जन गण मन की बात की 53वीं कड़ी में विनोद दुआ मोदी सरकार के तीन साल और आईटी क्षेत्र में हो रही छंटनी पर चर्चा कर रहे हैं.
मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर छिड़ा ट्विटर वॉर, ट्रेंड कर रहा है 'अच्छे दिन नौकरी बिन' और तीन साल गोलमाल.
अनुसूचित जातियों के लिए मैट्रिक से पूर्व की छात्रवृत्ति के लिए 2016-17 के बजट अनुमान में 550 करोड़ रुपये का प्रावधान था पर इस वर्ष 2017-18 में इसका बजट अनुमान मात्र 50 करोड़ रुपये रखा गया है.
समाजवादी नेता मधु लिमये के जयंती समारोह में मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और मायावती में से कोई भी नज़र नहीं आया.
पिछले कुछ समय में आधार से जुड़ी लाखों लोगों की निजी सूचनाएं लीक होने से आधार के सुरक्षित होने के दावे पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं.
बिड़ला-सहारा डायरी केस और कालिखो पुल सुसाइड मामले में न्यायपालिका पर सवाल उठाता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के लेख का आॅडियो.
राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन से क्या होगा यह सिर्फ मोदी जानते हैं. लेकिन यह तय है कि जाति विषमता पर कुछ करना है तो सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं चलेगा.
पूरे उत्तर प्रदेश में तथाकथित ‘अवैध बूचड़खाने’ वास्तव में सार्वजनिक म्युनिसिपल बूचड़चाने हैं, जो भीषण उपेक्षा के कारण बदहाली का शिकार हैं.
वह समय आ चुका है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गंभीरता से विचार-विमर्श करके इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए कोई रास्ता निकालने के बारे में सोचना चाहिए.
जन गण मन की बात की 35वीं कड़ी में श्रीश्री रविशंकर और जग्गी वासुदेव के कानून की धज्जियां उड़ाते कारनामों और उर्दू भाषा पर विनोद दुआ चर्चा कर रहे हैं.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डालने की घटना की निंदा की.
गोवध और गायों के परिवहन पर पाबंदी को गोरक्षक दलों द्वारा हिंसक ढंग से लागू करने का ख़ामियाज़ा किसानों को उठाना पड़ रहा है. किसान अनुपयोगी मवेशी बेचकर कुछ पैसे कमा लेने के विकल्प से भी वंचित हो गए हैं.
केंद्र सरकार की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार आरटीआई अधिनियम को बदलने की कोशिश कर रही है.
जन गण मन की बात कार्यक्रम की 29वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के ख़िलाफ़ शुरू हुए अभियान और जम्मू कश्मीर में बनी चेनानी नशरी सुरंग पर चर्चा कर रहे हैं.
आधार के समर्थन में आई कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि लाखों ‘छात्रों के भूत’ मिड डे मील का लाभ उठा रहे हैं. ये दावे न तो प्रमाणिक हैं, न गंभीर जांच पर आधारित हैं.