जदयू ने मंजू वर्मा को बेगूसराय ज़िले से उम्मीदवार बनाया है. मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले में नाम आने के बाद मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार और भाजपा महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें मंजू वर्मा की उम्मीदवारी तत्काल वापस लेनी चाहिए.
कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बाद घरेलू कामगार महिलाओं की आर्थिक हालत ख़राब है. काम न होने, मालिकों द्वारा मज़दूरी घटाने, सामाजिक भेदभाव के साथ-साथ ये वर्ग सरकार की उदासीनता से भी प्रताड़ित है.
झारखंड हाईकोर्ट ने चाईबासा कोषागार गबन मामले में सज़ा की आधी अवधि पूरी करने के आधार पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को ज़मानत दे दी है, हालांकि दुमका कोषागार गबन मामले में ज़मानत न मिलने के चलते उन्हें न्यायिक हिरासत में रहना होगा.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में प्रसारण दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कार्यक्रम और टैगलाइन्स दिखाने को लेकर आज तक समेत ज़ी न्यूज़ और न्यूज़ 24 को माफ़ी मांगने को कहा है.
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में बीते 8 सितंबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा गिरफ़्तार किया गया था. मामले में रिया के भाई शौविक चक्रवर्ती और एक अन्य की ज़मानत याचिकाएं ख़ारिज कर दी गई हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और अभिनेत्री स्वरा भास्कर से स्पष्टीकरण मांगा है और ऐसे पोस्ट तत्काल हटाने और साझा करने से बचने को कहा है.
बीते दिनों गोवा के लोकायुक्त पद से रिटायर हुए जस्टिस प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने उनके साढ़े चार साल के कार्यकाल में जिन लोक अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफारिश की, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर मौजूदा विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास अपने आदेशों को लागू करने की शक्तियां नहीं थीं.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले की 23 वर्षीय युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. पिछले साल दिसंबर में जब मामले की सुनवाई के लिए युवती अदालत जा रही थी तो ज़मानत पर छूटे बलात्कार के दो आरोपियों ने तीन अन्य के साथ मिलकर ज़िंदा जला दिया था. अगले दिन युवती ने दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
वीडियो: कोरोना वायरस के चलते उपजे प्रवासी संकट के बीच बीते मई महीने में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बिहार के मुजफ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला बेसुध ज़मीन पर पड़ी हैं. उनके ऊपर एक चादर थी, जिसे खींचकर उनका छोटा-सा बच्चा उन्हें उठाने की कोशिश करता नज़र आया था.
महिला अधिकार कार्यकर्ता और सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की निदेशक रंजना कुमारी का कहना है कि महिला आयोग एक तरीके से सरकारी संरक्षण का अड्डा बन गया है. जिसे कहीं नहीं ‘एडजस्ट’ कर पा रहे हैं, उनको बैठा दिया जाता है. यहां पर महिलाओं के प्रति कोई संजीदगी नहीं है. अगर होती तो आज पूरा आयोग हाथरस में दिखना चाहिए था.
आरोप है कि जिस स्वास्थ्य अधिकारी ने आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की थी, उसी ने पूछताछ के लिए उन्हें फिट बताया था. इसके बाद पूछताछ में शामिल होने के लिए यात्रा करने को क्वारंटीन नियमों का उल्लंघन बताते हुए सोरी के ख़िलाफ़ उसी स्वास्थ्य अधिकारी ने केस भी दर्ज करा दिया.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिल्कीस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग़ में हुए प्रदर्शन को याद कर रही हैं.
वीडियो: महात्मा गांधी की किताबों के पन्ने पीले ज़रूर पड़ गए हैं, पर उनके सबक आज भी साफ़-साफ़ दिखते हैं. गांधी जी अपने जीवन का आधार किताबों को मानते थे, शायद यही वजह है कि एक तरफ़ वे ऊंचे दर्जे के पाठक थे तो दूसरी ओर उनकी कलम का भी विस्तार पटल बेहद व्यापक है. उन्होंने अनेक किताबें लिखी हैं, अनुवाद किए हैं, संपादन किया है और एक कलम के सिपाही की तरह भी सक्रिय रहे हैं.
इन संगठनों ने बयान जारी कर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस संगठन के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.
बिहार समाज कल्याण विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे राज्य में केवल पटना, पूर्णिया, रोहतास, भागलपुर, पश्चिम चंपारण और बेगूसराय में सरकार प्रायोजित वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि नियम ये है कि राज्य सरकारें हर ज़िले में कम से कम एक वृद्धाश्रम की स्थापना करेंगी.