शंघाई सहयोग सम्मेलन में नरेंद्र मोदी ने कहा, एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें सभी राष्ट्र

भारत-चीन के बीच सीमा पर हुए तनाव के बाद शंघाई सहयोग संगठन के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार आमने-सामने थे. सम्मेलन की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने की, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे.

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20वें शंघाई सहयोग सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

भारत-चीन के बीच सीमा पर हुए तनाव के बाद शंघाई सहयोग संगठन के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार आमने-सामने थे. सम्मेलन की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने की, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे.

20वें शंघाई सहयोग सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)
20वें शंघाई सहयोग सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान को दिए गए सख्त संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्य राष्ट्रों को एक-दूसरे की सार्वभौमिकता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने एससीओ के एजेंडा में द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयासों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और कहा कि भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस सम्मेलन में मौजूद थे. सम्मेलन की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कर रहे थे.

रूस वीडियो लिंक के जरिये एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. यह 17 नवंबर को डिजिटल ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन का भी आयोजन करेगा. भारत भी 30 नवंबर को एससीओ के शासन प्रमुखों की डिजिटल बैठक की मेजबानी करेगा.

प्रधानमंत्री का ये बयान पूर्वी लद्दाख में पिछले दिनों भारत और चीन के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़प और कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण के पाकिस्तान के प्रयासों तथा सीमापार से भारत के खिलाफ उसके द्वारा चलाई जा रही आतंकवादी गतिविधियों की पृष्ठभूमि में आठ देशों वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में आया.

सदस्य राष्ट्रों के बीच संपर्क मजबूत करने में भारत की सहभागिता का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘एससीओ क्षेत्र से भारत का घनिष्ठ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रहा है. हमारे पूर्वजों ने इस साझा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को अपने अथक और निरंतर संपर्कों से जीवंत रखा. अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर, चाबहार पोर्ट, अश्गाबात समझौते जैसे कदम संपर्क के प्रति भारत के मजबूत संकल्प को दर्शाते हैं. भारत का मानना है कि संपर्क को और अधिक गहरा करने के लिए यह आवश्यक है कि एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के मूल सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ा जाए.’

मोदी ने अपने संबोधन में एससीओ के एजेंडा में द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयासों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और कहा कि भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है और कोविड-19 महामारी की आर्थिक तथा सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व को उसकी व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन की अपेक्षा है.

उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 वर्ष पूरे किए हैं. लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है. महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन आए.’

मोदी ने कहा कि भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है और उसने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, मादक द्रव्य और धन शोधन के विरोध में आवाज उठाई है.

उन्होंने कहा, ‘भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार, एससीओ के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके एजेंडा में बार-बार, अनावश्यक रूप से, द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे हैं. यह एससीओ चार्टर और ‘शंघाई भावना’ का उल्लंघन करते हैं. इस तरह के प्रयास एससीओ को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भी भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं.

उन्होंने भरोसा दिया कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा.

मोदी ने कहा कि एससीओ में भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि वह पहली बार इसके शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक का आयोजन करने जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘इस बैठक के लिए एक व्यापक एजेंडा तैयार किया गया है, जिसमें आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है. हमने स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपने समृद्ध अनुभव को साझा करने के लिए नवाचार और स्टार्टअप्स पर विशेष कार्यकारी समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा है. हमने पारंपरिक चिकित्सा पर कार्यकारी समूह का भी प्रस्ताव रखा है, ताकि एससीओ देशों में पारंपरिक और प्राचीन चिकित्सा के ज्ञान और समकालीन चिकित्सा में हो रही प्रगति एक दूसरे के पूरक बन सकें.’

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि आर्थिक बहुपक्षवाद और राष्ट्रीय क्षमता निर्माण के मिश्रण से एससीओ के सदस्य देश कोरोना महामारी से हुए आर्थिक नुकसान के संकट से उबर सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम महामारी के बाद के विश्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहे हैं. मुझे विश्वास है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ साबित होगा और एससीओ क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को गति प्रदान करेगा.’

डिजिटल माध्यम से यह पहला एससीओ सम्मेलन था. वर्ष 2017 में भारत के इस गुट के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद तीसरा सम्मेलन है.

एससीओ नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी के चलते उपजी चुनौतियों और विपरीत स्थितियों के बीच इस बैठक को आयोजित करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई दी.

विवाद और मतभेदों को वार्ता के जरिये सुलझाएं एससीओ के सदस्य देश: शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि एससीओ के सदस्य देशों को आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी ताकतों से कड़ाई से निपटते समय पारस्परिक विश्वास को मजबूत करना चाहिए तथा आपसी विवादों और मतभेदों का समाधान वार्ता एवं चर्चा के जरिये करना चाहिए.

जिनपिंग ने कहा कि इतिहास ने साबित किया और साबित करता रहेगा कि अच्छे संबंध और पड़ोसियों से मित्रता मददगार होती है तथा पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग आपसी हित में रहता है.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में छह महीने से चले आ रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में जिनपिंग ने कहा, ‘हमें एकजुटता और पारस्परिक विश्वास को मजबूत करने तथा विवादों एवं मतभेदों का समाधान वार्ता एवं चर्चा से करने की आवश्यकता है.’

जिनपिंग ने कहा, ‘हमें समान, समग्र और सतत सुरक्षा पर काम करने, सभी तरह के खतरों और चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने तथा हमारे क्षेत्र में मजबूत सुरक्षा माहौल बनाने की आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा कि एससीओ के विकास के लिए राजनीतिक आधारशिला को मजबूत करने के क्रम में महामारी का फायदा उठाने के आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी ताकतों के प्रयासों को विफल करना, मादक पदार्थों के प्रसार पर रोक, इंटरनेट आधारित चरमपंथी विचारधारा के प्रसार पर रोक लगाना और एससीओ देशों के बीच कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

चीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम जैव सुरक्षा, डेटा सुरक्षा और बाह्य अंतरिक्ष सुरक्षा का समर्थन तथा इस क्षेत्र में सक्रिय संचार और वार्ता करें.’

एससीओ के संस्थापक सदस्यों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में शामिल हुए थे.

इमरान खान ने किसी देश की ‘अवैध और एकतरफा’ कार्रवाई का विरोध किया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि किसी भी देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर विवादित क्षेत्रों की स्थिति को ‘अवैध और एकतरफा’ ढंग से बदलने की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.

एससीओ के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद की 20वीं बैठक में खान ने लंबित मुद्दों के समाधान और शांति एवं स्थिरता का माहौल उत्पन्न करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के क्रियान्वयन का आह्वान किया.

उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के विपरीत विवादित क्षेत्रों की स्थिति को बदलने के लिए एकतरफा और अवैध कदम उद्देश्य के विपरीत हैं और ये क्षेत्रीय माहौल पर असर डालते हैं.’

खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं की मौजूदगी में कहा कि एससीओ चार्टर का उल्लंघन होने के कारण इस तरह के कदमों की निंदा और विरोध किया जाना चाहिए.

इससे पहले, मोदी ने विगत बैठकों में कश्मीर मुद्दा उठाने को लेकर पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए द्विपक्षीय मुद्दों को ‘अनावश्यक रूप से’ बार-बार एससीओ में लाने का प्रयास करने वालों पर निशाना साधा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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