सीमा विवादः असम के मुख्यमंत्री ने वीडियो ट्वीट कर कहा- मिज़ोरम पुलिस ने मामला बढ़ाया

लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर बीते सोमवार को असम और मिज़ोरम पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में असम के कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि क़रीब 50 अन्य घायल हो गए. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही है.

//
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर बीते सोमवार को असम और मिज़ोरम पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में असम के कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि क़रीब 50 अन्य घायल हो गए. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/सिलचर: असम और मिजोरम के बीच पिछले कुछ हफ्तों से जारी सीमा विवाद के बढ़ने और सोमवार को असम पुलिस के कम से कम पांच जवानों की मौत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को मिजोरम पुलिस का एक कथित वीडियो ट्वीट कर उनके व्यवहार की आलोचना की है.

यह नवीनतम संघर्ष असम के कछार जिले के लैलापुर गांव और पड़ोसी मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंग्टे गांव के स्थानीय लोगों के बीच तनाव की परिणति थी. माना जा रहा है कि असम पुलिस द्वारा हाल ही में किए गए अतिक्रमण अभियान ने तनाव को और बढ़ा दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में पुलिसकर्मियों को जमीन पर आराम करते देखा जा सकता है, जबकि उनमें से एक धूम्रपान कर रहा है.

दुखद और भयावह बताते हुए शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘मिजोरम पुलिस के जवानों ने कैसे कार्रवाई की और विवाद को बढ़ाया, यह जानने के लिए इस वीडियो को देखें.’

उनका यह बयान असम पुलिस के कम से कम पांच कर्मचारियों की मौत के संबंध में आया है. मृतक पुलिसकर्मियों की पहचान सब-इंस्पेक्टर स्वपन रॉय के साथ कॉन्स्टेबर लिटन सुक्लाबैद्य, एमएच बरभुइया, एन. हुसैन और एस. बरभुइया के रूप में की गई है.

बता दें कि मिजोरम पुलिस के साथ हुए हिंसक संघर्ष में कम से कम 50 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.

इससे पहले हिमंता बिस्वा शर्मा ने पुलिसकर्मियों की मौत पर संवेदना जाहिर की थी और कहा था कि साफ तौर पर ऐसे सबूत सामने आ रहे हैं, जो दुर्भाग्य से दिखाते हैं कि मिजोरम पुलिस ने असम पुलिसकर्मियों के खिलाफ लाइट मशीन गन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया है.

उन्होंने कहा था, ‘यह दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है और हालात की स्थिति एवं गंभीरता के बारे में बहुत कुछ बताता है.’

असम ने मिजोरम पर विवादित सीमा स्थलों पर उसकी जमीन का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है.

इससे पहले मिजोरम के संदिग्ध बदमाशों ने ढोलाखाल खुलिचेरा में असम सरकार के अधिकारियों की टीम पर ग्रेनेड फेंका था. जबकि 11 जुलाई को मिजोरम की तरफ अंतर्राज्यीय सीमा पर एक के बाद एक दो विस्फोट हुए थे.

मिजोरम के वैरेंग्टे पुलिस स्टेशन में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है.

जबकि असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि 10 जुलाई को मिजोरम के करीब 25-30 लोग खुलिचेरा सीआरपीएफ कैंप से 25 मीटर आगे आए और बाद में भीड़ की संख्या कम से कम 50 हो गई.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने असम के अंदर की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, वन ट्रैक को साफ करने के काम को रोकने और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को सड़क बनाने से रोकने का प्रयास किया.’

दोनों राज्यों के कर्मचारियों के बीच गोलीबारी की सबसे हालिया घटना सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के दो दिन बाद हुई थी, जिसमें इस क्षेत्र में अंतर्राज्यीय सीमा के मुद्दों पर बंद कमरे में चर्चा हुई थी.

वनों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगा असम

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मिजोरम के साथ लगती सीमा पर संघर्ष में असम के पांच पुलिसकर्मियों एवं एक आम नागरिक की मौत होने और 60 अन्य लोगों के घायल होने की घटना के एक दिन बाद मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ‘इनरलाइन फॉरेस्ट रिजर्व’ को नष्ट होने और अतिक्रमण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

शर्मा ने सिलचर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उपग्रह से प्राप्त चित्रों से पता चला है कि सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और झूम खेती के लिए जंगलों को साफ किया जा रहा है, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘हम वनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.’

झूम कृषि खेती का ऐसा तरीका है, जिसमें पहले खेतों से वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है. पूर्वोत्तर के अधिकतर राज्यों में ऐसा किया जाता है.

शर्मा ने कहा, ‘विवाद भूमि को लेकर नहीं है, बल्कि मुद्दा आरक्षित वनों का अतिक्रमण है. वन क्षेत्रों में हमारी कोई बस्तियां नहीं हैं और अगर मिजोरम सबूत दे सकता है, तो हम तुरंत बाहर निकल जाएंगे.’

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पड़ोसी राज्य असम की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है, लेकिन सीमा की रक्षा की गई है, और हम हर कीमत पर इसकी रक्षा करना जारी रखेंगे.’

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को खूनी संघर्ष में बदल जाने के बाद केंद्र ने दोनों राज्यों को सीमा चौकी से अपने बलों को हटाने का निर्देश दिया था.

शर्मा ने कहा, ‘हमने ऐसा कर लिया है, लेकिन मिजोरम ने अभी तक ऐसा नहीं किया है. हमारे पुलिस बल चौकी से 100 मीटर की दूरी पर तैनात हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सुरक्षा कड़ी करने के लिए मिजोरम की सीमा से लगते जिलों- कछार, करीमगंज और हैलाकांडी में तीन कमांडो बटालियन तैनात करेगा.

बता दें कि असम की बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, मिजोरम के तीन जिलों- आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)