बीते वर्ष 3 अक्टूबर को खेड़ा ज़िले में एक मस्जिद के पास गरबा कार्यक्रम का विरोध किए जाने के बाद हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद हुआ था. इससे संबंधित एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी मुस्लिम युवकों को खंबे से बांधकर लाठियों से पीटते दिखे थे. पीड़ितों ने 15 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को ट्रेन के कोच में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय के थे.
वड़ोदरा के 'हिंदू' माने जाने वाले इलाके में एक मुस्लिम व्यक्ति के दुकान खरीदने पर आपत्ति जताने वाली याचिका को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि यह रवैया 'परेशान करने वाला' है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी से संबंधित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें. जुलाई 2016 में हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
आरटीआई के ज़रिये पूर्व भाजपा सांसद दीनू सोलंकी से जुड़ी अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ता अमित जेठवा को जुलाई 2010 में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर गोली मारी गई थी. सीबीआई अदालत ने सात आरोपियों, जिनमें दीनू और उनके भतीजे शिव भी शामिल थे, को दोषी ठहराया था.
याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत गुजरात हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश की नियुक्ति और वेतन-भत्तों से संबंधित जानकारी मांगी थी. गुजरात सूचना आयोग ने जानकारी को उपलब्ध कराए जाने योग्य माना था, लेकिन हाईकोर्ट ने आयोग के फैसले को रद्द कर दिया.
गुजरात सरकार ने कुछ दोषियों के मामलों में अपील दायर की है, जिनकी मौत की सज़ा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया था. राज्य के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे.
30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के अचानक टूटने से क़रीब 141 लोगों की मौत हो गई थी. पुल के रखरखाव व संचालन का ठेका ओरेवा समूह के पास था. मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें से चार ओरेवा के कर्मचारी हैं.
एक याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जिससे गुजरात पुलिस ने इनकार कर दिया. तब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत उन नियमों को प्रकाशित करने के लिए कहा, जो पुलिस को प्रदर्शन या रैलियां करने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं. हालांकि उनके आवेदन को गुजरात पुलिस द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था.
मामला वर्ष 2001 का है. गुजरात के वडोदरा स्थित एक पार्क में रात की शिफ्ट कर रहे सीआईएसएफ के एक जवान ने बाइक सवार जोड़े को रोककर युवती के साथ कुछ समय बिताने की मांग की थी और बाद में युवक की घड़ी लेकर उन्हें जाने दिया था. युवक की शिकायत के बाद सीआईएसएफ की विभागीय जांच में जवान को बर्ख़ास्त कर दिया गया था.
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से ‘कारसेवकों’ को लेकर लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा देने के कारण 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके कारण राज्य में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे.
बीते 30 अक्टूबर को मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के अचानक टूटने से 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पहले ही घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और कई आदेश पारित किए हैं.
मोरबी पुल हादसे पर स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की गई याचिका की सुनवाई में मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी नगर पालिका से पूछा था कि पुल के संचालन और रखरखाव का ठेका बिना निविदा निकाले क्यों दिया गया था.
बीते 30 अक्टूबर को मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के अचानक टूटने से क़रीब 141 लोगों की मौत हो गई थी. अब गुजरात हाईकोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के गृह विभाग, नगर पालिकाओं के आयुक्त, मोरबी नगर पालिका, ज़िलाधिकारी व राज्य मानवाधिकार आयोग को नोटिस जारी किया है.
बीते 3 अक्टूबर को खेड़ा ज़िले के एक गांव में एक मस्जिद के पास गरबा कार्यक्रम का विरोध किए जाने के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद हो गया था. घटना से संबंधित एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी मुस्लिम युवकों को पोल से बांधकर उन्हें लाठियों से पीटते नज़र आए थे. पीड़ितों ने 15 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.