नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने शुक्रवार सुबह संसद तक मार्च निकाला था लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय के पास ही रोक लिया गया. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई, जिसमें छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी के एक निजी समाचार चैनल ने कहा कि पुलिस द्वारा बिना किसी उकसावे के उनके दफ़्तर में घुसकर स्टाफ को पीटा गया. चैनल ने पुलिस से बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा है.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेत के प्रवक्ता जेरेमी लॉरेंस ने कहा कि भारत में नागरिकता प्रदान करने के व्यापक कानून अभी भी हैं, लेकिन ये संशोधन नागरिकता हासिल करने के लिए लोगों पर भेदभावपूर्ण असर डालेगा.
नगा छात्र संघ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को छह घंटे के बंद का आह्वान किया है. वहीं गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है.
नागरिकता संशोधन जैसे विधेयक लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने का काम करते हैं. कश्मीर और असम जैसे राज्यों में जनतंत्र के विरोध के सुर को गन-तंत्र से दबाने की कोशिश की जा रही है.
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने शुक्रवार सुबह संसद तक मार्च निकालने की घोषणा की थी. हालांकि उन्हें विश्वविद्यालय के पास में ही रोक लिया गया.
मोइत्रा के अलावा इसी तरह एक याचिका संयुक्त रूप से वकील एहतेशाम हाशमी, पत्रकार जिया उस सलाम और कानून के छात्र मुनीब अहमद खान, अपूर्वा जैन और आदिल तालिब ने दाखिल किया है. इनका आरोप है कि इसका मकसद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.
नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
उर्दू की वरिष्ठ पत्रकार और लेखक शिरीन दलवी ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद को बताया कि पिछले पांच साल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले 560 से अधिक मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी गई.
कोर्ट ने कहा कि इन याचिकाओं में कोई मेरिट नहीं है. कई मुस्लिम पक्ष, 40 कार्यकर्ता, हिंदू महासभा और निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है.
अमेरिका के मुस्लिम सांसद आंद्रे कार्सन ने कहा कि सांसदों द्वारा क्रूर नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करने के साथ ही आज हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और घातक कदम देखा. हालांकि भाजपा के इतिहास और सांप्रदायिकता से उसके संबंध को देखते हुए यह कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं है.