राजस्थान: कांग्रेस ने कहा- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आवाज़ का नमूना और इस्तीफ़ा दें

राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साज़िश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज़ होने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि यदि चुनी गई किसी सरकार को पैसे की ताकत से अपदस्थ किया जाता है, तो यह जनादेश के साथ धोख़ा और लोकतंत्र की हत्या है.

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कांग्रेस नेता अजय माकन. (फोटो: पीटीआई)

राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साज़िश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज़ होने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि यदि चुनी गई किसी सरकार को पैसे की ताकत से अपदस्थ किया जाता है, तो यह जनादेश के साथ धोख़ा और लोकतंत्र की हत्या है.

कांग्रेस नेता अजय माकन. (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस नेता अजय माकन. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर/नई दिल्लीः राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच शुरू हुई सियासी जंग अब केंद्र सरकार तक पहुंच गई है.

राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साजिश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप सामने आने और उस पर विवाद होने के बाद कांग्रेस ने रविवार को न सिर्फ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से आवाज का नमूना देने की मांग की बल्कि जांच पूरी होने तक पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है.

कांग्रेस नेता अजय माकन ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कांग्रेस ने ऑडियो क्लिप को लेकर उठे विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से अपनी आवाज का नमूना देने को कहा है.’

उन्होंने कहा, ‘इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस्तीफा देना चाहिए या उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए.’

माकन ने कहा, ‘अब जब गजेंद्र सिंह शेखावत को एफआईआर में नामित किया गया है और उनकी आवाज को ऑडियो टेप में मान्यता दी गई है, तो केंद्रीय मंत्री का पद क्यों संभाल रहे हैं? कांग्रेस मांग करती है कि या तो वह इस्तीफा दे दें या उन्हें हटा दिया जाए, ताकि वह जांच को प्रभावित न कर सकें.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने सुना कि वह कह रहे हैं कि ऑडियो में आवाज उनकी नहीं बल्कि किसी और गजेंद्र सिंह शेखावत की है. अगर ऐसा है, तो उन्हें अपनी आवाज का नमूना देना चाहिए और जांच पूरी होने तक पद से हट जाना चाहिए.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा राजस्थान कांग्रेस विधायकों को अप्रत्याशित सुरक्षा घेरे में रखना इस बात का प्रमाण है कि साजिश के असली सरदार भाजपाई हैं.

माकन ने कहा कि बीते 17 जुलाई को संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए भाजपा की हरियाणा सरकार ने पुलिस लगाकर जिस तरीके से राजस्थान स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) को विधायक भंवर लाल शर्मा एवं विश्वेंद्र सिंह की आवाज का नमूना लेने तथा जांच करने से रोका, यह अपने आप में इस मिलीभगत का जीता जागता सबूत है.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस के विधायकों को अमित शाह द्वारा संचालित दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग पांच सितारा होटल में रखा है और राजस्थान पुलिस की जांच को बाधित करते हुए उनकी जगह बार-बार बदली जा रही है.

इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि हरियाणा सरकार भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह की आवाज के नमूने लेने से राजस्थान पुलिस को क्यों रोक रही है?

उन्होंने कहा कि यदि चुनी गई किसी सरकार को पैसे की ताकत से अपदस्थ किया जाता है, तो यह जनादेश के साथ धोखा और लोकतंत्र की हत्या है.

माकन ने सवाल उठाया कि यदि भाजपा की कोई भूमिका नहीं है, तो केंद्र, हरियाणा सरकार, ईडी, आईटी विभाग बागी कांग्रेस विधायकों को सुरक्षा क्यों दे रहे हैं?

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को गिरफ्तार करने की मांग की है और आरोप लगाया है कि वह पार्टी के एक बागी विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ मिलकर अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हैं.

हालांकि शेखावत ने कहा है कि ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. शर्मा एवं भाजपा ने इस ऑडियो को फर्जी बताया है.

इन दोनों टेप में कथित रूप से गहलोत सरकार को गिराने के लिए किए गए षड्यंत्र से जुड़ी बातचीत रिकॉर्ड है.

राजस्थान की कांग्रेस सरकार सचिन पायलट समेत अपने 19 विधायकों द्वारा विद्रोह का सामना कर रही है. कांग्रेस ने भाजपा पर सरकार गिराने की साजिश के पीछे होने का आरोप लगाया है.

दूसरी ओर भाजपा ने इन टेपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार लोगों के फोन टैप करवा रही है.

इसके साथ ही फोन टैपिंग के आरोपों के संबंध में केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है.

बता दें कि राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने दोनो ऑडियो क्लिप के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है.

राजस्थान विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुलाए जाने की संभावना

राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच राजस्थान विधानसभा का एक संक्षिप्त सत्र इस सप्ताह बुलाया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि सरकार के समक्ष संक्षिप्त विधानसभा सत्र बुलाने सहित सभी विकल्प खुले हैं.

इधर, कांग्रेस नेता अजय माकन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘सदन में शक्ति परीक्षण कब होगा.. कैसे होगा.. यह निर्णय और इसकी घोषणा मुख्यमंत्री और सरकार को करनी है.’

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री अपने विवेक से जब जरूरत होगी… अगर जरूरत हुई तो उस तरफ आगे बढ़ेंगे.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार शाम राज्यपाल से मुलाकात की थी. राजभवन सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच 45 मिनट तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की अद्यतन जानकारी दी.

वहीं दूसरी ओर पार्टी सूत्रों ने कहा कि संक्षिप्त सत्र बुलाने की संभावना है, लेकिन अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.

पार्टी ने बताया किया कि अशोक गहलोत सरकार के पास सदन में यदि बहुमत सिद्ध करने की जरूरत हुई तो पर्याप्त संख्याबल है.

200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायकों में सचिन पायलट के अलावा उनके खेमे के 18 विधायक शामिल हैं.

राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक का कांग्रेस को समर्थन है जबकि सत्ताधारी पार्टी को 13 निर्दलीय विधायकों में से 10 का समर्थन प्राप्त है.

भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायकों ने अधिकारिक तौर पर अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने की शनिवार को घोषणा की थी. वहीं सरकार माकपा के दोनों विधायकों को अपना समर्थक मान रही है.

माकपा ने कहा कि उनका रुख बिल्कुल साफ है कि उन्हें भाजपा को हराना है, लेकिन राज्य सरकार को समर्थन देने के बारे में कोई भी निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा किया जाएगा.

बगावत करने वाले जनप्रतिनिधियों के अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगे: सिब्बल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि बगावत करने वाले जन प्रतिनिधियों के पांच साल तक कोई सरकारी पद ग्रहण करने और अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की व्यवस्था बननी चाहिए.

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

सिब्बल की यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब राजस्थान में सचिन पायलट और कई अन्य विधायकों के बागी होने के बाद सियासी उठापठक चल रही है.

राजस्थान के राजनीतिक संकट से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘कोई कानून इस बगावत को नहीं रोक सकता. सिर्फ एक ही समाधान है कि अगर कोई बगावत करे तो वह अगले पांच साल तक कोई सरकारी पद नहीं ग्रहण कर सके और अगला चुनाव भी नहीं लड़ सके.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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