कश्मीर में राजनाथ ने कहा- जिन युवाओं ने गलतियां की हों, उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार न किया जाए

गृह मंत्री ने कहा कि वे कश्मीर समस्या सुलझाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.

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Rajouri: Union Home Minister Rajnath Singh interacts with a child during his visit to a border migrants camp in Nowshera sector of Rajouri district on Monday. PTI Photo (PTI9_11_2017_000119B)
Rajouri: Union Home Minister Rajnath Singh interacts with a child during his visit to a border migrants camp in Nowshera sector of Rajouri district on Monday. PTI Photo (PTI9_11_2017_000119B)

गृह मंत्री ने कहा कि वे कश्मीर समस्या सुलझाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.

Rajouri: Union Home Minister Rajnath Singh interacts with a child during his visit to a border migrants camp in Nowshera sector of Rajouri district on Monday. PTI Photo (PTI9_11_2017_000119B)
जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले के नौशेरा सेक्टर में सीमा से लगे शरणार्थी शिविर में एक बच्चे के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों से कहा गया है कि जिन युवाओं ने संभवत: कुछ गलतियां की हों उनके साथ अपराधियों की तरह नहीं, बल्कि किशोर कानून के तहत व्यवहार किया जाए. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते समय अत्यधिक बल प्रयोग न करें.

राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे कुछ लोगों के हाथों में न खेलें और पत्थरबाजी से दूर रहें. युवाओं के भविष्य को लेकर प्रधानमंत्री सहित हम सभी चिंतित हैं. गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अपने कठिन परिश्रम से अपना भाग्य और भविष्य बनाना चाहते हैं.

गृह मंत्री ने कहा, आतंकवादियों ने बहुत सी पीढ़ियों को नष्ट कर दिया है तथा हम उन्हें एक और पीढ़ी को नष्ट नहीं करने देंगे. मैंने सुरक्षाबलों से कहा है कि जिन युवाओं ने कुछ गलतियां की हों उनसे किशोर कानून के तहत व्यवहार करें, अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं करें. हालांकि हम आतंकवादियों तथा उनकी गतिविधियों के खिलाफ अपना जवाब देने में दृढ़ रहेंगे.

अनुच्छेद 35ए को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा

सिंह ने कहा कि जब उन्होंने कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान की बात कही थी तब तमाम तरह के कयास लगाए गए थे. स्थायी समाधान का हमारा सूत्र पांच सी पर आधारित है. जम्मू कश्मीर में अन्य राज्यों के लोगों को अचल संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध लगाने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए के कानूनी चुनौतियों के बारे में सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस दिशा में न तो कोई कार्रवाई की है और न ही अदालत का रुख किया है. इस बारे में किसी तरह के भ्रम और आशंका की कोई वजह नहीं है. इसे गैरजरूरी तौर पर मुद्दा बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मैं यह बात सिर्फ अनुच्छेद 35ए के बारे में नहीं कह रहा हूं बल्कि मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार जो कुछ भी कर रही है और भविष्य में जो भी करेगी, यहां के लोगों की भावनाओं के प्रतिकूल नहीं होगा.

सिंह ने कहा कि कश्मीर के लिए जारी 80 हजार करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के खर्च की भी उन्होंने समीक्षा की है और इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं पर काम जारी है. कुछ परियोजनाओं बड़ी होने के कारण इन पर व्यय होने वाली राशि में इजाफा हुआ है और पैकेज की व्यय सीमा अब एक लाख करोड़ तक पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि परियोजना की लागत में इजाफे को राह का रोड़ा नहीं बनने देने के लिए अधिकारियों को कह दिया गया है. इस बाबत अधिकारियों से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाकर इन परियोजनाओं पर काम शुरू करने को कहा गया है.

एनआईए स्वतंत्र जांच एजेंसी, कानून कर रहा अपना काम

अलगाववादियों पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है और कानून इस दिशा में अपना काम कर रहा है. एजेंसी के पास जरूर कुछ पुख्ता सबूत होंगे जिनकी बिना पर कार्रवाई की जा रही है.

मुलाकात करने वाले 55 शिष्टमंडलों में से किसी के भी द्वारा कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम हटाने की मांग करने के सवाल पर सिंह ने कहा कि किसी ने भी ऐसी कोई मांग पेश नहीं की.

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पैलेट गन के इस्तेमाल के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि इसका इस्तेमाल यदाकदा ही किया गया. पिछले साल पैलट गन के विकल्प के तौर पर पावा ग्रेनेड का प्रयोग किया था हालांकि यह विकल्प बहुत प्रभावी साबित नहीं हुआ. इसके बाद भी पैलट गन का इस्तेमाल पहले की तुलना में बहुत कम किया गया.

इस दौरान सिंह ने देशवासियों से पर्यटन और कारोबार के लिए कश्मीर आने की अपील करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी घूमने में कोई खतरा नहीं है. कश्मीर के लोग राज्य में आने वालों का स्वागत करने के इच्छुक हैं. वे कश्मीर को एक बार फिर जन्नत बनाना चाहते हैं और इस इलाके को आतंकवादियों के हाथों से वापस लाने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक खास मुहिम शुरू करेगी.

कश्मीर में हालात सुधरे हैं: राजनाथ

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले एक वर्ष में कश्मीर घाटी में हालात में काफी सुधार हुआ है और वह कश्मीर की समस्या सुलझाने में मदद करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.

जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पर गए राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर मुद्दे का स्थाई सामाधान पांच सी… सहानुभूति, संवाद, सहअस्तित्व, विश्वास बहाली और स्थिरता… पर आधारित है.

उन्होंने कहा, यहां शिष्टमंडलों से मिलने और बैठकों के बाद, मुझे लगता है कि कश्मीर में हालात काफी सुधरे हैं. मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि सबकुछ बिल्कुल ठीक है, लेकिन हालात सुधर रहे हैं, यह मैं दृढ़ विश्वास के साथ कह सकता हूं.

यह पूछने पर कि क्या सरकार अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, गृहमंत्री ने कहा, मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हूं जो कश्मीर की समस्या सुलझाने में हमारी मदद करने को इच्छुक है. औपचारिक न्योता देने का कोई सवाल नहीं उठता. जो बात करना चाहते हैं, वह स्वयं आगे आएं. मैं हमेशा खुले मन के साथ यहां आता हूं.

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे किसी पक्षकार को बाहर नहीं रखना चाहती, जिनके साथ बातचीत की जानी चाहिए.

हम पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते चाहते हैं

गृह मंत्री ने कहा कि हम कश्मीर के प्रत्येक नौजवान के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी देखना चाहते हैं और इस दिशा में हमारी कोशिशें जारी रहेंगी. केंद्र सरकार ने मई 2014 में कार्यभार संभालने के दिन से ही पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसियों से आपसी रिश्ते बेहतर बनाने के संजीदा प्रयास तेज कर दिए थे. हम अपने पड़ोसियों से बेहतर रिश्ते बनाना चाहते हैं, हम अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं.

सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त तो बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं. लेकिन हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान क्या कर रहा है वे हमारी सीमा में आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहे हैं. मैं पाकिस्तान से कहूंगा कि इसे रोका जाना चाहिए. वाजपेयी हों या प्रधानमंत्री मोदी, हर किसी ने अपने स्तर पर बेहतर प्रयास किए लेकिन इसके एवज में पाकिस्तान का वह रवैया कभी नहीं रहा जो होना चाहिए था.

गृहमंत्री ने श्रीनगर में कहा कि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराना बंद करना चाहिए.

गृह मंत्री के आश्वासन के बाद अनुच्छेद 35ए के खिलाफ आवाजें शांत हों: उमर

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आश्वासन के बाद संविधान के अनुच्छेद 35ए के खिलाफ उठ रही सभी आवाजें शांत हो जानी चाहिए.

जम्मू कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर आए सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिससे राज्य के लोगों की भावनाएं आहत हों.

उन्होंने कहा कि केंद्र ने अनुच्छेद 35ए को विधिक चुनौती देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है और न ही अदालत का दरवाजा खटखटाया है. यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर से बाहर के लोगों को राज्य में अचल संपत्ति लेने से रोकता है.

सिंह ने कहा, इस बारे में किसी तरह की अटकल या आशंका की कोई वजह नहीं है. इसे बिना वजह मुद्दा बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है, हम अदालत में भी नहीं गए हैं. मैं यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं केवल अनुच्छेद 35ए के बारे में ही बात नहीं कर रहा हूं, हमारी सरकार जो भी करती है, हम यहां के लोगों की भावनाओं के खिलाफ कुछ भी नहीं करेंगे. हम उसका सम्मान करते रहेंगे.

सिंह द्वारा यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद उमर ने ट्वीट किया, यह केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से एक बहुत ही महत्वपूर्ण बयान है. उनका आसन 35ए के खिलाफ उठ रही आवाजों को शांत करने में काफी महत्वपूर्ण होगा. उमर ने कहा कि केंद्र को अनुच्छेद 35ए का बचाव करने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जवाबी हलफनामा दायर करना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)