कर्नाटक के कांग्रेस नेता दिनेश राव ने उनकी इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री या बतौर सांसद उनकी उपलब्धियों को लेकर सवाल पूछ लिया. इस पर हेगड़े ने उनकी शादी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक मुस्लिम महिला के पीछे चलते हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय कौशल विकास मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने मॉरल पुलिसिंग के काम को आगे बढ़ाने के लिए हिंदू युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि हिंदू लड़कियों के साथ भागने वाले लोगों का हाथ काट देना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को विश्व हिंदू परिषद के एक युवा संगठन ‘हिंदू जागरण वैदिक’ को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा ‘अगर हिंदू लड़की को कोई मुस्लिम छूता है तो उसका हाथ काट देना चाहिए.’ ‘हिंदू जागरण वैदिक’ पर कर्नाटक के तटीय जिलों में मॉरल पुलिसिंग का आरोप लगता रहा है.
उत्तर कन्नड़ जिले के सांसद हेगड़े ने कहा, ‘हमें अपने सोचने की मौलिक प्रक्रिया को बदलना होगा. हमें ध्यान देना होगा कि हमारे आस-पास के समाज में क्या चल रहा है. हमें देखना होगा कि कौन किसके साथ भाग रहा है और इसमें कौन सा समुदाय शामिल है.’
उन्होंने कहा था, ‘हिंदू युवाओं को कुर्बानी देना बकरा नहीं बल्कि अधिकार जताने वाला बाघ या हाथी बनना चाहिए. भगवान के लिए केवल कमजोर जानवरों की कुर्बानी दी जाती है, बाघ और हाथी जैसे शक्तिशाली जानवरों की नहीं.’
इस दौरान उन्होंने दावा किया कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने नहीं बनवाया था बल्कि वहां पर तेजोमहालया नाम का एक मंदिर था. उन्होंने कुतुब मीनार के जैन मंदिर होने का भी दावा किया.
इस पर ट्वीट करते हुए दिनेश राव ने उनसे सवाल पूछा था, ‘क्या अनंत कुमार बताएंगे कि बतौर केंद्रीय मंत्री या बतौर सांसद उनकी क्या उपलब्धि है. आपने कर्नाटक के विकास में क्या भूमिका निभाई. मैं इतना निश्चित कह सकता हूं कि यह निराशाजनक है कि ऐसे लोग सांसद बन जाते हैं और मंत्री पद पाने में सफल हो जाते हैं.’
@AnantkumarH
Wht are ur achievements after becoming a Union Minister or as MP?
Wht are ur contributions for Karnataka’s development?
All I can say for sure,it’s deplorable tht such people have become ministers & have managed to get elected as MP’s. https://t.co/IMtjPSj9aK— Dinesh Gundu Rao/ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್ (@dineshgrao) January 27, 2019
ट्वीट पर पलटवार करते हुए हेगड़े ने दिनेश राव की मुस्लिम महिला से शादी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से इस व्यक्ति दिनेश राव के सवाल का जवाब दे सकता हूं, लेकिन क्या इससे पहले यह बताएंगे कि इनकी उपलब्धि में किसका हाथ है. मैं तो उन्हें सिर्फ एक ऐसे आदमी के तौर पर जानता हूं जो एक मुस्लिम महिला के पीछे चलते हैं.’
I shall definitely answer this guy @dineshgrao's queries, before which could he please reveal himself as to who he is along with his achievements?
I only know him as a guy who ran behind a Muslim lady. https://t.co/8hVJ2wQXMU— Anantkumar Hegde (@AnantkumarH) January 27, 2019
इस पर दिनेश राव ने लिखा, ‘यह निराशाजनक है कि अनंत कुमार इस स्तर तक नीचे गिर सकते हैं कि वह व्यक्तिगत मसलों को भी ले आए. आप समझ सकते हैं कि यह उनकी संस्कृति की खोट है. इन्होंने हिंदू शास्त्रों से कुछ नहीं सीखा है. समय बीत रहा है वह चाहे तो इन शास्त्रों को पढ़ सकते हैं और बेहतर इंसान बन सकते हैं.’
Sad to see @AnantkumarH stoop to such low levels as to bring in personal issues.
Guess it’s his lack of culture.
Guess he hasn’t learnt from our Hindu scriptures.
Time hasn’t run out, he can still try and become a more dignified human. https://t.co/AaX5OuUAVb— Dinesh Gundu Rao/ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್ (@dineshgrao) January 28, 2019
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा नेता हेगड़े ने अपनी टिप्पणियों से विवाद खड़ा किया है. बीते अक्टूबर में, हेगड़े ने राज्य सरकार को टीपू सुल्तान जयंती समारोह में ख़ुद को आमंत्रित नहीं करने की बात कहते हुए इस आयोजन को शर्मनाक बताया था.
एक ट्वीट में अनंत कुमार हेगड़े ने टीपू सुल्तान को क्रूर हत्यारे, नीच, कट्टरपंथी और सामूहिक बलात्कारी बताया था. न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल के अनुसार उन्होंने कहा था, ‘आज सरकार टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है शायद कुछ दिन बाद अजमल कसाब की जयंती भी मनाने लगे.’
हेगड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रह चुके हैं.
इन पर पहले भी इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और भड़काऊ भाषण देने के लिए कार्यवाई की जा चुकी है. मार्च 2016 में हेगड़े ने अपने बयान में कहा था, ‘जब तक इस दुनिया में इस्लाम है तब तक आतंकवाद भी रहेगा.’
वहीं दिसंबर 2017 में उन्होंने यह कहकर अच्छा खासा विवाद खड़ा कर दिया था कि जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष और बुद्धिजीवी मानते हैं, उनकी अपनी खुद की कोई पहचान नहीं होती और वह अपनी जड़ों से अनजान होते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा को संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द निकाल देना चाहिए. हालांकि संसद के दोनों सदनों में उसकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना हुई जिसके बाद उन्होंने संसद में माफी मांगी.