कश्मीरी पत्रकार इरफ़ान अमीन मलिक ने जम्मू कश्मीर की फिल्म नीति के बारे में सात अगस्त की शाम को एक ट्वीट पोस्ट किया था. हालांकि ट्वीट पोस्ट करने के दो मिनट के भीतर ही उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था, लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने आठ अगस्त को मलिक को दक्षिण कश्मीर के त्राल पुलिस स्टेशन बुलाया, जहां उनसे इस संबंध में पांच घंटे तक पूछताछ की गई.
अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सेहराई जम्मू कश्मीर पुलिस की पीएसए के तहत निवारक हिरासत के दौरान अस्पताल में भर्ती थे, जहां पांच मई को उनकी मौत हो गई. आरोप है कि उनके जनाज़े में उनके दो बेटों- 35 वर्षीय राशिद सेहराई और 33 वर्षीय मुजाहिद सेहराई ने देशद्रोही नारे लगाए थे.
इससे पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बीते 30 अप्रैल को कुपवाड़ा के एक सरकारी शिक्षक को राज्य की सुरक्षा को ख़तरा बताते हुए बर्ख़ास्त कर दिया था. केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक नया क़ानून लागू किया गया है, जिसके तहत ‘राज्य की सुरक्षा’ के ख़िलाफ़ संदिग्ध गतिविधियों वाले सरकारी कर्मचारियों को बिना जांच किए बर्ख़ास्त किया जा सकता है.
जम्मू कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद यह देखा कि कुपवाड़ा के सरकारी स्कूल के शिक्षक इदरीस जान की गतिविधियां राज्य की सुरक्षा के हित में सेवा से उनकी बर्ख़ास्तगी की मांग करती हैं और इस मामले में जांच करना उचित नहीं है.
सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.
बीते छह मार्च को जम्मू शहर में सत्यापन अभियान के दौरान क़रीब 168 रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में भेज दिया गया था. आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और सांबा ज़िलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13,700 से अधिक विदेशी बसे हुए हैं और उनकी जनसंख्या में 2008 से 2015 के बीच छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने ईडी के समक्ष पेश होने की वैधता को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने केंद्रीय एजेंसी से मुफ़्ती पर पेश होने का दबाव न बनाने को कहा है. मुफ़्ती ने बताया है कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के तहत समन जारी किए गए थे लेकिन संबद्ध मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई.
सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा ज़िलों में रह रहे हैं, जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई. कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों का आरोप है कि देश में उनकी उपस्थिति क्षेत्र की शांति के लिए ख़तरा है.
सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से तीन मार्च को जारी सर्कुलर में कहा गया कि ऐसा देखा गया है कि कुछ विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में संदिग्ध चरित्र और व्यवहार वाले व्यक्तियों को सीआईडी के सत्यापन के बग़ैर वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जा रहा है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है पुलिस सत्यापन का हवाला देते हुए उन्हें नया पासपोर्ट जारी करने से मना किया जा रहा है. उनका पुराना पासपोर्ट 31 मई 2019 तक के लिए ही मान्य था, जिसके बाद 11 दिसंबर 2020 को नए पासपोर्ट के लिए उन्होंने आवेदन दिया था.
शनिवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित करने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपके राज्य का विकास जो अटक गया है, उसे पटरी पर चढ़ाकर पूर्ण राज्य का दर्जा ज़रूर वापस देंगे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविववार को एक ट्वीट में कहा, 'अगस्त 2019 के बाद यह नया जम्मू कश्मीर है. हमें बिना कारण बताए हमारे घरों में क़ैद कर दिया गया है.' वहीं श्रीनगर पुलिस का कहना है कि पुलवामा हमले की बरसी के चलते वीआईपी और अन्य लोगों की आवाजाही कम की गई है.
सिर्फ 2019 और 2020 में ही भारत में 13,000 घंटे से अधिक समय तक इंटरनेट बंद रहा. किसी भी चुनी गई सरकार द्वारा सबसे लंबे समय यानी 552 दिनों के लिए 4जी इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध जम्मू कश्मीर में लगाया गया था. इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है.
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर, और लद्दाख में बांट दिया गया था. मार्च, 2020 में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान भी उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध जारी था.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने लोगों से ‘साइबर क्राइम वालंटियर’ बनने की अपील की है, जो ऑनलाइन उपलब्ध ग़ैर क़ानूनी बातें जैसे चाइल्ड पोर्नोग्राफी, आतंकवाद, कट्टरता, राष्ट्रविरोध आदि के बारे में सरकार को बताएंगे. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसे सत्ता के ख़िलाफ़ बोलने वालों के विरुद्ध इस्तेमाल किया जा सकता है.