मध्य प्रदेश: कांग्रेस को 114, भाजपा को 109 सीटें मिली, कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

भाजपा से निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया इस्तीफा. प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं. किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. सपा और बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया है.

चुनाव परिणाम LIVE: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 15 साल बाद वापसी. राजस्थान में लगातार पांचवीं बार सरकार बदली, भाजपा को मिली हार. तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति और मिज़ोरम में मिज़ो नेशनल फ्रंट को बहुमत.

मध्य प्रदेश: सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 114 पर कांग्रेस, 109 पर भाजपा, दो पर बसपा, एक सीट पर सपा और चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली. बहुमत के लिए 116 सीटों की ज़रूरत होती है.

भोपाल के जिस रूम में रखी गई थीं ईवीएम, वहां बंद हो गए थे सीसीटीवी कैमरे: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां बिजली जाने की वजह से करीब एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद थे और इस बीच रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई थी.

मध्य प्रदेश: मतदान बाद ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल, कांग्रेस ने की चुनाव आयोग से शिकायत

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने खुरई, सतना और भोपाल में ईवीएम से संबंधित कई ग​ड़बड़ियों की शिकायत की है. कांग्रेस का आरोप है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम गृहमंत्री के होटल में रखवाई गई थीं, जिन्हें 48 घंटे बाद सागर पहुंचाया गया.

मध्य प्रदेश: 1146 ईवीएम में ख़राबी, 1545 वीवीपैट बदले गए, शाम छह बजे तक 74.61 प्रतिशत मतदान

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान इंदौर, गुना और धार में तीन मतदान कर्मचारियों की बीमारी के कारण मौत हो गई.

बुदनी: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र का क्या है हाल?

मध्य प्रदेश की बुदनी सीट से तीन बार विधायक रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर यहीं से चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने उनके ख़िलाफ़ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को उतारा है.

मध्य प्रदेश में भाजपा ने घोषणा पत्र में नर्मदा के विस्थापितों को शामिल ही नहीं किया: मेधा पाटकर

नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्रों का विश्लेषण कर रही हैं.

‘शिवराज सरकार उन पुलिसवालों को बचा रही है, जिनकी गोली से किसानों की जान गई’

साक्षात्कार: मध्य प्रदेश में किसानों की बदहाली किसी से छिपी नहीं. बीते साल हुआ मंदसौर गोलीकांड इसका गवाह है. राज्य में किसान आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, बावजूद इसके प्रदेश में किसानों के मुद्दों पर राजनीतिक दलों ने कोई ख़ास बात नहीं की. किसानों और कृषि के मुद्दों पर राज्य में लंबे समय से काम कर रहे किसान नेता और राष्ट्रीय किसान मज़दूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा (कक्का जी) से दीपक गोस्वामी की बातचीत.

शिवराज सिंह चौहान के दावों के उलट नर्मदा की सेहत और बिगड़ती जा रही है

ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलने वाली नर्मदा नदी तब से ही चुनावी सुर्ख़ियों में है जब से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ लेकर निकले थे. नर्मदा की सफाई, संरक्षण और नदी किनारे पौधारोपण व अवैध रेत खनन पर रोकथाम को लेकर उन्होंने अनगिनत घोषणाएं कीं, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही नज़र आती है.

भोपाल गैस कांड और उसके लाखों पीड़ित मध्य प्रदेश में चुनावी मुद्दा क्यों नहीं हैं?

ग्राउंड रिपोर्ट: भोपाल में यूनियन कार्बाइड का कचरा भूजल के रास्ते शहर की ज़मीन में ज़हर घोल रहा है. लाखों लोगों की ज़िंदगी दांव पर लगी है लेकिन प्रदेश की राजनीति में मुख्य मुक़ाबले में रहने वाले दोनों दल- भाजपा और कांग्रेस ने गैस पीड़ितों को लेकर चुप्पी साध रखी है.

मध्य प्रदेश: क्यों राहुल गांधी चुनाव में पैराशूट उम्मीदवार न उतारने के अपने वादे से पलट गए?

विशेष रिपोर्ट: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता संवाद के दौरान कहा था कि विधानसभा चुनाव के ऐन समय पर दल बदलकर कांग्रेस में आने वाले नेताओं को पार्टी टिकट नहीं देगी लेकिन अब पार्टी ने दर्जनभर दलबदलुओं को अपना प्रत्याशी बनाया है.

शिवराज ने मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाकर मध्य प्रदेश पर 15 साल तक राज किया: अरुण यादव

साक्षात्कार: मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ख़िलाफ़ बुदनी सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. मुख्यमंत्री से उनकी चुनावी भिड़ंत और प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पर दीपक गोस्वामी की उनसे बातचीत.

जिस भाजपा को लोगों ने त्याग और बलिदान से बनाया, उसमें विकृतियां आ गई हैं: सरताज सिंह

साक्षात्कार: मध्य प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह ने पिछले दिनों पार्टी से अपना चार दशकों पुराना संबंध तोड़ लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. सरताज सिंह भाजपा से पांच बार सांसद रहे थे और दो बार विधायक. वे केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री भी रहे. कभी कोई चुनाव हारे नहीं. इस बार वे मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा के सामने कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. उनसे दीपक गोस्वामी की बातचीत.