मीडिया बोल की आठवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, देशबुंध अख़बार के कार्यकारी संपादक जयशंकर गुप्त और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी के साथ बिहार में हुए सियासी उलटफेर की मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.
बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता के दौरान 2019 में मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बात कही.
उच्च न्यायालय ने कहा कि विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद मामले में अदालत के हस्तक्षेप करने की ज़रूरत नहीं.
सूत्रों के मुताबिक शरद यादव को मनाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनसे संपर्क किया था लेकिन उन्होंने एनडीए के साथ आने से मना कर दिया.
कांग्रेस, राजद, बसपा, तृणमूल और सपा जैसे दलों को भ्रष्टाचार के घेरे में लेकर यह सिद्ध किया जा रहा है कि उनकी सारी धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार को ढंकने का एक आवरण है.
नेताओं द्वारा बिहार की जनता के साथ ठगी का सिलसिला जारी है.
नीतीश ने विपक्ष का राष्ट्रीय नेता होने के कठिन रास्ते पर चलने के बजाय मौकापरस्त ढंग से मुख्यमंत्री बन ख़ुद को इतिहास के कूड़ेदान में जाने के लिए अभिशप्त बना लिया.
जदयू सांसद शरद यादव के क़रीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने मोदी सरकार में मंत्री पद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
चार साल पहले भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश ने कहा था, ‘मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन अब कभी भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा.’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीता विश्वास मत. कहा, धर्मनिरपेक्षता का पाठ मुझे न पढ़ाएं. भाजपा के साथ जाने का फैसला जनता के पक्ष में लिया.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
जन गण मन की बात की 90वीं कड़ी में विनोद दुआ नीतीश कुमार के इस्तीफे और चीन से निपटने के लिए आरएसएस के मंत्र पर चर्चा कर रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, हमने जो भी फैसला किया है वह बिहार और इसकी जनता के पक्ष में होगा. यह विकास और न्याय सुनिश्चित करेगा.
बिहार के उलटफेर पर कहा, सम्मानजनक तरीका यह होता कि नीतीश बिहारियों को मतदान का मौक़ा देते.
राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा, नीतीश कुमार ने बिहार के जनादेश को धोखा दिया है. नीतीश कुमार बहुत बड़े अवसरवादी हैं.