फिरोज़ाबाद मेडिकल कॉलेज में मंगलवार शाम तक 210 बच्चों को भर्ती कराया गया था. बीते एक हफ्ते में डेंगू जैसे संदिग्ध बुखार से दम तोड़ने वालों में बत्तीस बच्चे शामिल हैं. अधिकारियों का कहना है कि मौत का प्राथमिक कारण डेंगू लग रहा है पर साथ ही अन्य कारणों का भी पता लगाया जा रहा है.
फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बीते एक हफ्ते में डेंगू जैसे बुखार की वजह से लगभग 40 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 32 बच्चे भी शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संदिग्ध डेंगू के इलाज और इससे बचाव के उपायों की समीक्षा के लिए सोमवार को सरकारी अस्पताल का दौरा किया.
आगरा के संभागीय आयुक्त अमित गुप्ता ने कहा, ‘बीते एक हफ्ते में फिरोजाबाद में इससे लगभग 40 मौतें हुई हैं. मौत का प्राथमिक कारण डेंगू लग रहा है लेकिन इसके साथ ही अन्य कारणों का भी पता लगाया जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने संबंधित अस्पतालों में प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए हैं. प्लेटलेट्स को आगरा से भी लाया जा रहा है. आधिकारिक टीमों द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है.’
गुप्ता ने कहा कि अधिकतर मामलों में वायरल बुखार का लक्षण पाया गया है.
आयुक्त ने कहा कि मथुरा में भी कुछ मौतें हुई हैं. हालांकि, ये मौतें स्क्रब टायफस की वजह से हुई है, जो डेंगू की तरह ही है लेकिन यह वायरस से नहीं बल्कि बैक्टीरिया से होता है.
अधिकारियों का कहना है कि आगरा या मैनपुरी में वायरल बुखार के ज्यादा मामले नहीं हैं लेकिन फिर भी मेडिकल विभाग को सतर्क रहने को कहा गया है.
फिरोजाबाद के सरकारी अधिकारी और स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले महीने रक्षाबंधन के बाद अगस्त के आखिरी हफ्ते में डेंगू जैसे बुखार के शुरुआती मामले सामने आए थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा, ‘फिरोजाबाद की लगभग आठ से नौ कॉलोनी में संदिग्ध डेंगू के मामले सामने आए हैं. जब मेडिकल विभाग को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने उच्च प्रशासन को इसकी जानकारी दी. मेडिकल कॉलेज में इसके लिए अलग वॉर्ड बनाया गया है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर स्थिति की समीक्षा की है और इस पर रिपोर्ट मांगी है.
उन्होंने कहा, ‘अगर इसमें किसी तरह की लापरवाही पाई जाती है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाएगा.’
योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं को बताया कि इलाज के दौरान 32 बच्चों और सात वयस्कों की मौत हो गई. ये मौतें घर और अस्पताल दोनों जगह हुई हैं. दो बच्चों को मृत अवस्था में सरकारी अस्पताल लाया गया.
मुख्यमंत्री ने प्रशासन से वायरल बुखार के सभी मामलों की जांच करने और मरीजों के खून के नमूने जांच के लिए लखनऊ के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंसेज में भेजने के निर्देश दिए हैं.
फिरोजाबाद में संदिग्ध डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने कक्षा एक से लेकर कक्षा आठवीं तक के सभी स्कूलों को छह सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सोमवार को फिरोजाबाद दौरे के बाद देर रात प्रशासन ने यह कदम उठाया. डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र जारी करते हुए आठवीं कक्षा तक के लिये सभी स्कूलों को छह सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया है.
उन्होंने बताया कि यह आदेश सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूलों के साथ-साथ अध्यापन कार्य करा रहे सभी संस्थानों पर लागू रहेगा. आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ दंडात्मक व विधिक कार्यवाही की जाएगी.
फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में मंगलवार शाम को मरीजों की भीड़ सामान्य से अधिक रही. बच्चों के परिजन बारिश की वजह से पॉलिथीन में मेडिकल रिपोर्ट लिए अस्पतालों में दिखाई दिए.
यहां मंगलवार शाम तक 300 बेड की सुविधा वाले अस्पताल में 210 बच्चों को भर्ती किया गया. कन्नौज, इटावा और आगरा के डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात किया गया.
फिरोजाबाद के ऑटोनोमस स्टेट मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. संगीता अनेजा ने कहा, ‘बच्चों में बुखार, दस्त और उल्टी के लक्षण थे. मंगलवार को अस्पताल में डेंगू के 23 पॉजिटिव मामले थे. हम चौबीस घंटे बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं और ब्लड प्लेटलेट्स का सही वितरण सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक गठित किया है. हम अगले कुछ दिनों तक स्थिति पर करीब से नजर रखेंगे.’
अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की कोरोना जांच भी की जा रही है लेकिन अभी तक कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने क्षेत्र में डेंगू का इस तरह का कहर नहीं देखा.
अस्पताल में भर्ती साढ़े चार साल के बच्चे के पिता जयंती प्रसाद कहते हैं, पिछले दो-तीन दिन से मेरे बेटे को बुखार था और बुखार उतर ही नहीं रहा था. उसे मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया था. उसके प्लेटलेट कम हो गए और हम प्लेटलेट डोनेटर की तलाश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘बहुत भीड़ है. हमारे गांव के कई बच्चे बीमार हैं. हम इस तरह के हालात पहले कभी नहीं देखे. यह बहुत भयानक समय है.’
हालांकि, फिरोजाबाद सदर क्षेत्र से भाजपा विधायक मनीष असीजा के मुताबिक इस मच्छर जनित बीमारी से जिले में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है.
विधायक असीजा ने बताया कि सोमवार रात तीन लोगों तथा मंगलवार को दो लोगों की मौत के साथ जिले में डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है.
इससे पहले 30 अगस्त को असीजा ने बताया था कि उनके पास 41 बच्चों की डेंगू से मौत की सूचना आ चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर स्थिति में हैं.
असीजा ने इस हादसे के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय नगर निकाय को ज़िम्मेदार ठहराया था.
फिरोजाबाद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हटाया गया
उत्तर प्रदेश सरकार ने फिरोजाबाद जिले में डेंगू के कारण 44 लोगों की मौत के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का तबादला कर दिया.
शासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक फिरोजाबाद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीता कुलश्रेष्ठ को हटाकर अलीगढ़ के मलखान सिंह जिला अस्पताल में सीनियर कंसल्ट पद पर भेजा गया है. उनके स्थान पर हापुड़ के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनेश कुमार प्रेमी को फिरोजाबाद का नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनाया गया है.
हालांकि आदेश में नीता कुलश्रेष्ठ को हटाने का कारण नहीं बताया गया है.
अखिलेश ने सरकार पर साधा निशाना, कांग्रेस ने मृतकों के लिए मुआवजे की मांग की
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में डेंगू और अन्य तरह के बुखार से लोगों की मौतों पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य की भाजपा सरकार पर केवल सत्ता बचाने में व्यस्त रहने का आरोप लगाया.
अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा, ‘उत्तर प्रदेश में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण जनता बेहाल है. बारिश और जलभराव के कारण संचारी रोग तेजी से फैल रहे हैं. जलजनित बीमारियों से संक्रमित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार की ओर से संक्रमण रोकने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हो रहा है .’
उन्होंने आरोप लगाया कि फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल से 56 मौत होने के बाद भी शासन-प्रशासन की नींद नहीं टूटी. उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार सिर्फ सत्ता बचाने की जुगत में जुटी है जबकि राजधानी लखनऊ और समीपवर्ती जिले टाइफाइड की चपेट में हैं.
उन्होंने कहा कि लखनऊ में अब तक टाइफाइड से लगभग 100 लोग प्रभावित हो चुके है और जिला अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं का भी अकाल है.
सपा मुखिया ने कहा कि प्रचार में लीन भाजपा सरकार नींद से जागे और लखनऊ तथा प्रदेश के शहरों, बस्तियों और गांवों में फैल रहे खतरनाक जानलेवा बुखार से प्रभावित होने वाले बच्चों और बड़ों के लिए स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्ति करे. वायरल बुखार से राज्य के बाल-बच्चों वाले परिवार बेहद चिंतित और भयभीत हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की प्राथमिकता में स्वास्थ्य सेवायें नहीं हैं. कोरोना वैश्विक महामारी में आम जनता का भरोसा सरकार ने तोड़ दिया. इलाज, बेड, आक्सीजन संकट के समाधान में भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही. वैक्सीनेशन के नाम पर हो-हल्ला मचाने वाली भाजपा सरकार वैक्सीन आपूर्ति में ही पिछड़ती जा रही है.
वहीं, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करिश्मा ठाकुर फिरोजाबाद पहुंचीं और उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों के परिजनों से मुलाकात के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
लल्लू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार से मांग की कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए एवं मेडिकल कॉलेज में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तथा सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाए, ताकि बीमारी की रोकथाम की जा सके.
उन्होंने कहा कि न केवल फिरोजाबाद बल्कि मथुरा, कासगंज और एटा में भी इस बुखार का प्रकोप फैला हुआ है. प्रदेश सरकार विशेष तौर पर यह जांच कराए कि यह बुखार डेंगू है या कोई अन्य वायरस है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)