सीआईसी ने वायुसेना को निर्देश दिया था कि वे संबंधित ‘स्पेशल फ्लाइट रिटर्न’ की सत्यापित प्रति आरटीआई के तहत मुहैया कराएं. इसमें प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के दौरान उनके साथ गए लोगों की भी जानकारी शामिल होती है.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि 2015 से 2020 में अब तक प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर कुल 446.52 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. हालांकि उनके द्वारा दिए आंकड़ों में प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर हुआ कुल ख़र्च शामिल नहीं है, जो अमूमन सर्वाधिक होता है.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के संबंध में घाटे में चल रही एयर इंडिया को 118.72 करोड़ रुपये चुकाया जाना बाकी है.
मुख्य सूचना आयुक्त ने विदेश मंत्रालय को कहा है कि इन रिकॉर्डों को राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व का बताकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता.
आरटीआई आवेदक ने कहा उसके कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए. पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला ख़र्च भारत की संचित निधि से होता है.