चेन्नई: पानी की किल्लत बरक़रार, निजी टैंकरों ने दोगुने से अधिक किए दाम

चेन्नई हॉस्टल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि जल संकट के चलते एसोसिएशन के 350 सदस्यों के लगभग 100 हॉस्टल बंद करने पड़े हैं. वहीं राज्य सरकार ने शहर में पानी की कमी से इनकार किया है.

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चेन्नई हॉस्टल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि जल संकट के चलते एसोसिएशन के 350 सदस्यों के लगभग 100 हॉस्टल बंद करने पड़े हैं. वहीं राज्य सरकार ने शहर में पानी की कमी से इनकार किया है.

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चेन्नई में पानी लेने जाती एक बुजुर्ग महिला (फाइल फोटो: पीटीआई)

चेन्नईः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पानी की किल्लत की वजह से बीते कुछ दिनों में लगभग 100 हॉस्टल बंद हो गए हैं. वहीं, राज्य सरकार ने चेन्नई में पानी की किल्लत से इनकार किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई हॉस्टल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि उनके एसोसिएशन के 350 सदस्यों के लगभग 100 हॉस्टल बंद करने पड़े हैं और इन हॉस्टलों में रह रहे लोगों को हॉस्टल खाली करने को कहा गया है.

एसोसिएशन के सचिव के एस मनोहरन का कहना है, ‘हमारे एसोसिएशन के हर सदस्य के कई हॉस्टल हैं और ये सभी गंभीर संकट में हैं. अगर यह जल संकट जारी रहा, तो अगले एक या दो सप्ताह में कई और हॉस्टल बंद हो सकते हैं.’

मनोहरन के खुद के 10 हॉस्टल हैं. उनका कहना है कि वह पानी की किल्लत की वजह से पहले ही अपने दो हॉस्टल बंद कर चुके हैं. हॉस्टल मालिकों के एक अन्य राज्य स्तरीय एसोसिएशन तमिलनाडु हॉस्टल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि उनके एसोसिएशन से संबद्ध 200 महिला हॉस्टलों में से 15 बंद हो गए हैं.

मनोहरन का कहना है कि कई जगहों पर हॉस्टल में रहने वाले लोगों ने हॉस्टल खाली करने से मना कर दिया है क्योंकि उनका कहना है कि उनके पास कहीं ओर जाने का ठिकाना नहीं है.

एसोसिएशन की अध्यक्ष शोभना माधवन का कहना है कि जिन हॉस्टल मालिकों ने मेट्रो वॉटर टैंकर बुक किए थे, वे बुक कराए जाने के बीस दिन बाद भी अभी तक इंतजार कर रहे हैं जबकि एक या दो दिनों के भीतर ही इन टैंकरों को मुहैया कराए जाने का वादा किया गया था.

वहीं, पानी के निजी टैंकरों ने अपने दाम बढ़ा दिए हैं, वे पहले 1500 रुपये में पानी उपलब्ध कराते थे लेकिन अब इसके दाम बढ़कर 3,500 से 4,000 रुपये हो गया है. वहीं, पानी की किल्लत की वजह से कई आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है.

ग्रामीण एवं नगरपालिका प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमणि का कहना है कि जल आपूर्ति की सरकारी प्रणाली नवंबर तक चेन्नई में पानी की पर्याप्त सप्लाई करने में सक्षम है और इस संकट की वजह से कई कंपनियों द्वारा अपने आईटी पेशेवरों को घर से काम करने की खबरें मनगढ़ंत हैं.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में पानी की किल्लत की वजह से चेन्नई का निर्माण क्षेत्र भी बचा हुआ नहीं है. जल संकट की वजह से बीते कुछ सप्ताह में चेन्नई और इसके आसपास के शहर में लगभग 50 से 60 फीसदी निर्माण संबंधी गतिविधियां थम गई हैं.

इससे कई मजदूरों की आजीविका बाधित हुई है. कई जगहों पर भूजलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जिससे क्षेत्र के लिए पानी की किल्लत चुनौती बनी हुई है.

भारत, तमिलनाडु और पुडुचेरी के बिल्डर्स एसोसिएशन के राज्य सचिव आर. शिवाकुमार ने कहा कि निर्माण के हर स्तर पर पानी की जरूरत है. पानी के निजी टैंकर इस किल्लत की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘राजीव गांधी सलाई और ईस्ट कोस्ट रोड जैसी कई जगहों पर निर्माण संबंधी गतिविधियां प्रभावित हुई है क्योंकि ये पानी के निजी टैंकर पर पूरी तरह से निर्भर है.’