पूर्व सीईसी सुनील अरोड़ा ने 2019 लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधा

60 से अधिक सेवानिवृत्त नौकरशाहों द्वारा साल 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर लिखे गए एक पत्र में कहा गया था कि यह बीते तीन दशकों में सबसे कम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव था. उस समय सुनील अरोड़ा तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त थे. इस पत्र में 2019 लोकसभा चुनाव के आयोजन में गंभीर विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था.

कर्नाटकः कांग्रेस ने 19 लाख ‘गायब’ ईवीएम का मुद्दा उठाया, चुनाव आयोग को तलब करने की मांग

राज्य विधानसभा में चुनावी सुधारों को लेकर विशेष चर्चा के दौरान पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक एचके पाटिल ने इस मामले पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगने के लिए स्पीकर पर दबाव डालने के लिए आरटीआई जवाबों का हवाला दिया है.

यूपी: अपना दल व निषाद पार्टी के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी भाजपा, अपर्णा यादव पार्टी में शामिल

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: यूपी में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर सपा-रालोद उम्मीदवार समेत 60 पर मामला दर्ज हुआ. उत्तराखंड में हरक सिंह रावत की वापसी को लेकर कांग्रेस में विरोध बढ़ा. पंजाब के मुख्यमंत्री ने ईडी के छापों को साज़िश बताया है, वहीं गोवा में शिवसेना-एनसीपी के बीच चुनाव-पूर्व गठबंधन हुआ.

पंजाबः मुख्यमंत्री चन्नी के आग्रह के बाद विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाई गई

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती होने की वजह से 14 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. अब चुनाव की तारीख 20 फरवरी तय की गई है.

500 से अधिक लोग, 23 संगठन ने आधार-वोटर आईडी लिंक का विरोध किया, कहा- बेहद ख़तरनाक

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से 'फ़र्ज़ी मतदाताओं' को बाहर निकालने का हवाला देते हुए वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि जानकारों ने कहा कि जब वोटर लिस्ट की तुलना में आधार डेटाबेस में पहले से ही ज्यादा ख़ामियां हैं, तो इसे वोटर आईडी से जोड़कर समाधान कैसे निकाला जा सकेगा.

पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कहा- मतदाता सूची अपडेट करने की तुरंत ज़रूरत

देश के पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को खुला पत्रकर लिखकर चुनावों के आयोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, जिसमें कमज़ोर और वंचित समूहों के लोगों को बाहर रखना और पंजीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों जैसे मुद्दे शामिल हैं.

उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि पर अदालत का निर्देश: चुनाव आयोग ने कोष पर दलों को पत्र लिखा

निर्वाचन आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि उसने एक कोष का निर्माण किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर अदालत की अवमानना के लिए जुर्माना जमा कराया जा सकता है. बीते दस अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि उन्हें अपनी वेबसाइट के होमपेज पर उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में सूचना प्रकाशित करनी होगी. 

यूपीः चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक करने, फर्जी पहचान पत्र बनाने के आरोप में युवक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले एक शख्स ने अपनी कंप्यटूर की दुकान पर कथित तौर पर हजारों की संख्या में फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए थे. चुनाव आयोग का कहना है कि उनका डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है.

दागी उम्मीदवारों की जानकारी नहीं देने पर भाजपा और कांग्रेस सहित आठ दलों पर जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छह पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, राजद, जदयू, भाकपा और लोक जनशक्ति पार्टी पर आंशिक रूप से आदेश का पालन नहीं करने के लिए एक-एक लाख रुपये और माकपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर आदेश का पूर्ण रूप से पालन नहीं करने के लिए पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा अपनी आधिकारिक

मामले का विचाराधीन होना आरटीआई के तहत सूचना देने से मना करने का आधार नहीं: सीआईसी

राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार के तहत लाने से संबंधित एक आवेदन को ख़ारिज करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने मामले के भारत के उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने को आधार बताया था.

चुनाव टालने को सोचा था लेकिन इसके ख़िलाफ़ निर्णय लिया गया: चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

बीते दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए इसके अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जा सकता है. इसे लेकर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपना एक अलग हलफ़नामा तैयार कर इस्तीफ़ा देने को कहा था. आयोग ने इसे ख़ारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट का निर्वाचन आयोग के ख़िलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियां हटाने से इनकार

मद्रास हाईकोर्ट ने बीते 26 अप्रैल को निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए उसे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए ‘अकेले’ ज़िम्मेदार क़रार दिया था और कहा था कि वह ‘सबसे ग़ैर ज़िम्मेदार संस्था’ है. इन टिप्पणियों को हटाने के लिए आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को रुख़ किया था.

मौखिक बयान महत्वपूर्ण, मीडिया को इन्हें प्रकाशित करने से नहीं रोक सकते: सुप्रीम कोर्ट

कोविड प्रबंधन पर मद्रास हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई टिप्पणियों को लेकर आयोग की याचिका पर शीर्ष अदालत ने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब उसके संस्थानों को मजबूत किया जाता है. हमें सुनिश्चित करना होता है कि जज अपने विचार रखने के लिए पर्याप्त स्वतंत्र हों. साथ ही अदालत में होने वाली हर बात को मीडिया रिपोर्ट करे ताकि जज गरिमा से अदालती कार्यवाही करें.

कोविड: कोर्ट ने कहा, यह सुनिश्चित करें कि मतगणना का दिन सुपर स्प्रेडर कार्यक्रम न बन जाए

मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों उठाने में कथित तौर पर लापरवाही को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि कि वह 14 महीनों से कर क्या रही थी? दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की गिनती होनी है.

कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने कहा, कोविड नियम लागू करवाना हमारी ज़िम्मेदारी नहीं

मद्रास हाईकोर्ट द्वारा कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल लागू करवाने में चुनाव आयोग की नाकामी की आलोचना के बाद आयोग ने कहा है कि महामारी से जुड़े क़ानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की आपदा प्रबंधन इकाइयों की है और उसने कभी यह भूमिका अपने हाथ में नहीं ली.