किसी राज्य के राज्यपाल से अधिक अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल के पास हैं: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र के दायरे में आती है और दिल्ली विधानसभा इन विषयों के बारे में कानून नहीं बना सकती है.

भारतीय न्यायपालिका के इतिहास का एक दुखद क्षण

पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण बता रहे हैं कि 10 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में जो हुआ, वह सर्वोच्च न्यायालय और भारत की न्यायपालिका के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

न्यायाधीश रिश्वत मामला: दो जजों की बेंच के फैसले को पांच जजों की संविधान पीठ ने पलटा

मामले में कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण कोर्ट से यह कहते हुए निकल गए कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कामकाज में उपराज्यपाल बाधा नहीं बन सकते: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने कहा, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद की सहायता और परामर्श शब्द शून्य में नहीं हैं, उन्हें कुछ मायने तो देना ही होगा.

दिल्ली सरकार कोई नीतिगत फ़ैसला करती है तो एलजी को जानकारी देनी ज़रूरी: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा, अगर दिल्ली सरकार एक नीतिगत फ़ैसला करती है तो वह एलजी को जानकारी देने के लिए बाध्य है, परंतु एलजी का सहमत होना ज़रूरी नहीं है.

नोटबंदी: नोट जमा करने संबंधी मामला ​सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ को भेजा गया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र के नोटबंदी के फ़ैसले की वैधता के साथ जमा कराने से संबंधित पहलू पर भी पांच सदस्यीय पीठ विचार करेगी.

पहली नज़र में संविधान के तहत उपराज्यपाल को प्राथमिकता प्राप्त है: सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा अनुच्छेद 239 एए दिल्ली के संबंध में विशिष्ट है और पहली नजर में ऐसा लगता है कि दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों से दिल्ली के उपराज्यपाल को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं.

दीनदयाल उपाध्याय: जो मुसलमानों को समस्या और धर्मनिरपेक्षता को देश की आत्मा पर हमला मानते थे

अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिंदू संस्कृति है.

सरकारी अफ़सरान हों या मुंसिफ़, ख़ुद को सामाजिक नैतिकता का प्रहरी मान बैठते हैं

व्यक्ति कुछ मौलिक अधिकारों से संपन्न है. संविधान इन अधिकारों की निशानदेही कर राज्य को बताता है कि वह व्यक्ति के जीवन में कहां हस्तक्षेप नहीं कर सकता.

‘औरतों की ज़िंदगी कोख के अंधेरे से क़ब्र के अंधेरे तक का सफ़र है’

'किसी समाज व शासन की सफलता इस तथ्य से समझी जानी चाहिए कि वहां नारी व प्रकृति कितनी संरक्षित व पोषित है, उन्हें वहां कितना सम्मान मिलता है.'

क्या जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हों, उसे देश का मुख्य न्यायाधीश बनाया जाना चाहिए?

जस्टिस दीपक मिश्रा को देश का मुख्य न्यायाधीश बनाये जाने पर सवाल उठा रहे हैं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण.