तमिलनाडु एक विशाल मैन्युफैक्चरिंग केंद्र है, जिसने उत्तर भारत के बड़े राज्यों को लगातार पीछे छोड़ दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यहां केवल 2 प्रतिशत गरीब हैं, जबकि गुजरात में यह आंकड़ा12 प्रतिशत, यूपी में 23 प्रतिशत और बिहार में 34 प्रतिशत हैं.
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य कभी भी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू नहीं करेगा. यह मुसलमानों और श्रीलंकाई तमिलों के ख़िलाफ़ है. हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि एक सप्ताह में पूरे देश में सीएए लागू किया जाएगा.
एआईएडीएमके ने कहा कि यह क़दम एक साल से अधिक समय से पार्टी और उनके नेताओं पर भाजपा के हमलों और मानहानिकारक बयानों का विरोध है. दरअसल तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई अक्सर एआईएडीएमके के ख़िलाफ़ टिप्पणियां कर रहे थे और भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उनके प्रति उदार दिखाई दे रहा था.
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एआईएडीएमके महासचिव ई. पलानीस्वामी ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई की टिप्पणियों को ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बताते हुए कहा कि बिना किसी राजनीतिक अनुभव या परिपक्वता के भाजपा नेता ने जानबूझकर इस तरह की टिप्पणी की.
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने हाल ही में एआईडीएमके नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा था कि राज्य में पिछली कई सरकारें भ्रष्ट थीं. एआईडीएमके ने कहा कि अन्नामलाई की टिप्पणी का मतलब सिर्फ़ इतना है कि वह नहीं चाहते कि पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन जारी रहे और मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें.
राज्यपाल आरएन रवि और राज्य सरकार के बीच टकराव की शुरुआत रवि द्वारा प्रदेश का नाम बदलने का सुझाव देने के साथ हुई थी. बीते सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल ने सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण के कुछ अंशों को छोड़ दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस बदलाव को ख़ारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर रवि सदन से वॉकआउट कर गए.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक़, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये पांच दलों- जनता दल (यूनाइटेड), द्रविड़ मुनेत्र कषगम, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तेलंगाना राष्ट्र समिति को मिला है.
अन्नाद्रमुक के संस्थापक सदस्य और संगठन सचिव सी. पोन्नैयन ने राज्य में उसकी सहयोगी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसके साथ गठबंधन ‘चुनावी समझौता' था और उसकी विचारधारा अन्नाद्रमुक की विचारधारा से पूरी तरह से उलट है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा का तमिल विरोधी रुख़ स्वीकार नहीं है.
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 31 क्षेत्रीय पार्टियों को कुल 529.416 करोड़ रुपये की कुल आय हुई और उन्होंने 414.028 करोड़ रुपये अपने कुल ख़र्च घोषित किए हैं.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार को कुलपतियों का चयन करने का अधिकार नहीं होने के कारण उच्च शिक्षा पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है. पूर्व में राज्यपाल कुलपतियों का चयन करने से पहले राज्य सरकार से परामर्श करते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ऐसा नहीं किया जा रहा.
केंद्र के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) आयोजित करने के निर्णय के ख़िलाफ़ पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि नीट की तरह यह भी विविध स्कूली शिक्षा प्रणालियों को दरकिनार कर देगा और छात्रों को प्रवेश परीक्षा के अंकों में सुधार के लिए कोचिंग सेंटरों पर निर्भर बना देगा.
अखिल भारती विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम पर जुलाई 2020 में एक 62 वर्षीय विधवा महिला का उत्पीड़न करने का आरोप है. षणमुगम के ख़िलाफ़ अपार्टमेंट में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में महिला के घर के दरवाज़े पर पेशाब करने और उनके घर के सामने इस्तेमाल किए गए सर्जिकल मास्क फेंकने के आरोप भी शामिल हैं.