केंद्रीय बजट से एक दिन पहले जारी किए गए आर्थिक सर्वे में भगवद गीता, ऋगवेद, कौटिल्य के अर्थशास्त्र, तमिल संत तिरुवल्लुवुर की शिक्षाओं ‘द तिरुकुरल’ के उद्धरण भी दिए गए हैं.
रिपोर्ट में इस ओर इशारा किया गया है कि अगर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है तो उसे कृषि क्षेत्र में मूलभूत चुनौतियों का समाधान करना होगा.
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कृषि विकास दर घटकर मात्र 2.8 फीसदी पर आ गई है. आर्थिक सर्वे 2019-20 में कृषि क्षेत्र की मूलभूत चुनौतियों का समाधान करने के लिए कहा गया है.
पंजाब में प्रति कृषि परिवार की मासिक औसत आय 18,059 रुपये है, जबकि हरियाणा में प्रति कृषि परिवार की मासिक औसत आय 14,434 रुपये, जम्मू कश्मीर में 12,683 रुपये और केरल में 11,888 रुपये है.
देश के अधिकांश शहरों में प्याज़ के भाव 100 रुपये किलो के पार पहुंचे. प्याज के प्रमुख उत्पादक केंद्र महाराष्ट्र के नासिक में शुक्रवार को इसकी दर 75 रुपये किलो थी.
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्याज के कम उत्पादन और बढ़ती कीमतों पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के सवाल का जवाब दे रही थीं. इसी दौरान एक सांसद ने उन्हें बीच में टोकते हुए पूछा, 'क्या आप प्याज खाती हैं?'
राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई कार्यक्रम अमल में लाए जा रहे हैं लेकिन आत्महत्या करने वाले किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान वर्तमान में चलाई जा रही किसी नीति में नहीं है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज़ की कीमत 76 रुपये किलो, मुंबई में 92 रुपये किलो, कोलकाता में 100 रुपये किलो और चेन्नई में 80 रुपये किलो रही. बढ़ती कीमतों के बीच कई जगहों पर प्याज़ चोरी होने की घटनाएं भी सामने आई हैं.
महाराष्ट्र सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बेमौसम बरसात से 44,33,549 किसान प्रभावित हुए और आठ जिलों में 41,49,175 हेक्टेयर जमीन पर फसल बर्बाद हुई.
अगस्त 2017 में नीति आयोग से इस्तीफा देने वाले अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि आप आरसीईपी बाहर नहीं रह सकते हैं क्योंकि इसका मतलब होगा कि हम जो भी उन 15 देशों के बाजारों में निर्यात करेंगे उन पर भारी शुल्क लगेगा. वहीं, वे बिना किसी रोक-टोक के अपना सामान निर्यात करेंगे. इससे हमारे निर्यातकों को बहुत नुकसान होगा.
किसान आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है. साल 2016 में इस राज्य में सर्वाधिक 3,661 किसानों ने आत्महत्या की. इससे पहले 2014 में यहां 4,004 और 2015 में 4,291 किसानों ने आत्महत्या की थी.
दुनिया की एक बड़ी आर्थिक शक्ति होने को लेकर भारत का दावा और शोर-शराबा ज़मीनी हक़ीक़त से मेल नहीं खाता.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की विशेष पीठ ने सुनवाई के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए अंतरिम आदेश पारित किया है.
महाराष्ट्र जैसे प्याज़ उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के बाद इसकी आपूर्ति पर असर पड़ा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्याज़ की कीमतों में पिछले साल की तुलना में क़रीब तीन गुना वृद्धि हुई है. नवंबर 2018 में खुदरा बाज़ार में प्याज़ का भाव 30-35 रुपये किलो था.
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि किसानों को दोष देने के बजाय राज्य सरकारों को अपने यहां धान जैविक पार्क लगाना चाहिए ताकि किसान पराली या पुआल को रोज़गार और आय कमाने में परिवर्तित कर सकें.