भारत और चीन की सेनाओं के बीच 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.
स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी मैक्सर द्वारा जारी तस्वीरें दिखाती हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप चीन ने रक्षात्मक दृष्टि से निर्माण किया है. विशेषज्ञों के अनुसार उनके द्वारा इसी ज़रिये भारतीय सीमा में घुसपैठ की गई होगी. तस्वीरों में टैंक आदि हथियार से लैस वाहन भी देखे गए हैं.
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा सांसद तापिर गाव ने एक साक्षात्कार में अरुणाचल प्रदेश में 50-60 किलोमीटर क्षेत्र पर चीन की सेना के कब्ज़े का दावा किया है जिस पर सरकार को तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए.
भारत और चीन के बीच व्यापार प्रतिबंध लगाने से सबसे ज़्यादा नुकसान मध्यम और निम्न आय वर्ग वालों को ही झेलना पड़ेगा. भारत में चीन के बने सामानों की मांग इसलिए ज़्यादा है, क्योंकि अन्य देशों के उत्पादों की तुलना में ये सस्ते और भारत की बड़ी आबादी की आय क्षमता के अनुकूल रहते हैं.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चीन ने हमारी ज़मीन ले ली और कहा कि यह भारत की ज़मीन नहीं है और प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से चीन के दावे का समर्थन किया है.
मुख्य विपक्षी दल के सवाल करने को उसकी क्षुद्रता बताया जा रहा है. 20 सैनिकों के मारे जाने के बाद कहा गया कि बिहार रेजीमेंट के जवानों ने शहादत दी, यह बिहार के लोगों के लिए गर्व की बात है. अन्य राज्यों के जवान भी मारे गए, उनका नाम अलग से क्यों नहीं? सिर्फ बिहार का नाम क्यों? क्या यह क्षुद्रता नहीं?
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर दोनों देशों के बीच तल्ख़ी आ गई है. भारत में इसे लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समीक्षा किए जाने के बाद सूत्रों ने कहा है कि सेना के ज़मीनी कमांडरों को असाधारण परिस्थितियों में हथियार के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है.
लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिक के संबंध में जारी एक बयान में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आज हम इतिहास के एक नाज़ुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय एवं उसके द्वारा उठाए गए क़दम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी.
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा है, न किसी पोस्ट को क़ब्ज़े में लिया गया है. इस पर सवाल उठने के बाद पीएमओ ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की 'शरारतपूर्ण व्याख्या' की कोशिश की जा रही है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार अपना दावा दोहराया था कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन का दावा ख़ुद उनके द्वारा अतीत में अपनाए गए रुख के अनुरूप नहीं है.
चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पहली बार गलवान घाटी पर दावा जताने के बाद 16 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर बनी सहमति के ख़िलाफ़ गया है.
भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा था न किसी पोस्ट को कब्ज़े में लिया गया था. उनके बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.
वीडियो: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बाद कन्फेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी सामानों के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के अपने अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ के तहत कमोडिटी की 450 से अधिक की सूची जारी की. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद चीन द्वारा कुछ भारतीय सैनिकों को बंधक बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन सेना ने किसी भी सैनिक के लापता होने से इनकार किया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने गुरुवार शाम को एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर समेत 10 सैन्यकर्मियों को रिहा किया है.