सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन को छह महीने के लिए जेल भेजा

देश में अपनी तरह का यह पहला मामला है कि जब अवमानना के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के न्यायाधीश को जेल भेजा जा रहा है.

अगर मोदी मुस्लिम महिलाओं को उनका हक़ दिलाना चाहते हैं तो बिलकिस को इंसाफ क्यों नहीं दिलाया?

बिलकिस बानो को इंसाफ मिल पाया क्योंकि शेष भारत और देश की अन्य संस्थाओं में अभी अराजकता की वह स्थिति नहीं है, जिसे नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में प्रश्रय दिया था. पर अब धीरे-धीरे यह अराजकता प्रादेशिक सीमाओं को तोड़कर राष्ट्रीय होती जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने बीएचयू के आठ छात्रों का निलंबन रद्द किया

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इन छात्रों ने साइबर लाइब्रेरी 24 घंटे खोलने के लिए पिछले साल भूख हड़ताल की थी, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

‘आज उन्हें भी जवाब मिल गया जो लड़कियों से कहते हैं कि तुम्हारा हश्र निर्भया जैसा कर देंगे’

सामूहिक बलात्कार की घटना की पीड़िता ज्योति सिंह (निर्भया) की मां ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों को मौत की सजा देने से वह संतुष्ट हैं.

राजीव गांधी हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगी रिपोर्ट

पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के दोषी पेरारीवलन ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि सीबीआई ने इस हत्याकांड के पीछे की बड़ी साज़िश की जांच नहीं की.

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के मानसिक स्वास्थ्य की जांच के दिए आदेश

शीर्ष अदालत ने देश की सभी अदालतों, ट्रिब्यूनलों और आयोगों को निर्देश दिया कि वह आठ फरवरी के बाद न्यायमूर्ति कर्णन द्वारा दिए गए आदेशों पर विचार न करें.

1987 के मेरठ दंगों ने बाबरी विवाद की पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी

प्रासंगिक: यह वास्तव में एक त्रासदी है कि जिन लोगों के पास यह सुनिश्चित करने की क्षमता थी कि भारत सांप्रदायिकता के बवंडर में न फंस जाए, उनमें से कोई भी मेरठ हिंसा के असली रूप को पहचान नहीं पाया.

गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को ज़मानत देने वाले न्यायाधीश निलंबित

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, जिस तरह से जानकार न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता की अनदेखी कर ज़मानत देने में जल्दबाज़ी दिखाई, उससे उनकी मंशा पर संदेह होता है.

लोकपाल के क्रियान्वयन को लटकाकर रखना न्यायसंगत नहीं: उच्चतम न्यायालय

संसद ने वर्ष 2013 में लोकपाल विधेयक पारित कर दिया था और यह वर्ष 2014 में लागू हो गया था. इसके बावजूद अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी है.

जनता की 90 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर सरकार का अवैध क़ब्ज़ा

2006 में लागू वन अधिकार क़ानून कहता है कि जो ज़मीनें आज़ादी के पहले सामुदायिक अधिकारों के लिए थीं, वो यथावत बनी रहेंगी. लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 90 लाख हेक्टेयर ऐसी ज़मीनों पर सरकार का क़ब्ज़ा है.

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