असम: छह महीने के लिए बढ़ाई गई आफ़स्पा की अवधि

असम सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बीते छह महीने की क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद पूरे राज्य को 28 फरवरी, 2022 से अगले छह महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है. नवंबर 1990 में राज्य में आफ़स्पा लागू किया गया था, जिसके बाद लगातार छह महीने के लिए इसकी अवधि में विस्तार किया जा रहा है.

असम में स्थानों के नाम बदलने के लिए सुझाव लेने को ‘पोर्टल’ शुरू किया जाएगा: मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि जल्द ही एक पोर्टल शुरू किया जाएगा, जिसमें पूरे राज्य के उन स्थानों के नाम बदलने के लिए सुझाव मांगे जाएंगे जो कि राज्य की संस्कृति और सभ्यता को नहीं दर्शाते हैं. विपक्ष के साथ ट्विटर पर कई लोगों ने स्थानों के नाम बदलने की आवश्यकता पर सवाल उठाया और सरकार को राज्य में सड़कों और बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे कामों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का सुझाव

असम में नागरिकता साबित करने की लड़ाई लड़ रहे 60 वर्षीय व्यक्ति मृत पाए गए

असम के मोरीगांव ज़िले का मामला. 60 वर्षीय माणिक दास दिसंबर 2019 से विदेशी न्यायाधिकरण में नागरिकता साबित करने की क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, जबकि उनका नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल था. उनके परिवार ने कहा कि मुक़दमे उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी, जिससे उन्होंने आत्महत्या कर ली.

असम: सांप्रदायिक टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस सांसद ने मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ शिकायत की

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य अब्दुल खालेक ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने 10 दिसंबर को कहा था कि दरांग ज़िले के गोरुखुटी में बेदख़ली अभियान 1983 की घटनाओं (असम आंदोलन के दौरान वहां कुछ युवाओं की हत्या) का बदला था. बीते सितंबर में गोरुखुटी में अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए लगभग 1,200-1,400 घरों को ढहा दिया गया था.

असम: सरकारी नौकरी पाने के लिए एससी, एसटी, आदिवासी को दो बच्चों के नियम से छूट दी गई

असम मंत्रिमंडल ने राज्य की क़रीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ़ करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंज़ूर किए. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हज़ार रुपये तक के क़र्ज़ माफ़ होंगे.

असम में अगस्त 2019 में प्रकाशित एनआरसी अंतिम है: फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल

असम के करीमगंज ज़िले के एक व्यक्ति को भारतीय नागरिक घोषित करते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि राष्ट्रीय पहचान पत्र अभी जारी किए जाने बाकी हैं लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 2019 में प्रकाशित नागरिक रजिस्टर फाइनल एनआरसी है.

हिमंता असम के इतिहास के सबसे सांप्रदायिक और विभाजनकारी मुख्यमंत्रीः अखिल गोगोई

असम विधानसभा में गो- संरक्षण विधेयक पारित किया गया है, जिसके तहत हिंदू, जैन, सिख बाहुल्य इलाकों और गोमांस न खाने वाले अन्य समुदायों वाले क्षेत्रों में गोमांस की ख़रीद और बिक्री पर प्रतिबंध का प्रावधान है. साथ ही मंदिर या वैष्णव मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में  गोमांस ख़रीदने-बेचने की मनाही है. इस विधेयक को पारित होने से न रोक पाने के लिए विधायक अखिल गोगोई ने असम के लोगों से माफ़ी मांगी है.

एनआरसी आवेदकों का बायोमेट्रिक डाटा ‘लॉक’ किए जाने का मामला केंद्र के समक्ष उठाया है: असम सरकार

31 अगस्त, 2019 को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित करने से पहले दावे एवं आपत्ति की प्रक्रिया के दौरान 27 लाख से ज्यादा आवेदकों की बायोमेट्रिक जानकारी एकत्रित की गई थी. एनआरसी की चल रही प्रक्रिया लंबित होने की वजह से इन आवेदकों के आंकड़ों को फ्रीज कर दिया गया है, जिसकी वजह से वे आधार नंबर प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

असम में बीते 25 सालों में हुई 2.15 लाख करोड़ की अनियमितताओं का अब तक जवाब नहीं: कैग

कैग ने असम विधानसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि असम सरकार के विभिन्न विभागों में 1994 से लेकर अगले 25 वर्षों के दौरान हुई 2,15,286 करोड़ रुपये की जिन कथित अनियमितताओं का उसने उजागर किया था, उससे संबंधित प्रश्नों का राज्य सरकार उत्तर नहीं दे पाई. 

आपात ट्रॉमा केयर सेंटर का संचालन न करने को लेकर कैग ने असम सरकार को फटकार लगाई

कैग ने असम के पांच अस्पतालों में आठ साल से भी ज्यादा वक्त से ट्रॉमा केयर केंद्रों का संचालन न करने को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की खिंचाई की. विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित ये सेंटर सिर्फ आवश्यक मानव संसाधन की कमी के कारण नहीं चल रहे हैं.

असमः गो-संरक्षण विधेयक पेश, मंदिर व मठ के पास गोमांस की खरीद-बिक्री पर होगी रोक

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा द्वारा पेश गो- संरक्षण विधेयक के तहत हिंदू, जैन, सिख बहुल्य इलाकों और गोमांस न खाने वाले अन्य समुदायों वाले क्षेत्रों में गोमांस की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध का प्रावधान है. साथ ही मंदिर या वैष्णव मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में  गोमांस खरीदने-बेचने की मनाही है.

असम सरकार ने गो-संरक्षण संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी, विधानसभा सत्र में पेश होगा

असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हज़ारिका ने कहा कि असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को विधानसभा के 12 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में राज्य के बाहर से मवेशियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सूत्रों ने कहा कि गोवध या गोमांस के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन हिंदू क्षेत्रों में इसके सेवन के संबंध में कुछ प्रावधान होंगे.

असम के सीएम ने कहा, मुस्लिम बुद्धिजीवी इस बात से सहमत कि जनसंख्या वृद्धि विकास के लिए ख़तरा है

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात के बाद कहा है कि वे सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए ख़तरा उत्पन्न कर रहा है. यदि असम भारत के पांच शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा.

असम में केवल दो बच्चों की नीति ही मुस्लिमों की ग़रीबी और अशिक्षा दूर कर सकती है: मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उनके राज्य के मुस्लिम अल्पसंख्यकों में गरीबी और निरक्षरता को मिटाने का एकमात्र तरीका दो बच्चों की नीति है. उन्होंने कहा कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है, लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही.

असम में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दो बच्चों का नियम लागू होगाः हिमंता बिस्वा शर्मा

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति राज्य की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र द्वारा किया जाता है. इससे पहले अल्पसंख्यकों को उचित परिवार नियोजन की सलाह देने को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी.