महाराष्ट्र: अहमदनगर के सरकारी अस्पताल में आग लगने से 11 कोविड मरीज़ों की मौत

अहमदनगर के ज़िलाधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. आग लगने के समय सरकारी अस्पताल के कोविड वार्ड में 17 मरीज़ थे. शुरुआत में आग में 10 मरीज़ों की मौत हो हुई थी, जबकि सात अन्य को स्थानांतरित कर दिया गया था. बाद में सात में से एक गंभीर मरीज़ की मौत हो गई.

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Ahmednagar: Injured patients being shifted to safer place after a fire broke out at the ICU of Civil Hospital in Ahmednagar, Saturday, Nov. 6, 2021. At least 10 people died in the fire. (PTI Photo) (PTI11 06 2021 000078B)

अहमदनगर के ज़िलाधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. आग लगने के समय सरकारी अस्पताल के कोविड वार्ड में 17 मरीज़ थे. शुरुआत में आग में 10 मरीज़ों की मौत हो हुई थी, जबकि सात अन्य को स्थानांतरित कर दिया गया था. बाद में सात में से एक गंभीर मरीज़ की मौत हो गई.

अहमदनगर के सरकारी अस्पताल के आईसीयू में आग लगने के बाद घायल मरीजों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाते कर्मचारी. (फोटो: पीटीआई)

पुणे: महाराष्ट्र के अहमदनगर में शनिवार को एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से कम से कम 11 कोविड मरीजों की मौत हो गई तथा एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में सुबह करीब 11 बजे आग लगी, जहां कोविड-19 के 20 मरीजों का इलाज चल रहा था. अहमदनगर के जिलाधिकारी राजेंद्र भोसले ने पुष्टि की कि सरकारी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से 11 मरीजों की मौत हो गई है.

अहमदनगर नगर निगम के अग्निशमन विभाग के प्रमुख शंकर मिसाल ने बताया कि आग की सूचना मिलने पर पुलिस और दमकलकर्मी वहां पहुंचे और बचाव एवं आग पर काबू के लिए अभियान शुरू किया. उन्होंने कहा कि दोपहर करीब 1:30 बजे आग पर काबू पा लिया गया तथा इस हादसे का कारण ‘शॉर्ट सर्किट’ हो सकता है.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आग लगने के बाद घायल मरीजों को एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से 11 को मृत लाया घोषित कर दिया गया.

जिलाधिकारी राजेंद्र भोसले ने कहा कि उसके बाद सभी 11 पीड़ितों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और उनकी मौत के कारणों की जांच की जा रही है कि क्या उनकी मौत दम घुटने से हुई या मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के कारण हुई.

उन्होंने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल के नए भवन के कोविड वार्ड में सुबह करीब 10:30 बजे आग लग गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय कोविड वार्ड में 17 मरीज थे. शुरुआत में आग में 10 मरीजों की मौत हो गई थी, जबकि सात अन्य को स्थानांतरित कर दिया गया था. बाद में सात में से एक गंभीर मरीज की मौत हो गई.

मृतक मरीजों की पहचान- सीताराम दगड़ू जाधव (83 वर्ष), भिवाजी सदाशिव पवार (80 वर्ष), रामकिशन विट्ठल हरपुड़े (70 वर्ष), कोंडाबाई मधुकर कदम (70 वर्ष), चबाबी अहमद सैयद (65 वर्ष), सत्यभामा शिवाजी घोड़चौरे (65 वर्ष), कडुबल गंगाधर खटीक (65 वर्ष), असराबाई गोविंद नांगरे (58 वर्ष), दीपक विश्वनाथ जगदाले (37 वर्ष) के रूप में हुई है. एक 58 वर्षीय व्यक्ति की भी मौत हुई है, जिसका विवरण अभी तक ज्ञात नहीं है.

हादसे में घायल मरीजों की पहचान लक्ष्मण विट्ठल थोराट (85 वर्ष), रमाबाई पंजाराम विधाते (70 वर्ष), गोदाबाई पोपट सासाने (70 वर्ष), यमुना तात्याराम कांबले (65 वर्ष), लक्ष्मण असराजी सावलकर (60 वर्ष), संतोष धर्मजी थोकल (40 वर्ष) और अंकुश किसान पवार (40 वर्ष) के रूप में हुई है. इनमें से एक की बाद में मौत हो गई, जबकि छह अन्य की हालत स्थिर बनी हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में लोगों की हुई मौत पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘महाराष्ट्र के अहमदनगर के एक अस्पताल में आग लगने से हुई मौतों से दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. राज्य सरकार ने मरने वाले लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, ‘मेरी संवदेनाएं इस घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के साथ हैं. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत कार्य में मदद करने की अपील करता हूं.’

भारतीय जनता पार्टी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने इस घटना को ‘चौंकाने वाला और परेशान करने वाला’ बताया.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘मेरी संवेदनाएं नगर राजकीय अस्पताल में आग की घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के साथ हैं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’ उन्होंने घटना की ‘व्यापक जांच’ की मांग की और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

इससे पहले बीते अप्रैल माह में महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक निजी अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से कोविड-19 के 15 मरीजों की मौत हो गई थी.

10 अप्रैल को नागपुर के एक निजी अस्पताल में लगी आग में भी चार मरीजों ने अपनी जान गंवा दी थी. अप्रैल माह में ही ठाणे के समीप एक निजी अस्पताल में आग लगने के बाद चार मरीजों की मौत हो गई.

मुंबई के ड्रीम्स मॉल में 25-26 मार्च की मध्यरात्रि को एक कोविड अस्पताल में भी आग लग गई थी. इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई थी.

राज्य में नौ जनवरी को भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत हो गई थी. घटना के समय वार्ड में एक से तीन महीने की आयु के 17 शिशु मौजूद थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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