हेमंत करकरे को मैंने कहा था तेरा सर्वनाश होगा: साध्वी प्रज्ञा

2008 में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर टिप्पणी करते हुए भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जब मैं वहां गई तो इसके सूतक लग गया, सवा महीने बाद जब इसे आतंकवादियों ने मारा, तब उसका अंत हुआ.

Bhopal: BJP candidate Sadhvi Pragya Singh Thakur gestures while addressing a party workers' meeting for Lok Sabha polls, in Bhopal, Thursday, April 18, 2019. (PTI Photo) (PTI4_18_2019_000258B)
Bhopal: BJP candidate Sadhvi Pragya Singh Thakur gestures while addressing a party workers' meeting for Lok Sabha polls, in Bhopal, Thursday, April 18, 2019. (PTI Photo) (PTI4_18_2019_000258B)

2008 में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर टिप्पणी करते हुए भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जब मैं वहां गई तो इसके सूतक लग गया, सवा महीने बाद जब इसे आतंकवादियों ने मारा, तब उसका अंत हुआ.

Bhopal: BJP candidate Sadhvi Pragya Singh Thakur gestures while addressing a party workers' meeting for Lok Sabha polls, in Bhopal, Thursday, April 18, 2019. (PTI Photo) (PTI4_18_2019_000258B)
भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फोटो: पीटीआई)

भोपाल: 2008 मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में मारे गए महाराष्ट्र की आतंकवाद निरोधक शाखा (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे के बारे में कहा की उनकी मौत हुई क्योंकि मैंने श्राप दिया था कि उसका सर्वनाश होगा.

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में साध्वी भोपाल में एक सभा में बोलती दिख रही हैं. यह वीडियो गुरुवार का है.

उन्होंने कहा, ‘हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया. मैं मुंबई जेल में थी उस समय. जांच जो बिठाई थी, तो सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैर-कानूनी है. वह व्यक्ति कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर के आऊंगा. कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा, करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.’

वे आगे कहती हैं, ‘यह उसकी कुटिलता थी. यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था. तमाम सारे प्रश्न करता था. ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा मुझे क्या पता भगवान जाने. तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा. मैंने कहा बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए. आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी. लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा.’

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हिरासत में यातनाएं दी जाती थीं, गालियां दी जाती थीं. उन्होंने कहा, ‘इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी मेरे लिए. और मेरे लिए नहीं किसी के लिए भी. मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगता है. जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है, सूतक लगता है जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था. ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया.’

बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई एटीएस के प्रमुख थे, जो नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गए. साध्वी प्रज्ञा सिंह सितंबर 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए एक बम धमाके के सात आरोपियों में से एक हैं, जिन पर इस मामले में मुकदमा चल रहा है. मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस के नेतृत्व में हुई थी.

2008 में गिरफ्तार हुई साध्वी प्रज्ञा को 2015 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दे दी थी, हालांकि ट्रायल कोर्ट में यह बात मानने से इनकार कर दिया कि जब धमाके में उनकी मोटर साइकिल का इस्तेमाल हुआ है, तब उनकी संलिप्तता न होने की बात पर विश्वास करना मुश्किल है.

इसके बाद अदालत ने उन पर से मकोका हटा लिया था. हालांकि गैर क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम [यूएपीए] के आरोप अब भी उन पर हैं और इसी मामले में 2017 में मिली ज़मानत पर वे बाहर हैं.

गुरुवार को भोपाल में बोलते हुए उन्होंने कहा कि संन्यासियों के श्राप से असुरों का अंत होता आया है. उन्होंने कहा, ‘भगवान राम के काल में रावण हुआ, उसका अंत संन्यासियों के द्वारा करवाया गया. जब हमारा द्वापर युग था जब कंस हुआ तो उसका अंत करवाने के लिए पुनः संत आए जिनको कंस ने जेलों में ठूंस रखा था. ऐसे संतों का, ऐसे संन्यासियों का श्राप लगा और वह श्राप उसको अंत तक ले गए और भगवान कृष्ण ने उसका अंत किया.’

साध्वी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर संन्यासियों को फंसाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, ‘ऐसी ही आसुरी शक्तियां जब यहां व्याप्त हो गईं 2008 में, मैं जब जेल गई पूरा दृश्य मुझे समझ में आया और जब यह धर्म विरुद्ध गया और कांग्रेस धर्म विरुद्ध गई. सूत्रधार यह हैं, इसका समापन हमें करना है. जब 2008 में यह षड्यंत्र देश के विरुद्ध रचा गया. संन्यासियों को अंदर डाला गया, निरपराध अंदर डाला गया, उस दिन मैंने कहा इस शासन का अंत हो जाएगा, सर्वनाश हो जाएगा और आज वो प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है.’

साध्वी प्रज्ञा बीते बुधवार को भाजपा में शामिल हुई हैं और पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ उतारा है.

इस घोषणा के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है. ये धर्मयुद्ध है और हम इसे जीतेंगे. मैंने पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात की. सबने तय किया है कि हम राष्ट्र के विरुद्ध षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ लड़ेंगे, क्योंकि राष्ट्र सुरक्षा पहले है और बाकी चीजें बाद में.

साध्वी 23 अप्रैल को नामांकन दाखिल कर सकती हैं. भोपाल में 12 मई को मतदान होना है.

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