अरुणाचल प्रदेश के कामेंग क्षेत्र में बीते 6 फरवरी को हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद सेना के सात जवान लापता थे. सेना ने एक बयान में बताया है कि अब हिमस्खलन वाले स्थान से सभी कर्मियों के शव बरामद हुए हैं.
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के कामेंग क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद पिछले दो दिन से लापता सेना के सात जवानों के शव मंगलवार को मिले. सेना ने यह जानकारी दी.
कामेंग सेक्टर में ऊंचाई पर स्थित इलाके में 6 फरवरी को हिमस्खलन के बाद लापता कर्मियों को ढूंढने के लिए सेना ने तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया था.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन में हुई सैनिकों की मौत पर शोक जताते हुए मंगलवार को कहा कि इस दुख को लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता है.
दुर्घटना के शिकार सैनिकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बहादुर जवानों ने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहूति दी है और उनके इस नि:स्वार्थ बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जवानों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्र के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के जवानों की मौत पर शोक जताया और कहा कि देश उनकी उत्कृष्ट सेवाओं को कभी भूल नहीं पाएगा.
Sadddened by the loss of lives of Indian Army personnel due to an avalanche in Arunachal Pradesh. We will never forget their exemplary service to our nation. Condolences to the bereaved families.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2022
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन से भारतीय सेना के जवानों की मौत से दुखी हूं. देश की उत्कृष्ट सेवा के लिए हम उनके योगदान को कभी नहीं भूल पाएंगे. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों की मौत पर शोक जताया है.
Deeply pained by the demise of Indian Army personnel who were struck by an avalanche in Kemang Sector, Arunachal Pradesh.
These brave soldiers lost their lives while serving the nation. I salute their courage and service. My heartfelt condolences to their bereaved families.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 8, 2022
सिंह ने ट्वीट किया, ‘इन वीर सैनिकों ने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपनी जान न्यौछावर की. मैं उनके साहस और सेवा को सलाम करता हूं. शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी जवानों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना जतायी.
सेना ने एक बयान में कहा, ‘हिमस्खलन वाले स्थान से सभी सात कर्मियों के शव बरामद हुए हैं. दुर्भाग्यवश, अभियान में जुटे प्रत्येक व्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, सभी सात लोगों की मृत्यु होने की पुष्टि हुई है.’
उन्होंने कहा, ‘आगे की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए सैन्यकर्मियों के शव घटनास्थल से नजदीकी सैन्य अस्पताल ले जाए जा रहे हैं.’
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने कहा कि सेना और स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल से शव बरामद किए. ये सात जवान 19, जम्मू-कश्मीर राइफल्स से संबंधित थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सेना ने कहा कि यह क्षेत्र 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी के साथ खराब मौसम देखा जा रहा है.
हिमस्खलन में सैनिकों का फंसना असामान्य नहीं है और सशस्त्र बलों ने अतीत में भी ऐसी घटनाओं में अपने कर्मियों को खोया है. ऐसी ही घटना मई 2020 में हुई थी, जब सेना के दो जवान, जो पट्रोलिंग-कम-बर्फ साफ़ करने वाले दल का हिस्सा थे, सिक्किम में हिमस्खलन में फंसने के बाद मारे गए थे.
फरवरी 2020 में संसद में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सेना ने 2019 में सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन में छह कर्मियों और देश के अन्य हिस्सों में 11 अन्य लोगों को खो दिया था.
पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड के माउंट त्रिशूल में नौसेना ने अपने पांच कर्मियों को खो दिया था, जहां वे एक अभियान के लिए गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)