सूत्रों के मुताबिक शरद यादव को मनाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनसे संपर्क किया था लेकिन उन्होंने एनडीए के साथ आने से मना कर दिया.
कांग्रेस, राजद, बसपा, तृणमूल और सपा जैसे दलों को भ्रष्टाचार के घेरे में लेकर यह सिद्ध किया जा रहा है कि उनकी सारी धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार को ढंकने का एक आवरण है.
नेताओं द्वारा बिहार की जनता के साथ ठगी का सिलसिला जारी है.
नीतीश ने विपक्ष का राष्ट्रीय नेता होने के कठिन रास्ते पर चलने के बजाय मौकापरस्त ढंग से मुख्यमंत्री बन ख़ुद को इतिहास के कूड़ेदान में जाने के लिए अभिशप्त बना लिया.
चार साल पहले भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश ने कहा था, ‘मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन अब कभी भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा.’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीता विश्वास मत. कहा, धर्मनिरपेक्षता का पाठ मुझे न पढ़ाएं. भाजपा के साथ जाने का फैसला जनता के पक्ष में लिया.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, हमने जो भी फैसला किया है वह बिहार और इसकी जनता के पक्ष में होगा. यह विकास और न्याय सुनिश्चित करेगा.
बिहार के उलटफेर पर कहा, सम्मानजनक तरीका यह होता कि नीतीश बिहारियों को मतदान का मौक़ा देते.
राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा, नीतीश कुमार ने बिहार के जनादेश को धोखा दिया है. नीतीश कुमार बहुत बड़े अवसरवादी हैं.
पटना स्थित राजभवन में राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने दोनों नेताओं को दिलवाई पद और गोपनीयता की शपथ.
लालू ने कहा, ‘भाजपा के साथ नीतीश का सौदा हो चुका है. अगर ऐसा नहीं है तो फिर जदयू-राजद व कांग्रेस के सभी विधायक मिलकर नया मुख्यमंत्री चुनें.'
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग नहीं की है.
पटना के अलावा दिल्ली, रांची, पुरी, गुड़गांव समेत लालू के 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई. बतौर रेल मंत्री टेंडर में हेराफेरी के आरोप में सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार से एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था.