यशवंत सिन्हा लिखते हैं, ‘प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने गरीबी को नज़दीक से देखा है. उनके वित्त मंत्री सुनिश्चित कर रहे हैं कि देशवासियों को भी इसे उतने ही पास से देखने का मौका मिले.’
एक शाम किशोर यश चोपड़ा की भाभी ने खाना बनाने के लिए तंदूर में ज्यों-ही आग लगाई, एक बड़े विस्फोट से समूचा घर दहल उठा. तंदूर में यश ने दंगों में इस्तेमाल के लिए बनाए बम छिपाए हुए थे.
बिगड़ती अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार की नाकामी को लेकर पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के लेख पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.
प्रशासन को लिखे एक पत्र में समिति ने पूछा है कि अच्छी तरह काम कर रही कमेटी को भंग करने की ज़रूरत क्यों पड़ी.
परिजनों ने जान से मारने की धमकियां मिलने के बावजूद पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया. कार्यकर्ता के ख़िलाफ़ कई आपराधिक मामले भी दर्ज थे.
जन गण मन की बात की 124वीं कड़ी में विनोद दुआ बीएचयू में हुए छात्राओं के आंदोलन और मोदी सरकार की बिजली संबंधी सौभाग्य योजना पर चर्चा कर रहे हैं.
भाजपा सांसद ने कहा, आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना जारी रखना चाहिए.
नोटबंदी की वजह से जहां 11 अरबपति सूची से बाहर हो गए वहीं बालकृष्ण की संपत्ति 173 प्रतिशत बढ़कर 70 हज़ार करोड़ रुपये हो गई है.
वाराणसी कमिश्नर ने अपनी जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन को दोषी क़रार देते हुए कहा है कि प्रशासन चाहता तो यह मामला आराम से निपट सकता था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग भतीजी का बार-बार बलात्कार करने का दोषी क़रार देते हुए ज़मानत देने से इनकार कर दिया.
वीडियो: बीएचयू में छेड़छाड़ की घटना पर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में दिल्ली के उत्तर प्रदेश भवन पर विरोध प्रदर्शन.
अलगाववादी नेता ने कहा, उदारवादी अलगाववादियों की दिक्कत यह है कि भारत कश्मीर समस्या को पूरी तरह पाकिस्तान की देन मानता है और इसे सीमापार आतंकवाद के ऩजरिये से देखता है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पूर्व रेल मंत्री मुकुल रॉय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया.
मीडिया बोल की 16वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बीएचयू में हुई हिंसा के मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ न्यूज़ एंकर अमृता राय और पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव के साथ चर्चा कर रहे हैं.
कारीगरों का कहना है कि लागत बढ़ने की वजह से इस बार छोटे पुतलों के आॅर्डर आ रहे हैं, वहीं कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की मांग न के बराबर रह गई है.