मीडिया का एक वर्ग माफिया की तरह व्यवहार कर रहा है: आईआईएमसी प्रमुख

आईआईएमसी के महानिदेशक केजी सुरेश ने परिसर में यज्ञ कराने और विवादित आईजी एसआरपी कल्लूरी को आमंत्रित करने का किया बचाव.

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भारतीय जनसंचार संस्थान के बाहर यज्ञ कराने और बस्तर के पूर्व आईजी एसआरपी कल्लूरी को बुलाने के विरोध करते छात्र. (फोटो: पीटीआई)

आईआईएमसी के महानिदेशक केजी सुरेश ने परिसर में यज्ञ कराने और विवादित आईजी एसआरपी कल्लूरी को आमंत्रित करने का किया बचाव.

भारतीय जनसंचार संस्थान में यज्ञ कराने और बस्तर के पूर्व आईजी एसआरपी कल्लूरी को बुलाने के विरोध में परिसर के बाहर प्रदर्शन करते छात्र. (फोटो: पीटीआई)
भारतीय जनसंचार संस्थान में यज्ञ कराने और बस्तर के पूर्व आईजी एसआरपी कल्लूरी को बुलाने के विरोध में परिसर के बाहर प्रदर्शन करते छात्र. (फोटो: पीटीआई)

भारत के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान आईआईएमसी (भारतीय जनसंचार संस्थान) के प्रमुख ने परिसर में यज्ञ आयोजित करने की अनुमति का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाए जाने की ज़रूरत नहीं है.

उन्होंने कहा, अनुष्ठान के कारण इस तरह की बात की जा रही है कि भारत की धर्मनिरपेक्षता ख़तरे में है. लेकिन मूर्खों को समझने की ज़रूरत है कि पहले हमने देश में सभी धर्मों को समाहित किया है.

महानिदेशक केजी सुरेश ने बस्तर के विवादास्पद आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी को एक मीडिया संगोष्ठी में आमंत्रित करने को लेकर चल रही आलोचनाओं का भी बचाव किया. उन्होंने कहा, मैं उन्हें क्यों रोकूं. वह प्रेस के लोगों के साथ कार्यक्रम में आ रहे हैं और वे उनसे सवाल पूछेंगे.

बस्तर का आईजी रहने के दौरान कल्लूरी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपने कथित मनमाने रवैये और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघनों को लेकर विवादों में थे.

‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय पत्रकारिता: मीडिया और मिथक’ विषय पर परिसर में सेमिनार का आयोजन करने से पहले दो घंटे का यज्ञ आयोजित करने के निर्णय पर सुरेश ने कहा कि दूसरे धर्मों को भी अपने रीति-रिवाजों का पालन करने की स्वतंत्रता है.

घोषणा होने के बाद से ही इस कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया में आलोचना हो रही है. डीजी ने कहा कि उन्हें धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल भारत में ही इस तरह के अनुष्ठान कराए जाते हैं.

उन्होंने कहा, कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलित किया जाता है, हर जगह भूमि पूजा होती है तो यज्ञ क्यों नहीं? परिसर में मुस्लिम भी नमाज पढ़ सकते हैं, सिख अपने धार्मिक क्रियाकलाप कर सकते हैं.

सुरेश ने आरोप लगाए कि मीडिया का एक वर्ग माफिया की तरह व्यवहार कर रहा है और संवाददाताओं को संघी बता रहा है.

इस बीच छात्रों के एक समूह ने यज्ञ के विरोध में और कल्लूरी को आमंत्रित करने के लिए परिसर के बाहर धरना दिया. प्रदर्शन में जेएनयू के छात्र संगठन ने भी हिस्सा लिया.

दिल्ली पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को सुबह से ही परिसर के बाहर तैनात किया गया था. प्रवेश द्वार पर बैरिकेड लगाने वाले अधिकारियों ने कहा कि आज संस्थान बंद है.