कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने बताया कि बीते दो महीने में यह उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है. इससे पहले गोवा, छत्तीसगढ़ और मुंबई में उनके शो रद्द किए गए हैं. इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर फ़ारूक़ी को ‘विवादित’ शख़्सियत बताया है.
नई दिल्लीः दक्षिणपंथी समूहों और पुलिस के दबाव के बाद 30 दिनों के भीतर चौथी बार कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी का शो रद्द कर दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर उनसे रविवार को गुड शेफर्ड सभागार में कार्यक्रम का आयोजन नहीं करने को कहा.
फारूकी ने रविवार सुबह बयान जारी कर कहा कि यह बीते दो महीने में उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है.
Nafrat jeet hai, Artist haar gaya.
Im done! Goodbye! INJUSTICE pic.twitter.com/la4xmaeQ0C— munawar faruqui (@munawar0018) November 28, 2021
अशोक नगर पुलिस ने शनिवार को कर्टन कॉल इवेंट्स के प्रमुख विशेष धुरिया को पत्र लिखकर फारूकी को ‘विवादास्पद शख्सियत’ बताते हुए कहा, ‘कई राज्यों में उनके (फारूकी) कॉमेडी शो पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.’
हालांकि, पुलिस का यह दावा गलत है क्योंकि फारूकी के शो दक्षिणपंथी हिंदू समूहों की धमकियों, उनके विरोध और यहां तक कि हिंसा के बाद रद्द किए गए हैं, किसी राज्य ने उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया है.
ऐसा लगता है कि पुलिस के इस पत्र को जल्दबाजी में तैयार किया गया है क्योंकि इसमें कई वाक्य अधूरे हैं और व्याकरण संबंधी कई गलतियां हैं.
पत्र में कहा गया, ‘यह विश्वसनीय जानकारी है कि कई संगठन मुनव्वर फारूकी के स्टैंडअप कॉमेडी शो का विरोध कर रहे हैं. इससे अराजकता पैदा हो सकती है और सार्वजनिक शांति और सद्भावना बाधित हो सकती है, जिससे आगे चलकर कानून एवं व्यवस्था की समस्याएं हो सकती हैं इसलिए आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आपको मुनव्वर फारूकी का स्टैंडअप कॉमेडी शो रद्द कर देना चाहिए.’
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें शो की मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी और वह अगर यह कार्यक्रम होता है तो वह आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.
पुलिस के पत्र में इंदौर में फारूकी के खिलाफ दर्ज मामले का भी उल्लेख किया गया है.
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में उन पर भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत के आधार पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था और कथित तौर पर आपत्तिजनक शो से पहले उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.
भाजपा नेता के बेटे ने दावा किया था कि उन्होंने इंदौर में फारूकी को उनके शो की रिहर्सल के दौरान हिंदू देवताओं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बारे में कथित तौर पर अभद्र बातें करते सुना था लेकिन अपने इस दावे को लेकर वह कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके थे.
इस मामले में फारूकी और अन्य को एक महीने तक जेल में रहना पड़ा था और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.
इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिकाएं दो बार यह कहकर खारिज कर दी थी कि इस तरह के लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
फारूकी के जेल जाने को लेकर न्याय से भटकना, उनके बुनियादी अधिकारों का हनन और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने के तौर पर व्यापक निंदा की गई थी. यहां तक कि अन्य देशों में भी इसे लेकर रोष देखने को मिला था.
पेन अमेरिकाज आर्टिस्ट्स एट रिस्क कनेक्शन की निदेशक जूली ट्रेबॉल्ट ने कहा था, ‘स्वस्थ लोकतंत्र के लिए कॉमेडी और व्यंग्य बहुत जरूरी हैं क्योंकि वे नए विचारों और आलोचनात्मक सोच के निर्बाध संचार का प्रसार करते हैं.’
फारूकी को जमानत दिए जाने पर दक्षिणपंथी समूहों ने यह सुनिश्चित किया था कि फारूकी के शो सुचारू ढंग से जारी नहीं रहें.
नवंबर के मध्य में दक्षिणपंथी समूहों की धमकियों के बाद फारूकी के गोवा में होने वाले दो सोल्ड-आउट शो रद्द कर दिए गए थे. दरअसल इन दक्षिणपंथी समूहों ने धमकी दी थी कि अगर ये शो आयोजित किए जाते हैं तो वे खुद को आग लगा लेंगे.
इससे एक हफ्ते पहले छत्तीसगढ़ में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा स्थानीय प्रशासन को शो के लिए मंजूरी दिए जाने पर प्रदर्शन की धमकियों के बाद उनके शो रद्द कर दिए गए थे.
उससे पहले मुंबई में फारूकी के दो शो बजरंग दल के सदस्यों द्वारा आयोजन स्थल क नुकसान पहुंचाने की धमकियों के बाद रद्द कर दिए गए थे.