महबूबा मुफ़्ती की भाजपा को चेतावनी, पीडीपी तोड़ने की कोशिश की तो नतीजे ख़तरनाक होंगे

गठबंधन की सरकार गिरने के बाद पार्टी के अंदर उठ रहे बगावती सुरों से परेशान पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जिस तरह हर परिवार में मतभेद होते हैं उस तरह हर दल में भी मतभेद होते हैं, जिन्हें सुलझाया जा सकता है. दिल्ली के दख़ल के बगैर पीडीपी में कोई दरार नहीं आ सकती.

/
Srinagar: Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti addresses a party worker's rally, in Srinagar, on Sunday, June 03, 2018. (PTI Photo)(PTI6_3_2018_000078B)
Srinagar: Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti addresses a party worker's rally, in Srinagar, on Sunday, June 03, 2018. (PTI Photo)(PTI6_3_2018_000078B)

गठबंधन की सरकार गिरने के बाद पार्टी के अंदर उठ रहे बगावती सुरों से परेशान पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जिस तरह हर परिवार में मतभेद होते हैं उस तरह हर दल में भी मतभेद होते हैं, जिन्हें सुलझाया जा सकता है. दिल्ली के दख़ल के बगैर पीडीपी में कोई दरार नहीं आ सकती.

Srinagar: Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti addresses a party worker's rally, in Srinagar, on Sunday, June 03, 2018. (PTI Photo)(PTI6_3_2018_000078B)
महबूबा मुफ़्ती (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार गिरने के बाद पार्टी में उठ रहे अंतर्विरोध से नाराज़ पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र सरकार को चेताया है कि अगर उनकी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया गया तो नतीजे खतरनाक होंगे.

गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ‘अगर दिल्ली ने 1987 की तरह यहां की अवाम के वोट पर डाका डाला, अगर इस किस्म की तोड़-फोड़ की कोशिश की, जिस तरह एक सलाउद्दीन, एक यासीन मलिक ने जन्म लिया, अगर दिल्ली वालों ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो उसकी नताइश (परिणाम) बहुत ज़्यादा खतरनाक होगी.’

भाजपा बीते दिनों राज्य में पीडीपी के गठबंधन से अलग हो गई थी और सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद 19 जून को उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

शुक्रवार को नक्शबंद साहिब में शहीदों के कब्रिस्तान में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद महबूबा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा,‘मेरी पार्टी मजबूत है. मतभेद हैं जिन्हें सुलझा लिया जाएगा. यदि पीडीपी को तोड़ने के प्रयास हुए, जैसा 1987 में हुआ था जब लोगों के वोटों पर डाका डाला गया था और एमयूएफ (मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट) को कुचलने के प्रयास हुए थे, तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक होंगे.’

मालूम हो कि नक्शबंद साहिब में  उन लोगों को दफनाया गया है, जिन्हें वर्ष 1931 में इसी दिन डोगरा महाराजा हरि सिंह के निरंकुश शासन के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सैनिकों ने मौत के घाट उतार दिया था.

महबूबा का इशारा साल 1987 के विधानसभा चुनाव के बाद हुए उस घटनाक्रम की ओर था, जिसके चलते प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और जेकेएलएफ प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक ‘उभरे’ थे. सलाउद्दीन अब पाकिस्तान में है.

महबूबा ने कहा, ‘जिस तरह हर परिवार में मतभेद होते हैं उसी तरह हर दल में भी मतभेद होते हैं जिन्हें सुलझाया जा सकता है. दिल्ली के दखल के बगैर कोई दरार नहीं आ सकती. वर्ष 1987 में लोगों के वोटों पर डाका डाला गया तो उससे एक सलाउद्दीन और एक यासीन मलिक तैयार हुआ.’

राज्य सरकार के गिरने के बाद पीडीपी के कई विधायक महबूबा के नेतृत्व के खिलाफ मुखर हो गए थे और उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान महबूबा ने भाई-भतीजावाद तथा पक्षपात किया.

नवभारत टाइम की ख़बर के अनुसार, जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना का  कहना है कि महबूबा का बयान काफी आपत्तिजनक है और भाजपा किसी तोड़फोड़ की प्रक्रिया में नहीं लगी है.

वहीं दूसरी तरफ महबूबा ने बगावती नेताओं पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है. बागी विधायकों को में जावेद बेग, यासिर रेशी, अब्दुल मजीद, इमरान अंसारी, अबीद हुसैन अंसारी और मोहम्मद अब्बास वानी शामिल हैं.

उन्होंने कई पीडीपी ने विधान परिषद सदस्य यासिर रेशी को बांदीपुरा जिला अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया है. यासिर रेशी उन पीडीपी नेताओं में से एक हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से महबूबा मुफ्ती की आलोचना की थी.

मुफ़्ती के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने महबूबा पर पलटवार करते हुए कहा, ‘महबूबा केंद्र को धमकी दे रही हैं कि अगर पीडीपी टूटी तो कश्मीर में आतंकवाद पुनर्जन्म लेगा. मुझे लगता है शायद वो भूल गई है कि आतंकवाद उनके शासन के दौरान दोबारा पैदा हो चुका है.’

अब्दुल्ला ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं आपको साफ तौर पर यह याद दिलाना चाहता हूं कि पीडीपी के टूटने से कोई नया आतंकी पैदा नहीं होगा. लोग उस पार्टी के अंत पर शोक नहीं मनाएंगे जिसका निर्माण दिल्ली में कश्मीरियों के वोटों को बांटने के लिए हुआ था.’

वहीं दूसरी ओर, जादीबल से पीडीपी के नाराज नेता आबिद अंसारी ने दावा किया है कि 14 विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा शिया नेता इमरान अंसारी रजा और अंसारी पहले ही पीडीपी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

 

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq