झारखंड: चोरी के संदेह में युवक की पीट-पीटकर हत्या

मामला झारखंड के कोडरमा जिले का है. रेलवे कॉलोनी में चोरी के शक में स्थानीय लोगों ने करीब 30 वर्षीय सुनील कुमार यादव की कथित तौर पर पिटाई कर दी. इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान सुनील की मौत हो गई.

अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों की काट के लिए गुजरात के ‘खाम’ को दोहराना होगा

गुजरात का विकास मॉडल एक भ्रम था. गुजरात दंगों के बाद मुस्लिम को अलग-थलग करने का जो प्रयोग शुरू हुआ, मोदी-शाह उसी के सहारे केंद्र में सत्ता में आए. आज यही गुजरात मॉडल सारे देश में अपनाया जा रहा है. 370 का मुद्दा उसी प्रयोग की अगली कड़ी है, जिसे मोदी शाह महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में भुनाने जा रहे हैं.

झारखंड में फिर से मॉब लिंचिंग, एक युवक की हत्या, दो की हालत गंभीर

यह घटना झारखंड के खूंटी जिले की है. पुलिस का कहना है कि रविवार सुबह लगभग 10 बजे के आसपास भीड़ ने तीन लोगों पर उस वक्त हमला किया, जब ये लोग कथित तौर पर एक जानवर के शव से मांस निकाल रहे थे.

पुलिस मुठभेड़ के बाद डकैती के आरोप में पकड़ा गया अख़लाक़ हत्याकांड का आरोपी

घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में सिंतबर, 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के सभी 18 आरोपी जमानत पर हैं. इनमें से एक हरिओम लूटपाट और गाजियाबाद में चुरायी हुई संपत्ति बेईमानी से हासिल करने के कम से कम चार मामलों में वांछित था.

आरफ़ा का इंडिया: जनसंख्या विस्फोट का डर क्यों फैला रहे हैं मोदी?

वीडियो: 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में जनसंख्या विस्फोट का उल्लेख किया और कहा कि जनसंख्या वृद्धि से देश में हमारी आने वाली पीढ़ी को अनेक संकट झेलने पड़ सकते हैं. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

कश्मीर के भूगोल पर तो कब्ज़ा किया जा सकता है, पर कश्मीरियत का क्या होगा?

असुरक्षा का भाव समाज के सैन्यकरण की स्वीकृति का अनिवार्य तत्व होता है. सांप्रदायिक राजनीति उसके भीतर भी असुरक्षा बोध खड़ा करती है जिसके पक्ष में वह दिखना चाहती है और उसके भीतर भी, जिसे वह शत्रु के रूप में चित्रित करती है. कश्मीर में असुरक्षा की भावना का इस्तेमाल कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी मुसलमानों दोनों के ख़िलाफ़ होता आ रहा है.

अगर यह हिंदू राष्ट्र नहीं है तो और क्या है?

उदारवादी बौद्धिक जमात के लिए भारत भले ही अब तक हिंदू राष्ट्र न बना हो, लेकिन गलियों में घूमनेवाले हिंदुत्ववादियों के लिए यह एक हिंदू राष्ट्र है. इसके लक्षण भले छिपे हुए हों, लेकिन इसके समर्थक और पीड़ित, दोनों ही बहुत ही स्पष्ट तरीके से इसका अनुभव कर सकते हैं.

पहचान और हक़ के लिए लड़ती ‘मिया कविता’

मिया कविता, मिया समुदाय की अस्मिता की लड़ाई है, अपनी भाषा-संस्कृति, अपनी पहचान की लड़ाई है. वे अपनी कविताओं के माध्यम से इस भूखंड पर अपनी पहचान, अपने अस्तित्व और अपने हक़ की मांग कर रहे हैं.

झारखंडः सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ़्तार छात्रा को पांच क़ुरान दान करने की शर्त पर ज़मानत

रांची की एक 19 वर्षीय छात्रा ऋचा भारती को सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं काे ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट करने के आरोप में 12 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था. स्थानीय अदालत ने उन्हें 5 क़ुरान दान करने की शर्त पर ज़मानत दी है. छात्रा का कहना है कि वे ऐसा नहीं करना चाहतीं.

चीन से शिनजियांग में मुसलमानों की नज़रबंदी ख़त्म करने के लिए 22 देशों ने किया अनुरोध

मानवाधिकार समूहों का ऐसा अनुमान है कि शिनजियांग में क़रीब 10 लाख मुसलमानों को जबरन नज़रबंद किया गया है. हालांकि चीन इस बात से इनकार करता रहा है.

यूपी: जय श्रीराम न बोलने पर मदरसे के छात्रों से मारपीट का आरोप, एक गिरफ़्तार

घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव की है. आरोप है कि क्रिकेट खेलने पहुंचे एक मदरसे के छात्रों को भला-बुरा कहते हुए कुछ युवकों ने कथित तौर पर ‘जय श्रीराम’ बोलने को कहा. मना करने पर उन्हें बैट से पीटा गया और भागने पर पथराव भी किया गया.

उत्तर प्रदेशः कानपुर में ‘जय श्री राम’ नहीं कहने पर 16 साल के मुस्लिम बच्चे को पीटा

यह घटना कानपुर के बर्रा इलाके की है. मुस्लिम किशोर का आरोप है कि 28 जून को मस्जिद से नमाज़ पढ़ कर लौटने के दौरान तीन से चार बाइक सवारों ने उसके टोपी पहने होने का विरोध करते हुए मारपीट की. इसके साथ ही दोबारा टोपी पहनकर इलाके में नहीं आने की भी धमकी भी दी गई.

प्रधानमंत्री जी! ‘धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा’ आप पर भी चरितार्थ होता है

मोदी सरकार और उनके समर्थक लगातार मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा थू की कहावत को चरितार्थ करते नज़र आ रहे हैं. विचार या निष्कर्ष उनके अनुकूल हुए तो उसके सौ खोट भी सिर माथे और प्रतिकूल हुए तो ईमानदार विश्लेषण भी टके सेर.

1 6 7 8 9 10 18