सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के दो मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई है, साथ ही 30 लाख रुपये जुर्माना देने को कहा है.
पंचकूला/हरियाणा: दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में राम रहीम को विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसमें से दोनों पीड़िताओं को 14-14 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं दो लाख रुपये में कोर्ट में जमा होंगे.
Judge announced 10 yrs imprisonment & Rs.15 lakh fine each in 2 cases & Rs.14 lakh each to be paid to both victims: #RamRahimSingh's lawyer pic.twitter.com/atoTiHf8ET
— ANI (@ANI) August 28, 2017
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि गुरमीत ने अपने प्रभाव का ग़लत इस्तेमाल किया. डेरा प्रमुख को वर्ष 2002 के बलात्कार के मामले में यह सज़ा सुनाई गई.
चंडीगढ़ के निकट पंचकूला में सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने रोहतक में सुनारिया जेल में बनाए गए विशेष अदालत कक्ष में 50 वर्षीय गुरमीत को यह सज़ा सुनाई. शुक्रवार को इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से गुरमीत इसी जेल में बंद है.
न्यायाधीश को चंडीगढ़ से एक हेलीकॉप्टर से रोहतक लाया गया था और रोहतक के बाहरी इलाके में जेल के निकट बनाए गए एक हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर उतरा था. रोहतक में और जेल के आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा घेराबंदी की गई थी और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों तथा अर्द्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई थीं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सज़ा सुनाये जाने पर गुरमीत राम रहीम रोने लगा और जज के आगे हाथ जोड़कर सज़ा कम करने की अपील की. इससे पहले गुरमीत राम रहीम के वकील ने जज़ से नरमी की अपील की. उन्होंने सज़ा कम किए जाने के लिए उनके द्वारा किए गए सामाजिक कामों का ज़िक्र किया था, वहीं सीबीआई ने गुरमीत राम रहीम को अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की.
एनडीटीवी के अनुसार सीबीआई ने गुरमीत को मिली दस साल की सज़ा को बढ़ाने के लिए अपील की है.
#BREAKING CBI to push for more than 10 years sentence for #RamRahimSingh – already moved application, will press for other charges: Sources
— NDTV (@ndtv) August 28, 2017
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच पता चला है कि सिरसा में दो गाड़ियों में आग लगा दी गई है. सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है.
बीते 25 अगस्त को सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम को दोषी क़रार दिया थी. सीबीआई के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 50 वर्षीय डेरा प्रमुख को बलात्कार का दोषी ठहराते हुए कहा था कि उनकी सज़ा का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा.
धारा 144 लागू होने के बावजूद पंचकूला में तकरीबन दो लाख से ज़्यादा समर्थक जुट गए थे. राम रहीम को दोषी क़रार दिए जाने के बाद उनके समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए थे. हरियाणा में हुई हिंसा में 38 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए है.
इस हिंसा को लेकर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायलय ने हरियाणा सरकार को फटकार भी लगाई थी. उच्च न्यायालय ने पंचकूला में बड़ी संख्या में समर्थकों को आने देने के लिए हरियाणा सरकार को फटकार लगाई और सवाल किया है कि क्यों धारा 144 को कड़ाई से लागू नहीं किया गया.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह ने पिछले शुक्रवार को पंचकूला में राम रहीम को एक मामले में बलात्कार का दोषी ठहराया था. इस मामले को अप्रैल 2002 में उस गुमनाम शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था जिसमें गुरमीत राम रहीम पर दो साध्वियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों पर दिसंबर 2002 में यह मामला दर्ज किया था.
बलात्कार का मामला दर्ज किए जाने के करीब पांच साल बाद सीबीआई ने जुलाई 2007 में अंबाला की अदालत में डेरा प्रमुख के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाख़िल किया था. आरोप पत्र में 1999 और 2001 के बीच दो साध्वियों का यौन शोषण करने का उल्लेख किया गया था.
विशेष सीबीआई अदालत ने सितंबर 2008 में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आरापधिक रूप से डराना धमकाना) के तहत राम रहीम के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाख़िल किया था.
वर्ष 2009 और 2010 में दोनों शिकायतकर्ताओं ने अदालत के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए थे. बाद में सीबीआई की विशेष अदालत को अंबाला से पंचकूला स्थानांतरित कर दिया गया और डेरा प्रमुख के ख़िलाफ़ मामला भी पंचकूला सीबीआई अदालत में स्थानांतरित हो गया.
जुलाई 2017 में अदालत ने मामले की नियमित सुनवाई का आदेश दिया और अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस 17 अगस्त 2017 को पूरी हो गई. इसमें 25 अगस्त को राम रहीम को दोषी ठहराया गया.
प्रशासन ने गुरमीत को पिछले शुक्रवार को दोषी ठहराए जाने के बाद उनके अनुयायियों द्वारा फैलाई गई हिंसा की पुनरावृत्ति रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं. रोहतक ज़िले में पहले से ही धारा 144 लगाई गई है और किसी भी तरह के हथियार लेकर चलने पर पाबंदी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)