आठ दिन बाद भारतीय वायुसेना के लापता विमान एएन-32 का मलबा अरुणाचल प्रदेश में दिखा

बीते तीन जून को भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट से उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद लापता हो गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

बीते तीन जून को भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट से उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद लापता हो गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः आठ दिन बाद भारतीय वायुसेना के लापता परिवहन विमान एएन-32 का मलबा मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से बरामद किया गया है. भारतीय वायुसेना ने इस बात की पुष्टि की है.

यह विमान बीते तीन जून से लापता था.

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि करते हुए कहा , ‘एमआई-17 हेलीकॉप्टर को सर्च ऑपरेशन के दौरान करीब 12 हजार फीट ऊंचाई से लापता एएन-32 विमान का मलबा लिपो (अरुणाचल प्रदेश) से 16 किलोमीटर उत्तर और टाटो के उत्तर पूर्व में दिखाई दिया है.’

मलबा मिलने के बाद अब एयरफोर्स ग्राउंड टीम के जरिये उसमें सवार लोगों की स्थिति के बारे में जानकारी जुटाएगी. वायुसेना ने ग्राउंड टीम को विमान का मलबा मिलने के बाद उसमें सवार रहे 13 लोगों के बारे में पता लगाने का निर्देश दिया है.

वायुसेना ने लापता विमान का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रखा था लेकिन खराब मौसम के कारण यह अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ.

इस अभियान में सुखोई 30 विमान, सी-130जे और एएन-32 विमान तथा एमआई-17 तथा एएलएच हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली गईं. जमीनी बलों में सेना, आईटीबीपी और राज्य पुलिस के जवान शामिल थे.

 

मालूम हो कि हवाई खोज अभियान पिछले नौ दिनों से जारी था. तीन जून को भारतीय वायुसेना के रूस निर्मित एएन-32 विमान का असम के जोरहाट से उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद जमीन पर मौजूद एजेंसियों से संपर्क टूट गया था.

विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे. जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद विमान अरुणाचल प्रदेश के मेचुका वायुक्षेत्र में लापता हुआ. मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड चीन की सीमा से अधिक दूर नहीं है.

बता दें कि एएन-32 रूस निर्मित वायुयान है और वायुसेना बड़ी संख्या में इन विमानों का इस्तेमाल करती है. यह दो इंजन वाला ट्रर्बोप्रॉप परिवहन विमान है.

वायुसेना ने बीते आठ जून को एएन-32 परिवहन विमान के बारे में सूचना मुहैया कराने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की थी. इसी दिन एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने खोज अभियान की असम के जोरहाट हवाई ठिकाने पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की थी.

मालूम हो कि रूस में निर्मित इस विमान ने नौ जुलाई 1976 को पहली बार उड़ान भरी थी. भारतीय वायुसेना के अलावा, अंगोला की वायुसेना, श्रीलंका की वायुसेना और उक्रेन की वायुसेना इस विमान का इस्तेमाल करती है.

भारतीय वायुसेना ने तकरीबन 125 एएन-32 विमान खरीदें थे, जिनमें से तकरीबन 10 विमान अभी भी सेवा में हैं. इन विमानों को समय-समय पर अपग्रेड भी किया जा चुका है.

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