मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि मैरी लॉलर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में एल्गार परिषद मामले में हुई 83 वर्षीय स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी पर चिंता जताते हुए कहा कि देश मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति जवाबदेह है.
बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उन्होंने मामले में अपने ख़िलाफ़ लगाए गए सभी आरोपों को रद्द करने का अनुरोध किया है.
भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के वकील ने अदालत से कहा था कि उन्हें स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से नियमित रूप से मुंबई आने में दिक्कत होती है. ठाकुर 2008 में हुए मालेगांव धमाका मामले में सात आरोपियों- लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, समीर कुलकर्णी, रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर और सुधारकर द्विवेदी- में से एक हैं.
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व नेता उमर ख़ालिद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में बीते सितंबर महीने में गिरफ़्तार किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन दिन से दांत दर्द की शिकायत के बाद भी तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोई इलाज मुहैया नहीं कराया है.
यूपी पुलिस ने बीते अक्टूबर में हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. राज्य सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट लेकर जाने को कहा था, जिस पर याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि अर्णब गोस्वामी मामले को इसी अदालत में सुना गया था.
साल 2008 में महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के मालेगांव में हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक घायल हो गए थे. इस मामले में भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी आरोपी हैं.
दिल्ली दंगों में आरोपी एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसियों द्वारा उनके घर पर हमला करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने ऐसा कोई अपराध होने से इनकार करते हुए दावा किया था कि ख़ुद को बचाने के लिए आरोपी ये आरोप लगा रहा है.
बीते फरवरी माह में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज़ाफ़राबाद क्षेत्र में दंगों से संबंधित एक मामले में गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया गया था. इस मामले में सह-आरोपी पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को पहले ही ज़मानत दी जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. यूपी सरकार ने कोर्ट में दाख़िल हलफ़नामे में दावा किया है कि सिद्दीक़ कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.
पत्रकार सिद्दीक कप्पन की गिरफ़्तारी पर केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अदालत के सामने मौलिक अधिकारों के हनन के लिए दायर होने वाली अनुच्छेद 32 वाली याचिकाओं बाढ़-सी आ गई है और वे इन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं.
दिल्ली दंगा मामले में एक आरोपी ख़ालिद सैफ़ी को ज़मानत देते हुए एडिशनल सेशन जज ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ महत्वहीन सामग्री के आधार पर तैयार की गई चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोई दिमाग नहीं लगाया बल्कि बदले की भावना से काम किया.
पुलिस ने दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में जेएनयू के एक पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को 14 सितंबर और शरजील इमाम को 25 अगस्त को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार से इनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति मिल गई है.
केंद्र सरकार द्वारा स्टेन स्वामी सहित देश के 16 सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करना आंदोलनरत जनसंगठनों और उनसे जुड़े नेताओं को भयभीत कर इन आंदोलनों को कमज़ोर करने की कोशिश है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार और तीन अन्य युवकों को गिरफ्तार किया था. चारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह और आतंकवाद रोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.