महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं जारी हैं. पहलू ख़ान के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अलवर में हुई लिंचिंग की ताजा घटना के मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना याचिकाओं पर 28 अगस्त को सुनवाई करने पर सोमवार को हामी भरी.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकायों में आरोप लगाया गया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं हो रही हैं.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि याचिकाओं पर सुनवाई 28 अगस्त को की जाएगी. इस पीठ में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ भी शामिल हैं.
पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए तुषार गांधी और तहसीन पूनावाला ने राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की. याचिका में अनुरोध किया गया है कि शीर्ष अदालत अपने आदेश का अक्षरश: पालन करने के लिए निर्देश जारी करे.
याचिकाकर्ताओं ने अपील की कि शीर्ष अदालत के आदेश के पालन के लिए अक्षरश: निर्देश जारी किए जाए. पीठ मुख्य मामले के साथ इस याचिका पर 28 अगस्त को सुनवाई करेगी.
मालूम हो कि देश में गोरक्षा के नाम पर और बच्चा चोरी की अफवाह पर भीड़ द्वारा पीट पीट कर लोगों की हत्या करने सिलसिला जारी. ये घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब इसी हफ्ते देश की शीर्ष अदालत ने देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग और भीड़ द्वारा की पीट-पीटकर की जा रही हत्याओं पर संसद से एक नया कानून बनाने को कहा है.
उच्चतम न्यायालय ने 17 जुलाई को केंद्र से कहा था कि पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संसद में नए कानून बनाने पर विचार करे. भीड़तंत्र की इन विभत्स गतिविधियों को नई पंरपरा नहीं बनने दिया जा सकता.
उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि भीड़तंत्र को नहीं चलने दिया जा सकता और इससे सख्ती से निपटने की जरूरत है. अदालत ने यह भी कहा था कि राज्य ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.
राजस्थान में गोरक्षा के नाम पर लगातार लोगों पर हमले जारी हैं. पिछले एक साल से अधिक समय से राजस्थान के अलवर शहर में इस तरह के हमले की अनेक घटनाएं हुई हैं जिनमें स्वयंभू गोरक्षकों ने गायों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे लोगों को अपना निशाना बनाया है.
अलवर जिले में 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. मृतक की पहचान हरियाणा के कोलगांव निवासी रकबर ख़ान उर्फ अकबर खान (28) के रूप में की गई है.
ज्ञात हो कि अप्रैल 2017 में अलवर में ही 55 साल के पहलू खान की गो तस्करी के शक़ में पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी.
पहलू ख़ान के साथ पांच अन्य लोगों पर हमला किया गया था. वे लोग राजस्थान से पशु खरीदकर हरियाणा में अपने गांव ले जा रहे थे. उनके द्वारा खरीद के कागज दिखाने के बावजूद उन्हें बुरी तरह पीटा गया था. घटना के दो दिन बाद अस्पताल में पहलू खान ने दम तोड़ दिया था.
मरने से पहले पहलू ख़ान ने पुलिस को छह नाम बताए थे. हालांकि राजस्थान पुलिस ने जांच में उन सभी लोगों को क्लीनचिट दे दी है.
पहलू ख़ान की हत्या के बाद अलवर ज़िले में पिछले साल नवंबर में कथित गोरक्षकों ने गाय ले जा रहे कुछ मुस्लिम युवकों को रोककर पिटाई की और उनमें से एक की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी.
घटना ज़िले के गोविंदगढ़ के पास फहाड़ी गांव के पास हुई. मृतक की पहचान उमर मुहम्मद के रूप में हुई थी. उमर मुहम्मद दो अन्य लोगों के साथ हरियाणा के मेवात से राजस्थान के भरतपुर गाय ले जा रहे थे. रास्ते में उन्हें कथित गोरक्षकों ने घेर लिया और पिटाई की थी.
इसके अलावा अलवर में ही पिछले साल अक्टूबर महीने में भीड़ ने एक मुस्लिम व्यक्ति की 51 गायों को छीन कर स्थानीय गोशाला में दान कर दिया था. शिकायत करने के बाद ज़िलाधिकारी ने आदेश दिया कि गाय उस व्यक्ति को लौटा दी जाए.
इसके अलावा राजस्थान में जुड़े नेता गोरक्षा के नाम पर की जा रही हत्याओं को लेकर विवादित बयान भी दे रहे हैं.
बीकानेर से सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने रघबर ख़ान की हत्या के बाद कहा था, ‘जैसे-जैसे मोदी जी लोकप्रिय होते जायेंगे ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी. बिहार में चुनाव के समय ‘अवार्ड वापसी’, यूपी चुनाव में ‘मॉब लिचिंग’ और 2019 में कुछ और होगा. मोदी जी ने योजनाएं दी और उसका असर दिख रहा है. ये उसका एक रिएक्शन है.’
वहीं पहलू ख़ान की हत्या के बाद राजस्थान के रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा था, ‘जो गो-तस्करी करेगा वो ऐसे ही मरेगा.’ इसके बाद भी वे कई बार कथित गोरक्षकों के समर्थन में बयान दे चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)