अगर सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर गंभीर है, तो उसे इस पर संसद में बहस चलानी चाहिए. किसी बड़ी नीति में बदलाव के लिए हर तरह के विचारों पर जनता के सामने चर्चा हो. इस तरह देश की विधायिका को उसके अधिकार से वंचित रख शिक्षा नीति बदलना देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.
परीक्षाओं के टॉपर्स की सफलता का समाज की बेहतरी में क्या योगदान रहता है?
जन गण मन की बात की 308वीं कड़ी में विनोद दुआ मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के 'भीख का कटोरा' वाले बयान और हरियाणा में महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों के मामले पर चर्चा कर रहे हैं.
पुणे में एक स्कूली कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि स्कूलों को सरकार के सामने कटोरा लेकर मदद मांगने की बजाय पूर्व छात्रों से मदद लेनी चाहिए.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कुछ स्कूल फंड के लिए सरकार के पास चले आते हैं, जबकि वे अपने पूर्व छात्र-छात्राओं को आसानी से कह सकते हैं. यह पूर्व छात्र-छात्राओं का कर्तव्य है कि वे अपने स्कूल, कॉलेज के लिए योगदान दें.
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति-निर्माताओं को अंदाज़ा होना चाहिए कि भारत के पास विकसित देश बनने के लिए थोड़ा समय है जिसमें यह अपना दर्जा बढ़ा सकता है नहीं तो हमेशा के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में अटका रहेगा.
पिछले कुछ समय में कई जघन्य अपराधों में बच्चों के शामिल होने की घटनाएं सामने आई हैं.