भारत में कोरोना वायरस के दोहरे उत्परिवर्तन वाले और चिंताजनक प्रकार के स्वरूप पाए गए: सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिले ​कोविड-19 के 10,787 संक्रमित नमूनों में से 771 मामले चिंताजनक स्वरूप ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (वीओसी) के मिले हैं. इसके अलावा दोहरे उत्परिवर्तन (डबल म्यूटेंट) वाला स्वरूप भी मिला है. हालांकि अब तक यह स्थापित नहीं हो पाया है कि मामलों में फ़िर से वृद्धि के लिए ये स्वरूप ज़िम्मेदार हैं.

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(फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिले कोविड-19 के 10,787 संक्रमित नमूनों में से 771 मामले चिंताजनक स्वरूप ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (वीओसी) के मिले हैं. इसके अलावा दोहरे उत्परिवर्तन (डबल म्यूटेंट) वाला स्वरूप भी मिला है. हालांकि अब तक यह स्थापित नहीं हो पाया है कि मामलों में फ़िर से वृद्धि के लिए ये स्वरूप ज़िम्मेदार हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली, महाराष्ट्र और कुछ अन्य स्थानों पर कोरोना वायरस के दोहरे उत्परिवर्तन (डबल म्यूटेंट) वाला एक नया स्वरूप और तीन चिंताजनक स्वरूप ‘वीओसी’ मिले हैं जो पहले ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले थे.

मंत्रालय ने हालांकि कहा कि अब तक पर्याप्त रूप से यह स्थापित नहीं हो पाया है कि क्या भारत में हाल के दिनों में महामारी के मामलों में फिर से वृद्धि के लिए कोरोना वायरस के यही स्वरूप जिम्मेदार हैं.

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एसके सिंह ने बुधवार को कहा कि 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिले 10,787 संक्रमित नमूनों में से 771 मामले चिंताजनक स्वरूप ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (वीओसी) के मिले हैं.

उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल तीन ‘वीओसी’ हैं, जो ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए.

मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) द्वारा की गई ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ में कई राज्यों में कोरोना वायरस के वीओसी और दोहरे उत्परिवर्तन वाले एक नए स्वरूप की पहचान हुई है.

सिंह ने कहा, ‘अब तक ऐसा कोई संबंध नहीं मिला है, जिससे यह कहा जा सके कि विभिन्न राज्यों में मामलों में वृद्धि इन स्वरूपों की वजह से है.’ संक्रमण के मामलों में वृद्धि के विभिन्न कारण हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 25 दिसंबर को आईएनएसएसीओजी की स्थापना की थी, जो कोविड-19 से संबंधित विषाणुओं की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ और विश्लेषण तथा जीनोमिक स्वरूपों के साथ महामारी संबंधी घटनाक्रमों को देखने वाला दस राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का समूह है.

मंत्रालय ने रेखांकित किया कि विभिन्न विषाणुओं के जीनोमिक स्वरूप एक प्राकृतिक घटनाक्रम हैं तथा ये सभी देशों में पाए जाते हैं.

इसने कहा, ‘इनमें ब्रिटेन के वायरस (बी.1.1.7.) लिनिएज के 736 संक्रमित नमूने भी हैं. दक्षिण अफ्रीकी वायरस लिनिएज (बी.1.351) के 34 नमूने भी संक्रमित पाए गए हैं. एक संक्रमित नमूना ब्राजील के लिनिएज (पी.1) के वायरस से संबंधित पाया गया. ये वीओसी युक्त नमूने देश के 18 राज्यों में चिह्नित किए गए हैं.’

इसने कहा कि कोरोना वायरस की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ और इसका विश्लेषण अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से लिए गए नमूनों, वीओसी से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों के नमूनों और अधिकतर राज्यों में सामुदायिक स्तर पर एकत्र किए गए नमूनों से किया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र से लिए गए नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि दिसंबर 2020 की तुलना में ‘ई484क्यू’ और ‘एल452आर’ उत्परिवर्तन के अंशों वाले नमूनों में वृद्धि हुई है.

इसने कहा कि इस प्रकार का उत्परिवर्तन दर्शाता है कि यह विषाणु शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सफल रहता है और इसका प्रभाव भी पहले से अधिक है. ये उत्परिवर्तन लगभग 15 से 20 प्रतिशत नमूनों में पाए गए हैं और पहले सूचीबद्ध वीओसी के साथ मेल नहीं खाते हैं.

मंत्रालय ने कहा कि इन्हें वीओसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन इनमें भी अधिक परीक्षण, करीबी संपर्कों का व्यापक रूप से पता लगाना, संक्रमण के मामलों और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों को तत्काल अलग करना तथा राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार इनके उपचार की आवश्यकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केरल के सभी 14 जिलों में से 2032 नमूनों की ‘सीक्वेंसिंग’ की जा चुकी है और ‘एन440के’ ऐसा स्वरूप है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे सकता है तथा यह 11 जिलों से लिए गए 123 नमूनों में पाया गया है.

इसने कहा कि यह स्वरूप इससे पहले आंध्र प्रदेश से लिए गए 33 प्रतिशत नमूनों और तेलंगाना के 104 नमूनों में से 53 में पाया गया था.

यह स्वरूप 16 अन्य देशों में भी पाया गया है, जिनमें ब्रिटेन, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. अभी तक इस प्रकार के स्वरूप की बेहतर तरीके से जांच हुई है.

इसने कहा कि हालांकि वायरस के चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) और दोहरे उत्परिवर्तन वाला स्वरूप भारत में पाया जा चुका है, लेकिन इनकी संख्या इतनी नहीं है, जिससे यह स्थापित किया जा सके या ऐसा कोई सीधा संबंध दर्शाया जा सके कि इनकी वजह से कुछ राज्यों में कोरोना वायरस संबंधी महामारी के मामलों में वृद्धि हो रही है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा है कि दोहरे उत्परिवर्तन वाला स्वरूप सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 206 नमूनों में पाया गया.

मंत्रालय के अनुसार उसके बाद दिल्ली में नौ नमूनों में पाया गया है. इसके अलावा छह और राज्यों के नमूनों में भी इस प्रकार के स्वरूप पाए गए हैं.

मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से भारत में लगातार कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी हो हुई है. देश में संक्रमण के कुल मामले 11,787,534 पर पहुंच गए हैं और मृतकों की संख्या 160,692 पर पहुंच गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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