बैंक आफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का होगा विलय

केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत बढ़ाने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के लिए लिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत बढ़ाने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के लिए लिया गया है.

Bank of Baroda pti
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों-बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय किया जाएगा. इस निर्णय के साथ देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा.

यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत उबारने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी पांच अनुषंगी (सब्सिडियरी) इकाइयों का स्वयं में विलय किया था. साथ ही महिलाओं के लिए गठित भारतीय महिला बैंक को भी मिलाया था.

योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इससे बैंक और मजबूत होंगे और उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. विलय के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है.

वित्त मंत्री ने कहा कि कई बैंक नाजुक स्थिति में हैं और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि है. उन्होंने कहा, ‘विलय के बाद अस्तित्व में आनी वाली इकाई बैंक गतिविधियां बढ़ाएंगी.’

एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

सरकार की 21 बैंकों में अधिकांश हिस्सेदारी है. इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंक परिसपंत्ति में दो तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है.

हालांकि इसके साथ इन सार्वजनिक बैंकों का फंसे कर्ज में भी बड़ी हिस्सेदारी है. डूबे कर्ज (एनपीए) के कारण ये क्षेत्र प्रभावित है और वैश्विक बासेल-तीन पूंजी नियमों के अनुपालन के लिए अगले दो साल में करोड़ों रुपये चाहिए.

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे. इस विलय से बैंकों परिचालन क्षमता और ग्राहकों को मिलने वाली सेवा बेहतर होगी.

उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तितव में आने वाला बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. कुमार ने कहा कि नेटवर्क, कम-लागत जमा और अनुषंगी (सब्सिडियरी) इकाइयों के मामले में बेहतर तालमेल होगा.

उन्होंने कहा कि कर्मचारियो के हितों और ब्रांड इक्विटी का संरक्षण किया जाएगा. कुमार ने कहा कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक आफ बड़ौदा के पूंजी समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा.

तीनों बैंक विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)