जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ रविवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया था और उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए थे, जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आई थीं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से करते हुए कहा कि यह समाज में अशांति का माहौल बनाने का सोचा-समझा प्रयास है. मेरा प्रधानमंत्री से विनम्र अनुरोध है कि वे जो छात्रों के साथ कर रहे हैं वह न करें.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस के कथित अत्याचार संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने से पहले उन्हें कोई नोटिस क्यों नहीं दी गई?
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की बॉलीवुड की कई हस्तियों ने निंदा की और सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि यह छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास है.
सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने बिहार के पूर्णिया में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक रैली के दौरान मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'आपके पास संसद में बहुमत हो सकता है, हमारे पास सड़क पर बहुमत है. हमें सावरकर के सपनों का नहीं, बल्कि भगत सिंह और आंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है.'
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में जामिया नगर इलाके से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ज्यादातर आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है. इनमें से कोई भी छात्र नहीं हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनकी पहचान की. जांच में अब तक पता चला है कि गिरफ्तार लोगों ने भीड़ को उकसाया था और सार्वजनिक संपत्ति में भी तोड़फोड़ की थी.
वीडियो: जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 50 छात्रों को रिहा कर दिया गया है. पुलिस की इस कार्रवाई में अनेकों छात्र घायल हुए थे और कई को हिरासत में लिया गया था. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने जामिया मिलिया इस्लामिया जाकर छात्रों से वहां का हाल जाना.
जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख़्तर ने कहा कि हम कैंपस के भीतर पुलिस कार्रवाई को लेकर एफआईआर कराएंगे. कैंपस में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा.
'इंकलाब ज़िंदाबाद' का नारा लगाते हुए 10 छात्रों के एक समूह ने अपने साथी छात्रों के साथ पुलिस कार्रवाई की सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुबह एक मार्च निकाला.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने याचिकाकर्ताओं से कहा, हम अधिकारों के बारे में जानते हैं और हम अधिकारों पर निर्णय लेंगे लेकिन इस हिंसायुक्त माहौल में नहीं.
दक्षिणी दिल्ली में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद जामिया मिलिया परिसर में हुई हिंसा में करीब 100 लोग घायल हुए हैं. माहौल अब भी तनावपूर्ण.