दक्षिण अफ्रीका ने एक छोटे क्लीनिकल ट्रायल के बाद अपना टीकाकरण अभियान रोक दिया, जिसमें पता चला कि यह देश में फैले नए कोरोना वायरस वैरिएंट के ख़िलाफ़ न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करता है.

(फोटो: रॉयटर्स)
बेंगलुरु: दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से कहा है कि वह फरवरी की शुरुआत में भेजे गए एक लाख कोविड-19 वैक्सीन की खुराक वापस ले. द इकोनॉमिक टाइम्स ने मंगलवार की अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, एक हफ्ते पहले ही दक्षिण अफ्रीका ने कहा था कि वह अपनी टीकाकरण अभियान में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगाएगी.
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उत्पादन करने वाली सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) वैक्सीन की आपूर्ति करने वाली प्रमुख कंपनियों के रूप में सामने आई है.
कोविड-19 वैक्सीन की 10 लाख खुराक पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका में भेजी गई थी और अगले कुछ हफ्तों में पांच लाख अन्य जाने वाली थीं. कंपनी ने रायटर के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि देश में एस्ट्राजेनेका के टीके की खुराक बेच सकते हैं.
दरअसल, देश ने एक छोटे से क्लीनिकल ट्रायल के बाद अपना टीकाकरण अभियान रोक दिया, जिसमें पता चला कि यह देश में 501वाई कोरोना वायरस वैरिएंट के हल्के से मध्यम बीमारी के खिलाफ न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करता है.
एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि उसका वैक्सीन दक्षिण अफ्रीका के विटनवेस्टर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के आंकड़ों के आधार पर, दक्षिण अफ्रीकी संस्करण के कारण होने वाली हल्की बीमारी से केवल सीमित सुरक्षा प्रदान करता है.
अभी अपना कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू न करने वाले अफ्रीकी देश ने शोधकर्ताओं के साथ एक कार्यान्वयन अध्ययन के रूप में जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण शुरू करने का फैसला किया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की यह रिपोर्ट ऐसे समय में भी आई है जब सोमवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल वाली सूची में डाला है.