बीते साल पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने वॉट्सऐप और गूगल को पत्र लिखकर 33 छात्रों और दो वॉट्सऐप ग्रुप के सदस्यों द्वारा साझा किए गए संदेशों, तस्वीरों और वीडियो का विवरण मांगा था. गूगल ने एक संधि का हवाला दिया है, जिसके तहत जानकारी अदालत के आदेश के बाद मुहैया कराई जाती है.
गूगल इंडिया के देश में प्रबंधक संजय गुप्ता को लिखे पत्र में इंडियन न्यूज़पेपर सोसाइटी की ओर से कहा गया है कि अख़बरों के छपी ख़बरों के लिए गूगल को भुगतान करना चाहिए. अख़बार हज़ारों पत्रकारों को नियुक्त करते हैं और उनके ज़रिये ख़बरें प्राप्त करते हैं. इसमें काफी ख़र्च होता है.’
उत्तर प्रदेश की वाराणसी पुलिस ने गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचई सहित 18 लोगों के खिलाफ पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर छवि खराब करने वाले वीडियो को लेकर मामला दर्ज किया.
शहला राशिद, उनकी मां ज़ुबेदा अख़्तर और बहन अस्मा राशिद ने यह कहते हुए मुक़दमा दायर किया था कि उनके पिता अब्दुल राशिद शोरा झूठे और तुच्छ आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को कम करने का काम कर रहे हैं, जिसमें उन्हें राष्ट्रविरोधी कहना तक शामिल है. प्रतिवादियों में अब्दुल, कुछ मीडिया आउटलेट्स, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और गूगल शामिल हैं.
अमेरिका में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए एंटी-ट्रस्ट क़ानूनों में बड़े बदलाव किए गए हैं, लेकिन भारत में कॉम्पिटीशन कमीशन ने डेटा और डिजिटल कारोबार क्षेत्र में वर्चस्व के दुरुपयोग की बस संभावना जताई है. डिजिटल एकाधिकार के लिए कोई तय नियम न होने से ऐसी कोई घटना होने के बाद कार्रवाई करना कठिन हो सकता है.
गूगल ने देश के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विस ऐप पेटीएम को प्लेस्टोर से हटा दिया था. गूगल का कहना था कि उन्होंने यह फैसला पेटीएम द्वारा लगातार कंपनी की नीतियों के उल्लंघन की वजह से लिया है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भीमा गोरेगांव मामले में गिरफ़्तार कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए काम करने वाले नौ लोगों को स्पाइवेयर का निशाना बनाया गया था. उन्होंने मांग की है कि इसकी स्वतंत्र जांच हो और पता लगाया जाए कि क्या इन स्पाइवेयर अभियानों और किसी ख़ास सरकारी एजेंसी के बीच कोई संबंध है.
पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि हिंसा का सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के उसके अनुरोध पर जेएनयू प्रशासन की ओर से अब तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं, उसने व्हाट्सऐप को भी लिखित अनुरोध भेजकर उन दो ग्रुप का डेटा सुरक्षित रखने को कहा है जिन पर जेएनयू में हिंसा की साज़िश रची गई थी.
एमनेस्टी इंटरनेशनल की डिजिटल टीम द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है कि कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों, जिनमें से अधिकतर भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े हैं, को संदिग्ध ईमेल के ज़रिये एक ऐसा मैलवेयर भेजा गया था, जिससे उनके कम्प्यूटर को नियंत्रण में लिया जा सके.
यह मामला वॉट्सऐप के उस खुलासे के बाद सामने आया है, जिसमें एक इज़राइली स्पाइवेयर पेगासस से कम से कम 121 भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की बात सामने आई थी. खास बात यह थी कि इज़राइली कंपनी अपना स्पाइवेयर सिर्फ सरकारी एजेंसियों को बेचती है.
तमिलनाडु सरकार का दावा है कि सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक करने पर फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रसार, आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी सामग्री के प्रसार को रोकने में मदद मिलगी. फेसबुक गोपनीयता नीति का हवाला देते हुए इसका विरोध कर रहा है.
फेसबुक ने सोशल मीडिया प्रोफाइल आधार से जोड़ने की मांग का विरोध किया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट भी फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई पर सहमत हो गया है जिसमें यूजर के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से जोड़ने की मांग के मामलों को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की बात कही गई है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
सुप्रीम कोर्ट फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है जिसमें यूजर के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की मांग करने वाले मामलों को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई है. तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सोशल मीडिया अकाउंट को उसके यूजर के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है.
फेसबुक की विज्ञापन से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फरवरी की शुरुआत से 15 मई तक उसके प्लेटफॉर्म पर 1.21 लाख राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण हुआ. इन विज्ञापनों पर राजनीतिक दलों ने 26.5 करोड़ रुपये ख़र्च किए.
‘फेसबुक एंड लाइब्रेरी’ रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी से 30 मार्च के बीच 51,810 राजनीतिक विज्ञापनों पर 10.32 करोड़ रुपये से ज़्यादा ख़र्च किए गए, जिसमें भाजपा और उसके समर्थक विज्ञापनों पर बड़ा हिस्सा ख़र्च कर रहे हैं.