मेहसाणा ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि श्रमिक तरल सोडियम ब्रोमाइड को एक टैंक में भर रहे थे, तब ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ. कारखाने के मालिक और उनके कारोबारी साथी के ख़िलाफ़ एफआईर दर्ज की गई है.
16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद से अब तक विभिन्न राज्यों में 13 लोगों की जान गई है, इनमें से अधिकतर मौतें टीका लेने के बाद कुछ घंटों से लेकर पांच दिनों के भीतर हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से किसी भी मौत के लिए टीकाकरण के कारण होने को ख़ारिज किया है.
गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.
साल 2017 में ईपीडब्ल्यू पत्रिका में छपे एक लेख को लेकर अडानी समूह ने इसके तत्कालीन संपादक और लेख के सह-लेखक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया था. अब गुजरात की एक अदालत ने ठाकुरता की गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है.
घटना सूरत से करीब 60 किलोमीटर दूर कोसांबा गांव के पास मंगलवार तड़के हुई, जहां एक ट्रैक्टर से टकराने के बाद बेक़ाबू हुआ ट्रक फुटपाथ पर सो रहे मज़दूरों पर चढ़ गया. मारे गए सभी मज़दूरों में से एक को छोड़कर बाकी सभी राजस्थान के रहने वाले थे.
केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जलाशयों, जीवित पक्षी बाज़ारों, मुर्गीपालन केंद्रों और चिड़ियाघरों आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने का अनुरोध किया गया है. साथ ही मृत पक्षियों को प्रोटोकॉल के तहत दफ़नाने और मुर्गीपालन केद्रों में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया गया है.
बर्ड फ्लू के ख़तरे के मद्देनज़र दिल्ली में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है. साथ ही गाजीपुर मुर्गा बाज़ार अगले 10 दिन तक बंद कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में कानपुर के चिड़ियाघर और ज़िले की चिकन तथा अंडे की सभी दुकानों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से कार्य योजना के मुताबिक बर्ड फ्लू पर रोकथाम के लिए कहा है. ख़तरे के बीच दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में 200 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई है. इनमें से अधिकांश कौए हैं. मौत के कारणों की जांच के लिए उनके नमूनों को प्रयोगशालाओं में भेजा गया है.
93 वर्षीय माधव सिंह सोलंकी ने जून 1991 से मार्च 1992 के बीच विदेश मंत्री का प्रभार भी संभाला था. वह गुजरात में जातिगत समीकरणों को साधने वाले बड़े नेता थे. 80 के दशक में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्होंने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम (केएचएएम) फॉर्मूला सुझाया था.
अडाणी ग्रुप की सहायक एग्रो कंपनी द्वारा दाखिल एक सिविल मामले पर कार्रवाई करते हुए अहमदाबाद की अदालत ने मुंबई के रहने वाले विनय दुबे और संबंधित यूट्यूब चैनल पर इस कंपनी और अडाणी ग्रुप के संबंध में कोई आपत्तिजनक लेख, वीडियो या ट्वीट करने या उन्हें प्रसारित करने से रोक दिया है.
भरूच सीट से छह बार सांसद बने मनसुख वसावा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए कहा था कि सरकार या पार्टी के साथ उनका कोई मुद्दा नहीं है और वे स्वास्थ्य कारणों से पार्टी छोड़ रहे हैं.
भरूच सीट से छह बार सांसद बने मनसुख वसावा ने बीते हफ़्ते प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा ज़िले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज़ से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस लेने की मांग की थी. मंत्रालय के निर्णय का स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है.
मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कोविड-19 के संबंध में प्रशासन को कोई निर्देश नहीं देने जा रहे, प्रशासन को जिसकी भी ज़रूरत हो, वे ले सकते हैं और कोई यह नहीं कह सकता कि वे काम करने के इच्छुक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कोरोना वायरस का इलाज का ख़र्च आम जनता की सीमा से बाहर है. अगर कोई शख़्स संक्रमण से ठीक हो भी जाता है तो इलाज की लागत उसे ख़त्म कर देती है. कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार मौलिक अधिकार है. यह राज्य का कर्तव्य है कि वह किफ़ायती इलाज के लिए प्रावधान बनाए.
गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि अगर 50,000 राष्ट्र विरोधी लोग एक साथ आकर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले क़ानून को रद्द करने की मांग करते हैं तो क्या हमें संसद से पारित इस अधिनियम को निरस्त करना होगा? अगर 50,000 लोग मांग करते हैं तो क्या हम कश्मीर को पाकिस्तान को दे देंगे?