कोरोना वायरस को लेकर एक समीक्षा मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित हुई है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि मौजूदा सबूतों की यह व्यवस्थित समीक्षा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कराई गई है.
डोडा जिले के रहने वाले व्यक्ति की जम्मू स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कोविड-19 की वजह से मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने कोई मदद नहीं की. उनका कहना है कि सरकार को वायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार करने के लिए बेहतर योजना बनानी चाहिए.
गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एंड एक्शन और संभावना ट्रस्ट ने भोपाल में अब तक हुई कुल मौतों में से 36 की जानकारी निकाली है, जिसमें सामने आया है कि इनमें से बत्तीस गैस पीड़ित हैं. संगठनों का दावा है कि गैस जनित दुष्प्रभावों के चलते कोरोना का पीड़ितों पर गंभीर असर हो रहा है. इसके बावजूद सरकार इनके लिए आवश्यक क़दम उठाने में कोताही बरत रही है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएम केयर्स फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और इसका कैग से ऑडिट कराने की मांग की गई है. केंद्र की ओर से दलील दी गई है कि ये याचिका ख़ारिज कर दी जानी चाहिए, क्योंकि ऐसी ही एक याचिका को अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी.
भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट्स के विशेषज्ञों द्वारा संकलित एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने इस महामारी से निपटने के उपायों संबंधी निर्णय लेते समय महामारी विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली.
देश में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के नए मामलों की संख्या एक दिन में आठ हज़ार के आंकड़े को पार कर गई. दुनिया भर में मरने वालों की संख्या 3.75 लाख से अधिक हुई और संक्रमण के कुल मामले 62 लाख से अधिक हो चुके हैं. सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में जान गंवाने वालों में एक तिहाई नर्सिंग होम के मरीज़ हैं.
आईसीएमआर के अध्ययन में यह भी पाया गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और दवाओं के विपरित प्रभाव के बीच कोई खास संबंध नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि देश में मरने वालों की संख्या 5,934 हो गई है और कुल मामलों की संख्या बढ़कर 190,535 हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में 230 लोगों की मौत हुई है, जो एक दिन में मरने वालों की दूसरी सर्वाधिक संख्या है.
लैंसेट के अध्ययन के अनुसार कोविड का मातृत्व मृत्यु और बाल मृत्यु दर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. इसके अनुसार भारत में छह महीनों में 3 लाख बच्चों की कुपोषण और बीमारियों से 14 हज़ार से अधिक महिलाओं की प्रसव पूर्व या इसके दौरान मृत्यु हो सकती है. हालांकि वित्तमंत्री द्वारा घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज में कुपोषण और मातृत्व हक़ के लिए एक रुपये का भी आवंटन नहीं किया गया है.
आरटीआई के तहत पीएम केयर्स फंड से जुड़े पत्राचार की प्रति, फंड में प्राप्त हुए कुल अनुदान, इस फंड से खर्च की गई राशि और उन कार्यों का विवरण जिसमें पैसे खर्च किए गए हैं, ये सभी सूचनाएं मांगी गई थीं. पीएमओ ने कहा कि ये जानकारी नहीं दी सकती क्योंकि पीएम केयर्स आरटीआई एक्ट के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रविवार को बीते 24 घंटे के दौरान 8,380 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 182,143 हो चुके हैं, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 5,164 हो गई है.
रेलवे सुरक्षा बल के आंकड़ों के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में करीब 80 लोगों की मौत 9 मई से 27 मई के बीच हुई है. इनमें चार वर्ष से लेकर 85 वर्ष तक के यात्री शामिल थे.
मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने केंद्र सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देकर कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए क़दमों, ख़रीदे गए उपकरणों एवं सामग्रियों के नाम तथा उन पर किए गए ख़र्च का ब्योरा मांगा था.
अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने गुजरात सरकार के उस आदेश के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय का रुख़ किया है, जिसके तहत निजी डॉक्टरों और अस्पतालों को नामित स्वास्थ्य अधिकारियों की मंज़ूरी के बिना कोविड-19 की जांच की अनुमति नहीं थी.
यह लगातार दूसरा दिन है, जब देश में 24 घंटे के दौरान सात हज़ार से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,971 हो गई है और संक्रमण के मामलों की संख्या 173,763 पर पहुंच गई है.