बुलंदशहर हिंसा: पूर्व नौकरशाहों ने मांगा योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा

83 नौकरशाहों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में शासन प्रणाली के मौलिक सिद्धांतों, संवैधानिक नीति और मानवीय सामाजिक व्यवहार तहस-नहस हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक पुजारी की तरह धर्मांधता और बहुसंख्यकों के प्रभुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.

/
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

83 नौकरशाहों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में शासन प्रणाली के मौलिक सिद्धांतों, संवैधानिक नीति और मानवीय सामाजिक व्यवहार तहस-नहस हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक पुजारी की तरह धर्मांधता और बहुसंख्यकों के प्रभुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.

Gorakhpur: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath performs prayers on the occasion of Vijay Dashmi at Goraksh Peeth, in Gorakhpur, Friday, Oct 19, 2018. (PTI Photo) (PTI10_20_2018_000056B)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या से क्षुब्ध कई पूर्व नौकरशाहों ने एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य में इस घटना से पहले और बाद में उत्पन्न तनाव को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है.

नई दिल्ली में जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार पत्र में लिखा है कि 3 दिसंबर 2018 को हुई हिंसक घटना के दौरान पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार की हत्या राजनीतिक द्वेष की दिशा में अब तक का एक बेहद ख़तरनाक संकेत है.

नौकरशाहों ने पत्र में लिखा है कि इससे पता चलता है कि देश के सबसे ज़्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में शासन प्रणाली के मौलिक सिद्धांतों, संवैधानिक नीति और मानवीय सामाजिक व्यवहार तहस नहस हो चुके हैं. राज्य के मुख्यमंत्री एक पुजारी की तरह धर्मांधता और बहुसंख्यकों के प्रभुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.

पत्र में लिखा है कि सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए ऐसे हालात पहली बार उत्पन्न नहीं किए गए. उत्तर प्रदेश का इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब भीड़ द्वारा एक पुलिसकर्मी हत्या की गई हो, न ही यह गोरक्षा के नाम होने वाली राजनीति के तहत मुसलमानों को अलग-थलग कर सामाजिक विभाजन पैदा करने का पहला मामला है.

पूर्व अधिकारियों के समूह ने लिखा है कि यह एक गंभीर स्थिति है जिसे और सहन नहीं किया जा सकता. सभी नागरिकों को नफ़रत की राजनीति और विभाजन के ख़िलाफ़ एकजुट होना चाहिए.

इस पत्र में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाने में नाकाम रहने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा गया है. साथ ही मु्ख्य सचिव, पुलिस महानिरीक्षक, गृह सचिव समेत सभी उच्च अधिकारियों को बेख़ौफ़ होकर संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करने और क़ानून का शासन लागू करने की ओर ध्यान दिलाया गया है.

इसके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय से इस घटना का संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच का अनुरोध भी किया गया है और मुसलमानों, महिलाओं, आदिवासियों तथा दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने के लिए जन-आंदोलन चलाने की भी अपील की गई है.

पत्र में राजनीतिक दबाव की परवाह किए बगैर संवैधानिक मूल्यों के लिए खड़े होने वाले सुबोध कुमार सिंह की बहादुरी को सलाम करने की अपील भी की गई है.

पत्र में अधिकारियों ने लिखा है कि ऐसा पहली बार है जब उन्होंने इस विषय पर सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी है. पूर्व अधिकारियों ने साफ़ किया कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है.

खुला पत्र जारी करने वालों में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, योजना आयोग के पूर्व सचिव एनसी सक्सेना, अरुणा रॉय, रोमानिया में भारत के पूर्व राजदूत जूलियो रिबेरो, प्रशासकीय सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जेएल बजाज, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग और पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदार सहित कुल 83 पूर्व नौकरशाह शामिल हैं.

मालूम हो कि गत तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके के चिंगरावठी क्षेत्र में कथित गोकशी के को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा सुमित नामक एक अन्य युवक की मृत्यु हो गई थी.

पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी में हुए अख़लाक़ हत्या मामले में 28 सितंबर 2015 से नौ नवंबर 2015 तक जांच अधिकारी थे.

इस मामले में 27 नामज़द लोगों तथा 50-60 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.बुलंदशहर हिंसा मामले और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज को बनाया गया है. फिलहाल वह फरार चल रहा है. मामले का एक अन्य वांछित शिखर अग्रवाल भी फ़रार है.

इस संबंध में एक फौजी जीतू मलिक उर्फ जीतू फौजी को गिरफ़्तार किया है. इसके अलावा 11 से 12 अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया जा चुका है.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोपियों को पकड़ने से पहले कथित गोहत्या के मामले की जांच करेगी.

बुलंदशहर के अपर पुलिस अधीक्षक रईस अख्तर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, ‘इस समय हमारी मुख्य चिंता ये है कि किन लोगों ने गाय को मारा है. गाय की हत्या को लेकर फैली हिंसा में ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हुई थी. हमारा मानना है कि पहले जब हम गोहत्या की जांच कर लेंगे तो इससे पता चलेगा कि कैसे सुबोध सिंह की मौत हुई थी.’

यही नहीं बीते दिनों एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं बल्कि एक दुर्घटना क़रार दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान योगी ने कहा था, ‘उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग की कोई घटना नहीं है. बुलंदशहर की घटना एक दुर्घटना है और इसमें क़ानून अपना कार्य कर रहा है. कोई भी दोषी बक्शा नहीं जाएगा. अवैध पशु वध पूरे उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित है और डीएम और एसपी इसके प्रति जवाबदेह होंगे.’

इसके अलावा हिंसा के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी जिसमें सारा ध्यान गोकशी पर ही रहा. योगी आदित्यनाथा ने हिंसा में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत पर एक शब्द भी नहीं बोला.

एनडीटीवी के मुताबिक सीएम ने इस घटना पर मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह, अपर पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद एक प्रेस रिलीज जारी की गई, जिसमें इंस्पेक्टर का कहीं जिक्र नहीं था.

बीते चार दिसंबर 2018 को जारी प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से जांच कर गोकशी में संलिप्त सभी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq