विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी के क्रियान्वयन से पैदा हुई अड़चनों तथा नोटबंदी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पर असर पड़ेगा.
जन गण मन की बात की 174वीं कड़ी में विनोद दुआ महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते मंगलवार को राजनीतिक दलों के लिए चुनावी बॉन्ड का ऐलान किया. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि चुनावी बॉन्ड से कॉरपोरेट एवं राजनीतिक दलों के बीच की सांठगांठ को तोड़ने में सफलता भी नहीं मिलेगी.
दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद को वापस लेने का ऐलान करते हुए सरकार से मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े को जल्द गिरफ़्तार करने की मांग की है.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में कई प्रतिष्ठित सियासतदानों के नाम नहीं. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि जिनका नाम नहीं उन्हें नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.
यह प्रस्ताव पूरे देश के 50 महामंडलेश्वरों के चार दिवसीय सम्मेलन वैचारिक महाकुंभ में पारित किया गया.
जब भी दलित अपने आत्मसम्मान की बात करते हैं तो मौजूदा सरकार का रवैया हमेशा नकारात्मक दिखता है.
आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने पर पार्टी नेता कुमार विश्वास ने तंज़ कसा है.
पुणे पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में हिंदुवादी संगठनों के दो नेताओं के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए. मुंबई शहर में 100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया.
चारा घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराए जाने के फैसले के ख़िलाफ़ बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा कथित बयानबाज़ी का अदालत ने लिया संज्ञान.
अनवर जलालपुरी को याद करते हुए मशहूर शायर मुनव्वर राना कहते है कि एक टीचर के बतौर वो हमेशा यही चाहते थे कि मुशायरे का स्तर ख़राब न हो. वो सांप्रदायिकता और अश्लीलता की तरफ न जाये.
निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने आरोप लगाया कि भीमा-कोरेगांव में दलितों पर भाजपा और संघ के समर्थकों ने हमले किए थे.
जन गण मन की बात की 173वीं कड़ी में विनोद दुआ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जनता से माफ़ी मांगने और हज यात्रा को लेकर मोदी सरकार के रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.
ईरान के दूसरे बड़े शहर मशहद में बीते गुरुवार को चरमराती अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोज़गारी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए, जो कई शहरों तक फैल गए.
फिल्म निर्देशक ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में आपातकाल के दौरान हिरासत में लिए गए पीड़ितों के साक्षात्कारों के साथ पुलिस अत्याचार के तरीकों पर बात की गई है.