मेडिकल और स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करने वाली अमेरिकी वेबसाइट स्टैट की रिपोर्ट के अनुसार, कोवैक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक के एक निदेशक ने स्वीकार किया है कि टीकों को विकसित करने की प्रक्रिया में कुछ 'अनिवार्य' क़दम छोड़े गए थे.
टीके की मांग कम होने के कारण भारत बायोटेक ने इस साल की शुरुआत में दो खुराक वाले कोवैक्सीन टीके का उत्पादन रोक दिया था. हालांकि, इसने 2021 के अंत तक एक अरब खुराकों का उत्पादन कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को बिना समय गंवाए कोविड-19 से मृत लोगों के परिजनों को मुआवज़े का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि अगर किसी दावेदार को मुआवज़ा राशि का भुगतान न किए जाने या फिर उनका दावा ठुकराए जाने के संबंध में कोई शिकायत है तो वे संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख़ कर सकते हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के समय मज़दूरों से 5,400 जब्त ऐसी साइकिलों की नीलामी कर दी गई है, जिसे मज़दूर दोबारा लेने नहीं आ पाए. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से पलायन कर रहे मज़दूरों को प्रशासन सहारनपुर में क्वारंटीन करता था और फिर उनकी साइकिल जब्त कर उन्हें बस या ट्रेन से उनके घर भेज दिया जाता था.
वीडियो: पिछले हफ़्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि साल 2020 और 2021 में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई है. डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत हुई. भारत के अलावा किसी भी बड़े देश ने अभी तक इन आंकड़ों पर सवाल नहीं उठाया है.
भारत के रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में पंजीकृत कुल मौतों में से करीब 1.3 फ़ीसदी लोगों को एलोपैथी या अन्य चिकित्सा क्षेत्रों के योग्य पेशेवरों से चिकित्सा सुविधा मिली थी. मरने वालों में से 45 फ़ीसदी को उनकी मृत्यु के समय कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई थी. चिकित्सा सुविधा के अभाव में 2019 में मरने वालों की संख्या 35.5 प्रतिशत थी.
भारत ने डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रामाणिक आंकड़ों की उपलब्धता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी से संबंधित अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस्तेमाल किए गए मॉडल और डेटा संग्रह की कार्यप्रणाली संदिग्ध है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि रमज़ान के दौरान निजामुद्दीन मरकज़ के भूतल और चौथी मंज़िल पर नमाज़ तथा धार्मिक इबादत की अनुमति होगी. यह व्यवस्था केवल रमज़ान के एक महीने के लिए है, जिसका समापन ईद-उल-फ़ित्र के साथ होगा. अदालत ने स्पष्ट किया कि परिसर में कोई ‘तबलीग़ी गतिविधि’ या तक़रीर नहीं होगी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि एक प्रतिष्ठित जर्नल का अनुमान है कि भारत में एक जून, 2020 से एक जुलाई, 2021 के बीच कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 32 लाख है. यह आंकड़ा आधिकारिक आंकड़े चार लाख के मुकाबले आठ गुना अधिक है.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि गंगा नदी में फेंके गए संभावित कोविड-19 शवों की संख्या के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और उनके मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में भाषण देते हुए महाराष्ट्र और दिल्ली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा था कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्रवासियों को पलायन के लिए उकसाया था, जिससे कोरोना संक्रमण फैला.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि कोविड-19 से हुईं मौतों के आंकड़े सही और वास्तविक नहीं हैं, इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि पीड़ितों के परिजनों द्वारा किए गए मुआवज़े संबंधी आवेदन फ़र्ज़ी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से मौत से संबंधित दावों की तुलना में कम संख्या में मुआवज़ा दिए जाने को लेकर राज्य सरकारों की खिंचाई की है. कोविड-19 के कारण मौत संबंधी दावों की कम संख्या और ख़ारिज किए गए आवेदनों की अधिक संख्या को लेकर बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये आंकड़े वास्तविक नहीं, बल्कि सरकारी हैं.
वीडियो: भारत में महामारी की तीसरी लहर के बीच अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों का संघर्ष जारी है. राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के लेबर चौक इलाके में द वायर के याक़ूत अली ने मज़दूरों का हाल जाना.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोविड-19 मानदंड केवल उनकी पार्टी पर ही लागू होते हैं, न कि भाजपा पर जिसके कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में कथित चूक के विरोध में श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया था.’