हाल ही में राजद से इस्तीफ़ा देने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं की वजह से बीमार पड़ गए थे, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.
पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया. वह 74 वर्ष के थे.
एम्स में इलाज के दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ रहे उनके करीबी केदार यादव ने फोन पर बताया कि सिंह का सुबह करीब 11 बजे सांस लेने में कठिनाई और अन्य जटिलताओं के कारण निधन हो गया.
यादव ने बताया कि सिंह के परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं. सिंह की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है.
उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जाएगा.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने हाल ही में राजद से इस्तीफा दे दिया था और कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं की वजह से बीमार हो गए थे. 11 सितंबर की रात उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी. इसके अगले दिन कफ की शिकायत होने के बाद उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
इससे पहले जून में सिंह को कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था और उन्हें पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था.
रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया है, ‘प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैंने परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है, लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं. दुखी हूं. बहुत याद आएंगे.’
प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 13, 2020
रघुवंश प्रसाद सिंह राजद प्रमुख लालू यादव के कट्टर समर्थक माने जाते थे. ऐसा बताया जा रहा है कि वैशाली सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी बाहुबली से राजनेता बने रामा सिंह को राजद में शामिल किए जाने की चर्चा से आहत होकर बीते जून महीने में उन्होंने राजद के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
इस्तीफा देने के समय रघुवंश प्रसाद सिंह कोरोना वायरस का संक्रमण होने की वजह पटना स्थित एम्स में भर्ती थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के उम्मीदवार के तौर पर रघुवंश को वैशाली लोकसभा सीट हराया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद बीते 10 सितंबर को रघुवंश प्रसाद सिंह एक लाइन का इस्तीफा पत्र राजद प्रमुख लालू यादव को भेजा था और दो अन्य पत्र भी लिखे थे, जिसमें से एक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम था और दूसरे पत्र में किसी को भी संबोधित नहीं किया गया था.
नीतीश कुमार को लिखे पत्र में उन्होंने वैशाली का विकास करने की अपील की थी, जिसका वह लोकसभा में कई दफा प्रतिनिधित्व कर चुके थे. बिना संबोधन वाले पत्र का उन्होंने शीर्षक दिया था, ‘राजनीति मतलब बुराई से लड़ना, धर्म मतलब अच्छाई करना’.
उसी दिन लालू प्रसाद यादव ने रांची से उन्हें एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उनके तीन दशक के साथ का हवाला देते हुए पार्टी नहीं छोड़ने की भावुक अपील की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें अक्सर मनरेगा योजना का वास्तुकार भी कहा जाता है, जिसकी शुरुआत के समय वह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री थे. रघुवंश प्रसाद सिंह को 2014 और 2019 में वैशाली सीट हार को सामना करना पड़ा था. इस सीट से वह रिकॉर्ड पांच बार लगातार लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)