भारत हिंदू राष्ट्र है, विवेकानंद ने शिकागो धर्म सभा में हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व किया था जैसी बातें उस बुकलेट में हैं, जो भाजपा यूपी में होने वाली एक प्रतियोगिता के लिए स्कूलों में बांटेगी.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
फिल्मकार सुमन घोष ने सेंसर बोर्ड द्वारा बताए गए शब्दों को हटाने से साफ इनकार कर दिया है.
हिंदुत्ववादी गिरोह क़ानून, विस्थापन, हत्याओं और धमकियों के सहारे दलितों और मुस्लिमों की जीवन पद्धति को नष्ट करने में लगे हुए हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: बुलंदशहर में पिछले दिनों ग़ुलाम अहमद नाम के शख़्स को पीट-पीटकर मार डाला गया. उनके बेटे वकील अहमद के अनुसार, प्रेमी युगल के भागने में उनके पिता का कोई हाथ नहीं था.
भाजपा को मात देने के लिए विपक्षी दलों की गोलबंदी भले शुरू हो गई हो, लेकिन फ़िलहाल ऐसा कोई मुद्दा सामने नहीं आया है जो भाजपा के विरोध में हलचल पैदा कर सके.
जो 1977 में पाकिस्तान में ज़िया-उल-हक के नेतृत्व में शुरू हुआ था, वह अब भारत में दोहराया जा रहा है.
मुस्लिम मजलिस की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल में भी वही दूषित, संकीर्ण और कठमुल्लई मनोवृत्ति है, और वह एक लौकिक भारतीय समाज और खरी राष्ट्रीयता के विकास में बाधक होगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 35-40 फीसदी प्रत्याशियों का अापराधिक रिकॉर्ड है. कई अपराधों को वैचारिक वैधता भी मिल चुकी है क्योंकि इसके दोषियों को सज़ा के बजाय कोई बड़ी ज़िम्मेदारी या पद दे दिया जाता है. भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष इसका सटीक उदाहरण हैं.