लोगों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट, क्वारंटीन और ज़िला प्रशासन को सूचित करने जैसे विभिन्न निर्देश दिए हैं. कुंभ में कोविड के बढ़ते जोखिम के बीच उत्तराखंड सरकार ने इसे सीमित करने की संभावना से इनकार किया है.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों के पास अगर जांच रिपोर्ट नहीं होगी तो उन्हें राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.