उन्नाव बलात्कार मामलाः सीबीआई ने अदालत से कहा, कुलदीप सेंगर पर बलात्कार के आरोप सही

सीबीआई ने दिल्ली की तीस हजारी अदालत में कहा कि जांच में पता चला है कि आरोपी कुलदीप सेंगर द्वारा जून 2017 में पीड़िता के साथ बलात्कार और शशि सिंह के साथ साज़िश में शामिल होने के आरोप सही हैं.

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Lucknow: BJP MLA from Unnao Kuldip Singh Sengar, accused in a rape case, surrounded by media persons outside the office of the Senior Superintendent of Police in Lucknow on Wednesday night. PTI Photo by Nand Kumar(PTI4_12_2018_000001B)
कुलदीप सेंगर. (फोटो: पीटीआई)

सीबीआई ने दिल्ली की तीस हजारी अदालत में कहा कि जांच में पता चला है कि आरोपी कुलदीप सेंगर द्वारा जून 2017 में पीड़िता के साथ बलात्कार और शशि सिंह के साथ साज़िश में शामिल होने के आरोप सही हैं.

Lucknow: BJP MLA from Unnao Kuldip Singh Sengar, accused in a rape case, surrounded by media persons outside the office of the Senior Superintendent of Police in Lucknow on Wednesday night. PTI Photo by Nand Kumar(PTI4_12_2018_000001B)
बलात्कार के आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः उन्नाव बलात्कार मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को अदालत को बताया कि भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार के आरोप सही हैं. इस मामले की सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हो रही है.

एनडीटीवी के अनुसार सीबीआई ने जज से कहा कि हमारी जांच में पता चला है कि आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा चार जून 2017 को पीड़िता के साथ बलात्कार करने और शशि सिंह के साजिश में शामिल होने के आरोप सही हैं. इसी आधार पर चार्जशीट दायर की गई थी.

सीबीआई ने यह भी कहा कि 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ रात 8 बजे रेप हुआ. उस समय पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी.

 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया था. हालांकि सेंगर खुद को निर्दोष बताते रहे हैं.

इससे पहले पीड़िता और उनके वकील को इलाज के लिए दिल्ली के एम्स लाया गया.

मालूम हो कि मंगलवार को उन्नाव रेप केस के तीन मामलों की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि परिवार वालों के रहने की उचित व्यवस्था एम्स के आसपास की जाए. साथ ही सीबीआई से गवाहों की सुरक्षा पर सील बंद रिपोर्ट मांगी गई.

तीस हजारी कोर्ट ने गवाहों के मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भी निर्देश दिया. साथ ही पीड़ित के वकीलों को केस से जुड़े तमाम दस्तावेज मुहैया करवाने का भी आदेश जारी किया गया.

गौरतलब है कि 28 जुलाई को रायबरेली में एक कार और ट्रक की टक्कर में बलात्कार पीड़िता और उसके वकील के गंभीर रूप से घायल होने के बाद सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने हत्या का मामला दर्ज किया था.

हादसे में पीड़ित की दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. उसके परिवार ने इसमें साजिश का आरोप लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की रोज सुनवाई करने और इसे 45 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था.

मुख्य मामले के अलावा तीन अन्य मामलों को भी राष्ट्रीय राजधानी की अदालत में स्थानांतरित किया गया है. ये मामले पीड़िता के पिता के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज करने, हिरासत में उनकी मौत और पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार के हैं.

इससे पहले, बीते दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था. मालूम हो कि पीड़िता के चाचा ने रायबरेली जेल में जान का खतरा बताते हुए तिहाड़ भेजने की मांग की थी.

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ बीते 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को एक हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही मामले में आरोप पत्र 15 दिन में दाखिल करने का समय दिया है.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट किया था कि जांच ब्यूरो असाधारण परिस्थितियों में ही इस दुर्घटना की जांच पूरी करने की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है.